Author: AstroGuru Mrugank | Last Updated: Wed 21 Aug 2024 11:14:24 AM
एस्ट्रोकैंप के 2025 गृह प्रवेश मुहूर्त आर्टिकल में बताया गया है कि आने वाले साल में गृह प्रवेश के लिए शुभ तिथियां, शुभ दिन और शुभ समय क्या है। इसके साथ ही इस लेख में यह जानकारी भी दी गई है कि गृह प्रवेश का महत्व क्या है और क्या बिना गृह प्रवेश मुहूर्त के भी गृह प्रवेश की पूजा की जा सकती है एवं गृह प्रवेश कितने प्रकार का होता है।
Read in English: 2025 Griha Pravesh Muhurat
2025 गृह प्रवेश मुहूर्त के अनुसार, नए घर में प्रवेश करने के लिए हिंदू धर्म में कुछ रीति-रिवाज़ एवं नियम बनाए गए हैं। इसके साथ ही शुभ तिथि एवं मुहूर्त में ही नए घर में प्रवेश करना चाहिए। नए घर में प्रवेश करने को ही गृह प्रवेश कहा जाता है। ज्योतिषियों का मानना है कि नए घर में तब प्रवेश करना चाहिए, जब सकारात्मक ऊर्जाओं का स्तर बहुत ज्यादा होता है। शुभ तिथि और नक्षत्र के आधार पर इस बात का पता लगाया जा सकता है कि किस दिन सकारात्मक ऊर्जाएं सबसे अधिक होती हैं और इसके अनुसार आपको कब गृह प्रवेश करना चाहिए।
2025 गृह प्रवेश मुहूर्त के मुताबिक, खरमास, श्राद्ध और चार्तुमास के दौरान गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए। गृह प्रवेश के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेना आवश्यक है।
भारत में नए घर या प्रॉपर्टी को खरीदने या नए घर में प्रवेश करने से पहले 2025 गृह प्रवेश मुहूर्त देखने का रिवाज़ है। माना जाता है कि शुभ दिन या मुहूर्त में गृह प्रवेश करने से उस घर एवं परिवार में सौभाग्य आता है। गृह प्रवेश एक हिंदू अनुष्ठान है जिसमें घर में पहली बार कदम रखने पर या वहां रहना शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त में पूजा समारोह किया जाता है।
2025 गृह प्रवेश मुहूर्त में वर्ष 2025 में गृह प्रवेश के लिए सभी शुभ तिथियों की सूची दी गई है। इस सूची में आपको हर महीने की शुभ तिथि, शुभ दिन और शुभ समय की जानकारी मिल जाएगी। आप अपने ज्योतिषी से परामर्श कर के अपने गृह प्रवेश के लिए कोई शुभ तिथि चुन सकते हैं।
इस माह में गृह प्रवेश करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
फरवरी मुहूर्त
तारीख़ और दिन |
शुभ मुहूर्त |
तिथि |
नक्षत्र |
06 फरवरी, गुरुवार |
रात्रि को 10 बजकर 52 मिनट से 07 फरवरी 2025 की सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक |
दशमी |
रोहिणी |
07 फरवरी, शुक्रवार |
सुबह 07 बजरकर 07 मिनट से अगले दिन सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक |
दशमी और एकादशी |
रोहिणी, मृगशिरा |
08 फरवरी, शनिवार |
सुबह 07 बजकर 07 मिनट से शाम के 06 बजकर 06 मिनट तक |
एकादशी |
मृगशिरा |
14 फरवरी, शुक्रवार |
रात्रि को 11 बजकर 09 मिनट से लेकर अगले दिन की सुबह 07 बजकर 03 मिनट तक |
तृतीया |
उत्तरा फाल्गुनी |
15 फरवरी, शनिवार |
सुबह 07 बजकर 03 मिनट से लेकर रात्रि के 11 बजकर 51 मिनट तक |
तृतीया |
उत्तरा फाल्गुनी |
17 फरवरी, सोमवार |
सुबह 07 बजकर 01 मिनट से लेकर अगली सुबह 04 बजकर 52 मिनट तक |
पंचमी |
चित्रा |
तारीख़ और दिन |
शुभ मुहूर्त |
तिथि |
नक्षत्र |
01 मार्च, शनिवार |
सुबह 11 बजकर 22 मिनट से लेकर अगले दिन की सुबह 06 बजकर 51 मिनट तक |
द्वितीया और तृतीया |
