2025 नामकरण मुहूर्त: जाने शुभ मुहूर्त, तिथि और समय।

Author: AstroGuru Mrugank | Last Updated: Fri 30 Aug 2024 5:09:07 PM

2025 नामकरण मुहूर्त : सनातन धर्म में व्यक्ति की जन्म से लेकर मृत्यु तक कुल 16 संस्कारों का जिक्र किया गया है इनमें से पांचवा संस्कार होता है नामकरण संस्कार। अन्य संस्कारों की तरह इसका भी विशेष महत्व होता है। नामकरण संस्कार जैसा की नाम से ही साफ है इसमें बच्चों का नाम रखा जाता है। अब सवाल उठता है कि आखिर नामकरण संस्कार इतना महत्वपूर्ण क्यों है? उसका एक सबसे स्पष्ट जवाब यही है कि व्यक्ति का नाम उसके व्यक्तित्व, उसके भूत, भविष्य, वर्तमान पर गहरा असर डालता है और यही वजह है कि नामकरण संस्कार को अन्य संस्कारों की ही तरह बेहद ही महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि अगर किसी भी संतान का नाम 2025 नामकरण मुहूर्त के दौरान किया जाए तो इससे उसके जीवन में सफलता, समृद्धि और सुख शांति बनी रहती है। अपने खास ब्लॉग में आज हम आपको 2025 नामकरण मुहूर्त की जानकारी देंगे। साथ ही जानेंगे नामकरण मुहूर्त का महत्व क्या होता है और नामकरण मुहूर्त के दौरान क्या कुछ सावधानियां बरतनी होती है।


Read in English: 2025 Namkaran Muhurat

नामकरण संस्कार कब करें? 

शास्त्रों के अनुसार जब भी किसी बच्चे का जन्म होता है तो जन्म के दसवें दिन सूतक के शुद्धिकरण के लिए यज्ञ कराया जाता है और उसके बाद नामकरण संस्कार कराया जाता है। 2025 नामकरण मुहूर्त के अनुसार, सप्ताह में सोमवार, गुरुवार और शुक्रवार का दिन नामकरण संस्कार के लिए बेहद ही शुभ माने गए हैं लेकिन वहीं अमावस्या तिथि, चतुर्थी तिथि और अष्टमी तिथि के दिन नामकरण करना शुभ नहीं होता है।

आयुर्वेदभिवृद्धिश्च सिद्धिर्व्यवहतेस्तथा।

नामकर्मफलं त्वेतत् समुदृष्टं मनीषिभि:।।

इस श्लोक का अर्थ होता है कि नाम का प्रभाव बच्चों के व्यक्तित्व पर खास तौर पर पड़ता है। व्यक्ति का नाम उसके अस्तित्व की पहचान बनता है। इसके अलावा अपने नाम से ही व्यक्ति अपने जीवन में ख्याति प्राप्त करता है। 

नाम के महत्व और नामकरण संस्कार के महत्व जानने के बाद चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं वर्ष 2025 में पड़ने वाली सभी 2025 नामकरण मुहूर्त की जानकारियां।

