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शनि गोचर 2018

Author: --- | Last Updated: Fri 1 Dec 2017 11:51:22 AM

शनि गोचर 2018 शनिदेव कर्मफल दाता और मोक्ष प्रदान करने वाले ग्रह माने गए हैं। वैदिक ज्योतिष में शनि देव को कलयुग का न्यायधीश कहा गया है। साल 2018 में शनि धनु राशि में स्थित रहेंगे।4 दिसंबर सोमवार को सूर्य के निकट होने से शनि ग्रह अस्त हो जाएगा यानि इसका प्रभाव कम हो जाएगा और यह 8 जनवरी 2018 सोमवार तक इसी अवस्था में रहेगा।18 अप्रैल 2018 गुरुवार को शनि धनु राशि में वक्री हो जाएंगे और 7 सितम्बर 2018 शुक्रवार को शनि पुन: वक्री से मार्गी होंगे। शनि ग्रह के इस संचरण का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। आइये जानते हैं प्रत्येक राशि पर होने वाले प्रभाव।

मेष

साल 2018 में शनि का गोचर आपकी राशि से नौंवे भाव में होगा। आपको व्यापार में श्रम अधिक करना पड़ेगा ,परन्तु लाभ की कमी रहेगी। पराक्रम का पूरा फल मिलने में कठिनाई उत्पन्न होंगी। भाई-बहनों का पूरा सहयोग प्राप्त होगा। रोगी वर्ग को बीमारी से राहत मिलेगी। शत्रु वर्ग परास्त होंगे। जब शनि वक्री गति करते हुए आपको आठवें भाव का फल देगा। इस समय कर्ज का बोझ बढ़ने की सम्भावना है। जीवन में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपको समझदारी से काम लेना होगा। संघर्ष करते हुए संयम से काम लें 7 सितम्बर 2018 को शनि के मार्गी होते ही आपको परिश्रम का फल प्राप्त होगा।

उपाय: शनि मंदिर में काले छाते का दान करें।

वृषभ

साल 2018 में शनि का गोचर वृषभ राशि से आठवें भाव में होगा।आपको इस साल यात्रा में सावधानी बरतनी होगी। क्योंकि सफर के समय परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। व्यापारी वर्ग को परिश्रम के बावजूद भाग्यवश लाभ की सम्भावना कम प्रतीत होगी। पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। शिक्षा एवं स्वास्थ्य को लेकर संतान पक्ष की चिंता रहेगी। विद्यार्थियों के लिए अप्रैल से सितम्बर तक का समय बेहद अच्छा है। क्योंकि वक्री गति के दौरान शनि का गोचर आपके सातवें भाव में होगा। इस दौरान आपको शिक्षा में सफलता मिलने की संभावना बनेगी। शनि के दोबारा वक्री गति करते हुए आठवें भाव में लौटने से आपको बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। कर्ज की सम्भावना रहेगी।

उपाय: शनिवार को कौवों को उड़द की दाल के बड़े खिलाएं।

मिथुन

इस वर्ष शनि का गोचर मिथुन राशि से सातवें भाव में होगा। मिथुन राशि वालों को मिश्रित फल प्राप्त होगा। जीवन साथी के प्रति उदासीनता और दिमाग मे नकारात्मक विचारों के कारण मन में उदास रहेगा। इस अवधि में भाग्य आपका साथ नहीं देगा। भूमि सम्बन्धी विवाद होंगे। जमीन एवं प्रॉपर्टी में लगा पैसा फंस सकता है। पैतृक संपत्ति से लाभ की सम्भावना बनेगी। गुप्त विद्या की तरफ आकर्षित होंगे। धार्मिक कार्यों में मन लगेगा। शनि वक्री होकर छठे घर का फल देंगे। धर्म के गुरु बृहस्पति की राशि में विराजे शनि कोर्ट कचहरी में सफलता दिलवाएंगे। धार्मिक कार्य में रूचि बढ़ेगी। विद्यार्थिंयों को परीक्षा में सफलता मिलने की सम्भावना रहेगी। मार्गी होने पर शनि आपकी माता के स्वास्थ्य में गिरावट एवं मन में उदासीनता का भाव पैदा कर सकते हैं।

उपाय: आप एक मिट्टी के बर्तन में सरसो का तेल भर कर शनिवार के दिन अपनी छाया देख कर शनि मंदिर में दान करें।