उत्तरा भाद्रपद |
05 मार्च, बुधवार |
रात्रि को व1 बजकर 08 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 47 मिनट तक |
सप्तमी |
रोहिणी |
06 मार्च, गुरुवार |
सुबह 06 बजकर 47 मिनट से 10 बजकर 50 मिनट तक |
सप्तमी |
रोहिणी |
14 मार्च, शुक्रवार |
12 बजकर 23 मिनट से अगले दिन के सबह 06 बजकर 39 मिनट तक |
प्रतिपदा |
उत्तरा फाल्गुनी |
17 मार्च, सोमवार |
06 बजकर 37 मिनट से दोपहर के 02 बजकर 46 मिनट तक |
तृतीया |
चित्रा |
24 मार्च, सोमवार |
06 बजकर 30 मिनट से लेकर 04 बजकर 26 मिनट तक |
दशमी |
उत्तराषाढ़ा |
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तारीख़ और दिन |
शुभ मुहूर्त |
तिथि |
नक्षत्र |
30 अप्रैल, बुधवार |
सुबह 05 बजकर 58 मिनट से दोपहर 02 बजकर 11 मिनट तक |
तृतीया |
रोहिणी |
तारीख़ और दिन |
शुभ मुहूर्त |
तिथि |
नक्षत्र |
07 मई, बुधवार |
शाम को 06 बजकर 16 मिनट से अगले दिन की सुबह 05 बजकर 53 मिनट तक |
एकादशी |
उत्तरा फाल्गुनी |
08 मई, गुरुवार |
05 बजकर 53 मिनट से लेकर 12 बजकर 28 मिनट तक |
एकादशी |
उत्तरा फाल्गुनी |
09 मई, शुक्रवार |
रात के 12 बजकर 08 मिनट से सुबह 05 बजकर 52 मिनट तक |
त्रयोदशी |
चित्रा |
10 मई, शुक्रवार |
सुबह 05 बजकर 52 मिनट से शाम के 05 बजकर 29 मिनट तक |
त्रयोदशी |
चित्रा |
14 मई, बुधवार |
सुबह 05 बजकर 50 मिनट से लेकर 11 बजकर 46 मिनट तक |
द्वितीया |
अनुराधा |
17 मई, शनिवार |
शाम 05 बजकर 43 मिनट से अगली सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक |
पंचमी |
उत्ताराषाढा |
22 मई, गुरुवार |
शाम 05 बजकर 47 मिनट से लेकर अगली सुबह 05 बजकर 46 मिनट तक |
दशमी, एकादशी |
उत्तरा भाद्रपद |
23 मई, शुक्रवार |
सुबह 05 बजकर 46 मिनट से लेकर रात्रि 10 बजकर 29 मिनट तक |
एकादशी |
उत्तरा भाद्रपद, रेवती |
28 मई, बुधवार |
सुबह 05 बजकर 45 मिनट से लेकर रात्रि के 12 बजकर 28 मिनट तक |
द्वितीया |
मृगशिरा |
तारीख़ और दिन |
शुभ मुहूर्त |
तिथि |
नक्षत्र |
06 जून, शुक्रवार |
सुबह 06 बजकर 33 मिनट से लेकर अगली सुबह 04 बजकर 47 मिनट तक |
एकादशी |
चित्रा |
इस माह में गृह प्रवेश करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
इस माह में गृह प्रवेश करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
इस माह में गृह प्रवेश करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
अक्टूबर मुहूर्त
तारीख़ और दिन |
शुभ मुहूर्त |
तिथि |
नक्षत्र |
24 अक्टूबर, शुक्रवार |
सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर रात्रि 01 बजकर 18 मिनट तक |
तृतीया |
अनुराधा |
नवंबर मुहूर्त
तारीख़ और दिन |
शुभ मुहूर्त |
तिथि |
नक्षत्र |
03 नवंबर, सोमवार |
सुबह 06 बजकर 36 मिनट से लेकर रात्रि 02 बजकर 05 मिनट तक |
त्रयोदशी |
उत्तरा भाद्रपद, रेवती |
07 नवंबर, शुक्रवार |
सुबह 06 बजकर 39 मिनट से लेकर अगली सुबह 06 बजकर 39 मिनट तक |
द्वितीया और तृतीया |
रोहिणी और मृगशिरा |
14 नवंबर, शुक्रवार |
रात्रि 09 बजकर 20 मिनट से लेकर 06 बजकर 44 मिनट तक |
दशमी और एकादशी |
उत्तरा फाल्गुनी |
15 नवंबर, शनिवार |
सुबह 06 बजकर 44 मिनट से लेकर 11 बजकर 34 मिनट तक |
एकादशी |
उत्तरा फाल्गुनी |
24 नवंबर, सोमवार |
रात्रि 09 बजकर 53 मिनट से अगली सुबह 06 बजकर 51 मिनट तक |