2025 नामकरण मुहूर्त 

जनवरी 2025 के नामकरण मुहूर्त की सूची

दिन 

समय 

1 जनवरी 2025

08:40-10:22

11:50-16:46

2 जनवरी 2025

08:36-10:18

11:46-16:42

6 जनवरी 2025

08:20-12:55

14:30-16:26

15 जनवरी 2025

07:46-12:20

31 जनवरी 2025

08:24-09:52

11:17-17:02

फरवरी 2025 के नामकरण मुहूर्त की सूची

दिन 

समय 

7 फरवरी 2025

09:24-14:20

10 फरवरी 2025

07:45-09:13

10:38-16:23

17 फरवरी 2025

08:45-13:41

15:55-18:16

मार्च 2025 के नामकरण मुहूर्त की सूची

दिन 

समय 

6 मार्च 2025

07:38-12:34

14 मार्च 2025

14:17-16:37

24 मार्च 2025

07:52-09:28

13:38-17:14

26 मार्च 2025

07:45-11:15

13:30-18:08

31 मार्च 2025

07:25-09:00

10:56-15:31

अप्रैल 2025 के नामकरण मुहूर्त की सूची

दिन 

समय 

2 अप्रैल 2025

13:02-17:40

10 अप्रैल 2025

14:51-17:09

14 अप्रैल 2025

08:05-12:15

14:36-16:53

24 अप्रैल 2025

07:26-11:36

25 अप्रैल 2025

11:32-13:52

30 अप्रैल 2025

07:02-08:58

11:12-15:50

मई 2025 के नामकरण मुहूर्त की सूची

दिन 

समय 

1 मई 2025

13:29-15:46

8 मई 2025

13:01-17:35

9 मई 2025

10:37-17:31

14 मई 2025

08:03-12:38

23 मई 2025

07:27-12:02

14:20-16:32

28 मई 2025

09:22-16:16

जून 2025 के नामकरण मुहूर्त की सूची

दिन 

समय 

5 जून 2025

08:51-15:45

6 जून 2025

08:47-15:41

16 जून 2025

08:08-17:21

20 जून 2025

12:29-17:05

26 जून 2025

14:22-16:42

27 जून 2025

07:51-09:45

12:02-16:38

जुलाई 2025 के नामकरण मुहूर्त की सूची

दिन 

समय 

2 जुलाई 2025

07:05-13:59

7 जुलाई 2025

06:45-09:05

11:23-18:17

11 जुलाई 2025

06:29-11:07

15:43-18:01

17 जुलाई 2025

10:43-17:38

21 जुलाई 2025

08:10-12:44

15:03-17:22

31 जुलाई 2025

07:31-14:24

अगस्त 2025 के नामकरण मुहूर्त की सूची

दिन 

समय 

4 अगस्त 2025

09:33-11:49

11 अगस्त 2025

06:48-13:41

13 अगस्त 2025

08:57-15:52

20 अगस्त 2025

08:30-13:05

25 अगस्त 2025

12:46-17:08

28 अगस्त 2025

07:58-12:34

14:53-16:57

सितंबर 2025 के नामकरण मुहूर्त की सूची

दिन 

समय 

4 सितंबर 2025

07:31-09:47

12:06-16:29

5 सितंबर 2025

07:27-09:43

12:03-16:15

अक्टूबर 2025 के नामकरण मुहूर्त की सूची

दिन 

समय 

2 अक्टूबर 2025

10:16-16:21

24 अक्टूबर 2025

07:10-11:08

13:12-16:22

29 अक्टूबर 2025

08:30-10:49

31 अक्टूबर 2025

10:41-15:55

नवंबर 2025 के नामकरण मुहूर्त की सूची

दिन 

समय 

3 नवंबर 2025

08:11-10:29

12:33-16:10

7 नवंबर 2025

07:55-14:00

15:27-16:52

27 नवंबर 2025

07:24-12:41

14:08-17:09

दिसंबर 2025 के नामकरण मुहूर्त की सूची

दिन 

समय 

5 दिसंबर 2025

08:37-12:10

13:37-16:37

15 दिसंबर 2025

08:33-12:58

14:23-17:53

22 दिसंबर 2025

07:41-09:20

12:30-17:10

24 दिसंबर 2025

13:47-16:31

25 दिसंबर 2025

07:43-12:18

13:43-15:19

29 दिसंबर 2025

12:03-15:03

क्या यह जानते हैं आप की शास्त्रों के अनुसार वैदिक काल में चार प्रकार के नाम के प्रचलन का उल्लेख मिलता है जिसमें से पहले होता है 'नक्षत्र नाम' इसमें शिशु का नाम उसके जन्म नक्षत्र पर आधारित रखा जाता है। दूसरा होता है 'गुप्त नाम' यह नाम जात कर्म के समय माता-पिता के द्वारा रखा जाता है। तीसरा होता है 'व्यवहारिक नाम' यह नामकरण संस्कार के दौरान रखा गया नाम होता है। चौथा होता है 'याज्ञिक नाम' यह नाम यज्ञ कर्म विशेष के संपादन के आधार पर रखा जाता है।

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नामकरण संस्कार करने की सही उम्र क्या है? 