कर्क

इस वर्ष शनि का गोचर कर्क राशि से छठवें भाव में होगा। छठे भाव का शनि आपको प्रत्येक प्रकार के कार्य में सुख प्रदान करेगा। व्यापारी वर्ग नए व्यापार की शुरुआत कर सकते हैं। शत्रु पक्ष निर्बल रहेगा। धन के स्थान खुलेंगे एवं ऋण मुक्ति की सम्भावना बनेगी। नौकरी एवं व्यवसाय में अधिकार और उन्नति मिलेगी। प्रेमी वर्ग के लिए यह साल ज्यादा अच्छा नहीं रह सकता है। संबंधों में वैचारिक मतभेद होने की सम्भावना बन रही है। आपको अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना आवश्यक है। उदर पीड़ा, रक्त क्षय आदि से कष्ट हो सकता है। माता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।

उपाय: शनिवार को काँसे की कटोरी में तेल भर कर अपनी छाया देख कर डाकोत को तेल दें।

सिंह

इस वर्ष शनि का गोचर सिंह राशि से पंचम भाव में होगा। पंचम भाव का शनि आपको औसत फल देने वाला होगा। आपके जीवन में कन्या संतान का प्रवेश खुशियां लेकर आएगा। विद्यार्थी वर्ग को सफलता मिलेगी। अगर आप शेयर एवं सट्टे में पैसा लगाने के इच्छुक हैं तो इस वक़्त शेयर मार्किट में लाभ की संभावना बन रही है| व्यापारी वर्ग को सोच समझ कर लेन-देन करना चाहिए अन्यथा इस वर्ष धन हानि की सम्भावना है। आय से अधिक व्यय, कठिन परिश्रम करना होगा अन्यथा विद्यार्थियों को असफलता की सम्भावना है। अप्रैल से सितम्बर तक का समय बेहद नाजुक है। क्योंकि वक्री गति के दौरान शनि का गोचर आपके चतुर्थ भाव में होगा। प्रेमी वर्ग में अनबन हो सकती है इसलिए संयम से काम लें। 8 सितम्बर को शनि के मार्गी होने क बाद हालत सुधरेंगे।

उपाय: शनि मूर्ति पर सवा किलो सरसो का तेल चढ़ाएं।

कन्या

शनि का गोचर कन्या राशि से चतुर्थ भाव में होगा। चतुर्थ का शनि आपको कर्ज से मुक्ति दिलाएगा। रोगी वर्ग को बीमारी से राहत मिलेगी। व्यापारी वर्ग को व्यापार में सफलता एवं वृद्धि होने की संभावना बन रही है। पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नौकरी पेशा को पद में वृद्धि एवं प्रशासनिक लाभ मिल सकता है। वैवाहिक जीवन सामान्य रहेगा, जीवन साथी के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। प्रेमी वर्ग के लिए अच्छा समय है परन्तु एक दूसरे से झूठ न बोलें अन्यथा संबंधों में दरार आ सकती है। अप्रैल में शनि देव वक्री होकर आपकी राशि से तृतीय भाव में जायेंगे और आत्मबल में वृद्धि करेंगे। कार्यों में सफलता तथा नौकरी में स्थानांतरण का योग बनेगा। सितम्बर में शनि देव मार्गी हो जायेंगे जो भाई बन्धुओं से विरोध एवं परिवार में अनबन करा सकते हैं। यात्रा में कष्ट की सम्भावना रहेगी।

उपाय: अपने सिर से सात लोंग वार कर जलते दीपक में जला दें।

तुला

शनि आपका योग कारक ग्रह है जिसका आपके जीवन में बहुत प्रभाव है। इस वर्ष शनि का गोचर तुला राशि से तीसरे भाव में होगा। इसके फलस्वरूप आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और आप दृढ़ निश्चय के साथ सफलता प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर होंगे। आपको कार्यों में सफलता मिलेगी। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। व्यापारी वर्ग को धन -धान्य का लाभ होगा। अगर आपने जमीन में पैसा लगा रखा है तो इस साल लाभ मिलने की सम्भावना है। भूधन की प्राप्ति होगी। बेरोजगारों के लिए अच्छा समय है। आपको मनचाही नौकरी मिलने के योग हैं। नौकरीपेशा लोगों को लाभ की सम्भावना है। आपके अधिकारी आपके कार्य से खुश रहेंगे। जीवनसाथी से सम्बन्ध अच्छे रहेंगे। प्रेमी वर्ग को मानसिक तनाव हो सकता है। भाई बहनों से भी विचार नहीं मिलेंगे। शनि देव के वक्री होने पर धन हानि होने की सम्भावना बनेगी अतः सोच समझ कर कहीं निवेश करें। परिवार में अनबन हो सकती है। सितम्बर में शनि देव के मार्गी होने पर समय पुनः अनुकूल होगा।

