हम उम्मीद करते हैं कि पूर्णिमा 2020 पर लिखा गया ये लेख आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। दरअसल इस लेख में हम आपको यह बतलाएंगे कि वर्ष 2020 में पूर्णिमा तिथि की तारीख़ क्या रहेंगी। साथ ही आप इस लेख में विस्तार से पूर्णिमा तिथि के महत्व के बारे में जानेंगे। जैसा कि हम सब जानते हैं कि पूर्णिमा तिथि का हिन्दू धर्म, हिन्दू पंचांग में आदि में कितना बड़ा महत्व होता है।
| दिनांक | पूर्णिमा |
| शुक्रवार, 10 जनवरी 2020 | पौष पूर्णिमा व्रत |
| रविवार, 09 फरवरी 2020 | माघ पूर्णिमा व्रत |
| सोमवार, 09 मार्च 2020 | फाल्गुन पूर्णिमा व्रत |
| बुधवार, 08 अप्रैल 2020 | चैत्र पूर्णिमा व्रत |
| गुरुवार, 07 मई 2020 | वैशाख पूर्णिमा व्रत |
| शुक्रवार, 05 जून 2020 | ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत |
| रविवार, 05 जुलाई 2020 | आषाढ़ पूर्णिमा व्रत |
| सोमवार, 03 अगस्त 2020 | श्रावण पूर्णिमा व्रत |
| बुधवार, 02 सितंबर 2020 | भाद्रपद पूर्णिमा व्रत |
| गुरुवार, 01 अक्टूबर 2020 | आश्विन पूर्णिमा व्रत (अधिक) |
| शनिवार, 31 अक्टूबर 2020 | अश्विन पूर्णिमा व्रत |
| सोमवार, 30 नवंबर 2020 | कार्तिक पूर्णिमा व्रत |
| बुधवार, 30 दिसंबर 2020 | मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत |
हिन्दू पंचांग पाँच चीज़ों से मिलकर बना है। ये पाँच चीज़ें तिथि, वार, करण, नक्षत्र एवं योग हैं। पंचांग के इन पाँच घटकों में एक है तिथि। पंचांग की 15 तिथियाँ एक पक्ष (शुक्ल/कृष्ण) का निर्माण करती हैं जबकि दो पक्षों से एक माह बनता है। दोनों की प्रथम तिथि प्रतिपदा कहलाती है। जबकि शुक्ल पक्ष की पंद्रहवीं तिथि पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की यही तिथि अमावस्या के नाम से जानी जाती है। पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा अपने पूर्ण रूप में होता है।
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पूर्णिमा तिथि हिन्दू पंचांग की महत्वपूर्ण तिथि है। इस तिथि को कई प्रकार के हिन्दू धार्मिक कर्म कांड किए जाते हैं। इसके साथ ही इसी तिथि में कई तरह के तीज एवं पर्व भी मनाए जाते हैं। पूर्णिमा तिथि पर कई तीर्थ स्थलों एवं पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप से मुक्ति मिल जाती है। विशेषकर कार्तिक, वैशाख और माघ की पूर्णिमा धार्मिक कर्मकांडों के लिए अति शुभ मानी जाती हैं। पूर्णिमा तिथि को सत्यनाराण की कथा करने पर समस्त प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है।
पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूरिपूर्ण होता है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन और द्रव्य पदार्थों का कारक माना जाता है। चूँकि चंद्रमा इस दिन अपने पूर्ण रूप में होता है इसलिए इसका असर व्यक्ति के मन में पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है। मनुष्य के शरीर में 70 प्रतिशत जल है। इसके कारण भी पूर्णिमा के दिन व्यक्ति के शरीर पर पूर्णिमा का प्रभाव पड़ता है। इसलिए इस दिन पवित्र जल में स्नान करने का विधान है। साथ ही व्यक्ति का मन इस दिन सात्विक रहे अतः इस तिथि को व्रत और पूजा का विधान है। पूर्णिमा के दिन समुद्र में अधिक ज्वार-भाटाएँ भी आती हैं।
पूर्णिमा तिथि को ही सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर जल और वातावरण में चंद्रमा का विशेष प्रभाव होता है। चन्द्रमा इस तिथि के स्वामी होते हैं, अतः इस दिन हर तरह की मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। इस दिन स्नान, दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है।
जब आकाश मंडल में चंद्र ग्रहण घटित होता है तो वह पूर्णिमा तिथि के दिन ही होता है। चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य और चंद्रमा के मध्य में पृथ्वी आ जाती है। इसमें पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है।
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पूर्णिमा का दिन धार्मिक रूप से पवित्र माना गया है। इसलिए इस दिन ग्रह नक्षत्र की चाल अथवा युति के कारण योग भी बनते हैं, जो बेहद शुभफलदायी होते हैं। पूर्णिमा तिथि को जब चंद्रमा और गुरु बृहस्पति एक ही नक्षत्र में स्थिति हों तो यह पूर्णिमा तिथि बेहद ही शुभकारी माना जाती है। इसी योग में दान-पुण्य के कर्म करने से समस्त प्रकार के कष्ट से मुक्ति मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि जिन व्यक्तियों का जन्म पूर्णिमा तिथि को होता है ऐसे व्यक्ति को चंद्र देव की आराधान नियमित रूप से करनी चाहिए।
अक्सर हमारा मन किसी न किसी चीज़ को लेकर बेचैन होता है। इसके साथ ही मन का चंचल स्वभाव भी हमें इधर-उधर की बातों को सोचने पर मजबूर करता है। अध्यात्म के अनुसार यदि किसी व्यक्ति ने अपने मन पर काबू पा लिया तो वह व्यक्ति साधारण व्यक्ति से असाधारण मनुष्य हो जाता है।
पूर्णिमा के दिन हमारा मन अत्यधिक विचलित हो सकता है। इसलिए इस दिन यदि योग साधना कर मन पर काबू पाया जाए तो व्यक्ति श्रेष्ठता की ओर अग्रसर होने लगता है। उसे अपने कार्य क्षेत्र में सफल होने से फिर कोई भी नहीं रोक सकता। हालाँकि आध्यात्मिक पथ पर चलना आसान नहीं होता है।
पूर्णिमा के दिन आप चंद्र ग्रह की शांति के उपाय कर सकते हैं। इससे आपकी कुंडली में चंद्र ग्रह की स्थिति मजबूत होगी और आपको मानसिक विकारों से छुटकारा मिलेगा। पूर्णिमा तिथि चंद्रमा के दुर्योगों को दूर करने की शुभ तिथि है। इस दिन चंद्र देव की आराधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। इस दिन चंद्र ग्रह की मजबूती के लिए आप निम्नलिखित उपायों को अपना सकते हैं:-
हम आशा करते हैं कि हमारी वेबसाइट एस्ट्रोकैम्प पर पूर्णिमा 2020 से संबंधित यह लेख आपके ज्ञानवर्धन में सहायक होगा। हमसे जुड़े रहने के लिए धन्यवाद!
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