2025 नामकरण मुहूर्त के अनुसार, नामकरण संस्कार शिशु के जन्म के 10 दिन बाद कर दिया जाता है। कहते हैं कि शिशु के जन्म से सूतक प्रारंभ हो जाता है। हालांकि इसकी अवधि अलग-अलग होती है जैसे पराशर स्मृति के अनुसार बात करें तो ब्राह्मण वर्ण में सूतक 10 दोनों का माना गया है, क्षत्रियों में यह 12 दिन का होता है, वैश्य में 15 दिन का और शूद्र में यह सूतक एक महीने का माना जाता है। हालांकि आज के समय में हम देखें तो वर्ण व्यवस्था अप्रासंगिक हो चुकी है ऐसे में 11 दिन के बाद नामकरण संस्कार किया जाता है। इससे संबंधित भी एक श्लोक है: 

“दशम्यामुत्थाप्य पिता नाम करोति”। 

जिसका अर्थ है कि नामकरण संस्कार शिशु के जन्म के दसवें दिन किया जाता है। यह संस्कार पिता के द्वारा संपन्न होता है।

नामकरण संस्कार की सही विधि 

  • 2025 नामकरण मुहूर्त के अनुसार, नामकरण संस्कार के दिन सबसे पहले नवजात शिशु को शहद चढ़ाया जाता है। 
  • इसके बाद सूर्य देव के दर्शन किए जाते हैं। सूर्य के दर्शन करने के पीछे मान्यता यह है कि बच्चा भी सूर्य की तरह तेजस्वी हो। 
  • इसके बाद शिशु को धरती माता को नमन कराया जाता है। 
  • इसके साथ सभी लोग देवी देवताओं का स्मरण करते हैं। 
  • 2025 नामकरण मुहूर्त के मुताबिक, शिशु की लंबी आयु, सुख, समृद्धि, निरोगी जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं। 
  • नामकरण संस्कार के दिन घर के बड़े बुजुर्ग कामना करते हैं कि बच्चा भी सूर्य की प्रखरता और तेजस्विता धारण करे।
  • माना जाता है कि जिस बच्चे का जन्म जिस नक्षत्र में हुआ हो इस नक्षत्र के अक्षर से अगर नाम रखा जाए तो संतान के लिए यह अति शुभ होता है। 
  • हालांकि नाम वंश, गोत्र आदि का भी ध्यान रखकर देखे जाते हैं। आप अगर अपनी संतान या अपने किसी करीबी के लिए उचित अक्षर की तलाश कर रहे हैं जिनसे आप उनका नाम रख सके तो आप अभी विद्वान और जानकार ज्योतिषियों से बात कर सकते हैं। 

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नामकरण संस्कार का महत्व 

नामकरण संस्कार का अर्थ समझना है तो इसके लिए यह श्लोक बेहद ही सटीक है: 

आयुर्वेडभिवृद्धिश्च सिद्धिर्व्यवहतेस्तथा। 

नामकर्मफलं त्वेतत् समुद्दिष्टं मनीषिभिः।। 

इस श्लोक के अनुसार नामकरण संस्कार का महत्व बताते हुए कहा गया है कि नामकरण संस्कार का असर बच्चों के व्यक्तित्व पर निश्चित तौर पर पड़ता है। नाम ही बच्चे की या किसी व्यक्ति के अस्तित्व की पहचान होती है। भविष्य में बच्चा अपने नाम, अपने आचरण और अपने कर्म से ही प्रसिद्धि प्राप्त करता है। नाम से ही उसकी पहचान होती है। नामकरण संस्कार से बच्चे की आयु और तेज में वृद्धि होती है। 