उपाय: शनि मंदिर में लोहे और पत्थर आदि का दान दें।

वृश्चिक

इस वर्ष शनि का गोचर वृश्चिक राशि से दूसरे भाव में होगा। इस समय में वृश्चिक राशि वालों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। पारिवारिक अनबन तनाव का कारण बन सकती है। व्यापारी वर्ग सोच समझ कर अपने विवेक से निर्णय लें अन्यथा गलत फैसले लेने से हानि हो सकती है और बनते काम बिगड़ जाएंगे। आपकी संतान को कष्ट हो सकता है। नौकरी पेशा जातक व्यर्थ की भागदौड़ एवं यात्रा से परेशान रहेंगे। लाभ की जगह हानि की सम्भावना अधिक है अतः इस समय कोई भी बड़ा निर्णय न लें। जीवन साथी से बेवजह विवाद न करें अन्यथा रिश्तों में तनाव हो सकता है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। अप्रैल में शनि के वक्री होने पर कुछ राहत मिलेगी। फंसा हुआ पैसा मिलने की सम्भावना बन रही है। नौकरी में शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। विद्यार्थी वर्ग को मेहनत का फल प्राप्त होगा। अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें। नए लोगों से सम्बंध आपके लिए लाभप्रद रहेंगे। दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी। शनि ग्रह सितम्बर में मार्गी होंगे जो संघर्षमय जीवन देंगे। जन्म स्थान छोड़ने के लिए मज़बूर होना पड़ सकता है। आपके व्यवसाय में परिवर्तन की सम्भावना रहेगी। इस समय में सचेत रहने की ज़रुरत है।

उपाय: शनिश्चरी अमावस्या के दिन अपना पहना पुराना वस्त्र गरीब को दान करें।

धनु

इस साल शनि का गोचर धनु राशि में होगा। यह समय आपके लिए चुनौतीपूर्ण रह सकता है। इस दौरान आपको मानसिक तनाव और हर कार्य में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। अगर पहले से कोई बीमारी है जिसका इलाज चल रहा है उसमें लापरवाही नहीं बरतें वरना बड़ी हानि हो सकती है। सेहतमंद रहने के लिए नियमित रूप से आराम करें और स्वयं का ख्याल रखें। विद्यार्थी वर्ग आलस्य का त्याग करें अन्यथा परीक्षा में असफलता की सम्भावना बनेगी। खर्च की अधिकता रहेगी। भाइयों से विवाद की सम्भवना रहेगी। आपके कार्य एवं व्यवसाय में अचानक भारी फेरबदल होने की सम्भावना रहेगी। व्यापारी वर्ग को मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे। व्यापार में उन्नति होगी परन्तु बहुत ज्यादा मेहनत करनी होगी। कार्य की अधिकता रहेगी। दाम्पत्य सुख को लेकर आपके मन में असंतोष रहेगा। अप्रैल में शनि देव वक्री होंगे जो आपको अधिक परिश्रम के बावजूद निराशा का सामना कराएँगे। विदेश जाने के अवसर प्राप्त होंगे। आय से अधिक व्यय की सम्भावना रहेगी। कार्यों में बाधाएँ आ सकती हैं जिससे मानसिक कष्ट होगा। सितम्बर में शनि के मार्गी होने पर वायु सम्बन्धी रोगों से पीड़ा हो सकती है। नियमित योग ध्यान करें एवं व्यर्थ की भाग दौड़ से बचने का प्रयास करें।

उपाय: शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक काले तिल डालकर जलाएं।