पंचमी |
उत्तराषाढ़ा |
इस माह में गृह प्रवेश करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
2025 गृह प्रवेश मुहूर्त के अनुसार, प्राचीन हिंदू सभ्यता में गृह प्रवेश के तीन प्रकार बताए गए हैं। इनमें अपूर्व गृह प्रवेश, सपूर्व गृह प्रवेश और द्वंद्व गृह प्रवेश शामिल हैं।
इसमें अपूर्व गृह प्रवेश का अर्थ होता है अपने आप में अनोखा। सपूर्व गृह प्रवेश का मतलब होता है पहले से ही घर होना और द्वंद्व गृह प्रवेश का मतलब होता है दूसरी बार। आइए गृह प्रवेश के इन प्रकारों को थोड़ा संक्षेप में समझते हैं।
अपूर्व गृह प्रवेश: अपूर्व का अर्थ होता है अनोखा या जो पहले न किया गया हो। अपूर्व गृह प्रवेश को नए गृह प्रवेश के रूप में जाना जाता है। इसमें परिवार के सदस्य अपने पुराने घर से नए घर में पहली बार प्रवेश करते हैं।
सपूर्व गृह प्रवेश: 2025गृह प्रवेश मुहूर्त के मुताबिक, इसमें इंडिपेंडेंट घर, रीसेल के लिए दिए गए घर या किराए पर देने वाले घर का गृह प्रवेश किया जाता है। इस तरह के घर पहले से ही बने होते हैं और यहां पर किराएदार रहते हैं।
द्वंद्व गृह प्रवेश: जब किसी घर में प्राकृतिक आपदा जैसे कि भूकंप की वजह से कोई परेशानी आ रही हो, तो इस स्थिति में द्वंद्व गृह प्रवेश संपन्न किया जाता है। इस तरह की पूजा से वहां रहने वाले लोगों को सकारात्मक सोचने और आगे बढ़कर खुशहाल जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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नए घर में गृह प्रवेश करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें:
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वैदिक शास्त्रों के अनुसार गृह प्रवेश की पूजा विस्तृत तरीके से की जाती है। अनुभवी पंडित या ज्योतिषी से पूजा करवाना उत्तम रहता है लेकिन अगर किसी कारणवश पंडित उपलब्ध नहीं है, तो आप खुद भी अपने नए घर की पूजा कर सकते हैं।
इसके लिए आप सबसे पहले हिंदू कैलेंडर में पूजा के लिए शुभ तिथि निकालें। गृह प्रवेश की पूजन सामग्री लाकर पूजन आरंभ करें।
वैसे तो 2025 गृह प्रवेश मुहूर्त में ही गृह प्रवेश करना चाहिए लेकिन अगर आप इन चीज़ों में विश्वास नहीं करते हैं, तो आप बिना कोई मुहूर्त देखे गृह प्रवेश पूजा कर सकते हैं। हालांकि, आपको अपने नए घर में गृह शांति पाठ जरूर करवाना चाहिए ताकि आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा रहे और नकारात्मक एवं बुरी नज़र दूर हो। आप पूजन के बाद दान-पुण्य भी कर सकते हैं।
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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसे ही और भी लेख के लिए बने रहिए एस्ट्रोकैंप के साथ। धन्यवाद !
1. नए घर में प्रवेश के लिए कौन सा दिन अच्छा रहता है?
ज्योतिष के अनुसार, गृह प्रवेश के लिए गुरुवार, शुक्रवार या रविवार के दिन शुभ रहते हैं।
2. जून 2025 में गृह प्रवेश का मुहूर्त कब है?
2025 के जून में सिर्फ एक मुहूर्त गृह प्रवेश के लिए उपलब्ध है जो कि 06 जून को है।
3. कब है मार्च 2025 में गृह प्रवेश मुहूर्त?
इस साल के मार्च में गृह प्रवेश के कुल 6 मुहूर्त उपलब्धि हैं।
4. क्या 2025 में अक्षय तृतीया पर गृह प्रवेश कर सकते हैं?
हाँ, अक्षय तृतीया का दिन गृह प्रवेश से लेकर सभी तरह के कार्यों के लिए शुभ होता है।