गौर करने वाली बात: बच्चों के नाम का अर्थ उसके चरित्र को निश्चित तौर पर प्रभावित करता है। ऐसे में अगर बच्चे का नाम उसके ग्रहों की स्थिति से मेल ना खाए तो यह बच्चे के लिए दुर्भाग्य लेकर भी आ सकता है इसीलिए बेहद ही सोच समझकर बच्चे का नाम का चुनाव किया जाना चाहिए। अगर आप अपनी संतान के नामकरण संस्कार के लिए उचित अक्षर जानना चाहते हैं तो अभी विद्वान पंडितों से फोन पर परामर्श लें।

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नामकरण संस्कार वाले दिन अवश्य बरतें ये सावधानियां वरना जीवन भर पड़ेगा पछताना 

  • 2025 नामकरण मुहूर्त के अनुसार, नामकरण संस्कार घर में ही करें तो सबसे ज्यादा उचित माना गया है। 
  • हालांकि आप चाहे तो किसी मंदिर या किसी पवित्र जगह पर भी हवन कराकर नामकरण संस्कार पूरा कर सकते हैं। 
  • इस दिन पूजा के लिए रखे कलश पर ॐ और स्वास्तिक अवश्य बनाएं। 
  • बच्चों को पूजा स्थल पर लाने से पहले उसकी कमर में सुतली या फिर रेशम का धागा अवश्य बांध दें। 
  • नाम घोषणा के लिए जो थाली इस्तेमाल की जाती है उसे एकदम नई और साफ रखें। 
  • इस दिन घर में सात्विक भोजन ही बनाएं। 
  • बच्चों को उसकी मां के पास ही रखें तो ज्यादा अनुकूल रहता है।

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नामकरण संस्कार पर इन बातों का रखें विशेष ध्यान 

  • जब भी नामकरण संस्कार करने जाएं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि किसी पर्व के दिन अष्टमी, चतुर्दशी, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन बच्चों का नाम भूल से भी ना रखें। इसके अलावा चतुर्थी तिथि, नवमी तिथि, चतुर्दशी तिथि और रिक्ता तिथि के दिन भी नामकरण संस्कार करना अशुभ माना किया है। इन तिथियां को छोड़कर 1, 2, 3, 5, 6, 7, 10, 11, 12, 13 को बच्चों का नामकरण किया जा सकता है। 
  • शुभ ग्रहों से संबंधित ग्रह की बात करें तो चंद्र, बुध, गुरु और शुक्र के बारे में नामकरण संस्कार करना शुभ माना गया है। 
  • अगर बच्चे का नाम कुलदेवी या देवता के नाम पर रखें तो इसे भी शुभ माना जाता है। 
  • हिंदू मान्यता के अनुसार बच्चों का नाम का अर्थ उसके चरित्र को प्रभावित करता है। ऐसे में नाम चुनते समय बेहद ही सावधानी बरतें और एकदम सोच समझ के बाद ही नामकरण संस्कार करें। 
  • बच्चों का नाम बेहद ही सोच समझकर सावधानीपूर्वक रखें। बच्चों के नाम का कोई अच्छा अर्थ निकले इस बात को सुनिश्चित करें।

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसे ही और भी लेख के लिए बने रहिए एस्ट्रोकैंप के साथ। धन्यवाद !

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. नामकरण संस्कार के लिए कौन सा दिन शुभ होता है?

इस संस्कार के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन अच्छे माने जाते हैं। 

2. नामकरण संस्कार कितने दिन बाद कर सकते हैं? 

नामकरण संस्कार जन्म के दसवें दिन सूतक के शुद्धिकरण के लिए यज्ञ कराया जाता है और उसके बाद नामकरण संस्कार किया जाता है।

3. अक्टूबर 2025 के लिए नामकरण कब करें?

2025 नामकरण मुहूर्त के अनुसार,इस साल अक्टूबर के महीने में नामकरण संस्कार के 4 मुहूर्त उपलब्ध हैं। 

4. जनवरी 2025 में नामकरण के लिए कौन सी तिथि अच्छी है? 

जनवरी में नामकरण के लिए 1, 2, 6, 15, और 31 की तिथियां मौजूद हैं।

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