मकर

इस वर्ष शनि का गोचर मकर राशि से बारहवें भाव में होगा। इस दौरान असफलता मिलने से निराशा हो सकती है। इस साल खर्च ज्यादा होने से नुकसान हो सकता है। विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं। स्वास्थ्य संबंधी समस्या परेशान कर सकती है। आय से अधिक व्यय परेशानी का सबब बनेगा। मनचाही सफलता नहीं मिलने से मन मायूस होगा और इसका असर आपके स्वभाव पर पड़ेगा। हालांकि विदेशी भूमि से सफलता मिलने के अासार हैं। व्यापारी वर्ग के लिए निवेश न करना ही हितकर रहेगा। इस अवधि में परिवार से दूरी बढ़ सकती है। विद्यार्थियों को अपने घर से दूर रहकर परीक्षा में सफलता प्राप्त होगी। आपके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन होंगे। रहन-सहन का ढंग, मित्र वर्ग, सोच विचार गहन रूप से प्रभावित होंगे। आप इस समय अपने जीवन में स्थिरता देखेंगे। अप्रैल में शनि का वक्री गति से चलना आपके लिए लाभप्रद रहेगा। व्यापारियों को शुभ समाचार प्राप्त होगा। नौकरी पेशा जातक सफलता प्राप्त करेंगे। जीवन साथी से अच्छी बनेगी। आर्थिक लाभ की सम्भावना रहेगी। सितम्बर में शनि देव फिर से मार्गी होंगे जो अचानक यात्रा एवं कोई महत्वपूर्ण कार्य कराएंगे।

उपाय: शनि देव के मंदिर में अपने वजन के बराबर शनि मूर्ति पर तेल चढ़ाएं।

कुम्भ

इस साल शनि का गोचर कुंभ राशि से ग्यारहवें भाव में होगा। इसके फलस्वरूप आपकी आय में वृद्धि की सम्भावना बनेगी । कार्य स्थल पर हर वक्त अच्छे अवसर मिलेंगे। बेहतर ज़िंदगी को लेकर जो सपना आपने देखा था वो इस साल पूरा होने की संभावना है। नौकरी वर्ग को पद में वृद्धि एवं सफलता की प्राप्ति होगी। व्यापारी वर्ग को धन सम्पदा में वृद्धि की सम्भावना बन रही है। आपके लिए अच्छा समय है अच्छे कार्य में निवेश कर सकते हैं। शुभ फल मिलने से मन में हर्ष बना रहेगा। रोगी वर्ग को रोग में राहत मिलेगी। प्रेमी वर्ग विवाह बंधन में बंध सकते हैं। जीवन साथी से सम्बन्ध मधुर रहेंगे। जीवन साथी से लाभ प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग को परीक्षा में सफलता प्राप्त होगी। अप्रैल में शनि के वक्री होने पर नौकरी में परिवर्तन की सम्भावना बनेगी। अगर आप नौकरी बदलने के इच्छुक हैं तो यह समय अच्छा है नौकरी परिवर्तन से लाभ प्राप्त होगा। कोर्ट कचहरी में धन का व्यय होगा। आप पैरों के कष्ट एवं जोड़ों के दर्द से परेशान रह सकते हैं। जीवन साथी से विचार नहीं मिलेंगे। मानसिक तनाव की सम्भावना रहेगी। सितम्बर में शनि देव के मार्गी होने पर रोग से मुक्ति एवं शुभ समाचार प्राप्त होंगे।

उपाय: शनिवार को एक नारियल अपने सिर पर से सात बार उसार कर पानी में बहाएं।

मीन

इस वर्ष शनि का गोचर मीन राशि से दसवें भाव में होगा। इसके फलस्वरूप इस साल आमदनी से अधिक खर्च की सम्भावना बनेगी। इसलिए बेहतर होगा कि बेवजह खर्च करने से बचें। नौकरी एवं व्यवसाय में परिवर्तन होने की सम्भावना बन रही है। समाज में किसी बात पर विरोध की सम्भावना बनेगी। आर्थिक रूप से आप परेशान रहेंगे। रोजगार के अवसर हाथ से निकलने की सम्भावना रहेगी अतः सचेत रहें। जीवन साथी से संबंधों में कटुता रहेगी। प्रेमी वर्ग मानसिक तनाव से ग्रसित रहेगा। आपको राजनीति में सफलता मिलने की सम्भावना है। अधिक लाभ होगा एवं व्यापार में आश्चर्य जनक बढ़ोत्तरी होगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह समय अच्छा नहीं है। अप्रैल में शनि देव के वक्री होने पर आप धार्मिक कार्यों में रूचि लेंगे। आपका शत्रु पक्ष कमजोर होगा। किसी अशुभ समाचार की प्राप्ति होगी। सितम्बर में शनि देव के मार्गी होने पर आर्थिक लाभ होगा।

उपाय: शनि चालीसा का पाठ करें।

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