कर्णवेध मुहूर्त 2022 - Karnavedha Muhurat 2022

Author: -- | Last Updated: Wed 26 May 2021 1:07:16 PM

कर्णवेध मुहूर्त 2022 का यह लेख आपको साल 2022 में कर्णवेध संस्कार कराने की शुभ तिथि, शुभ दिन और शुभ समय की संपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही हम आपको बताएंगे कर्णवेध संस्कार का महत्व, कर्णवेध मुहूर्त की गणना करते समय ध्यान रखने योग्य बातें, कर्णवेध करते समय बरती जाने वाली सावधानियां और भी बहुत सी खास बातें -


कर्णवेध मुहूर्त 2022

हिन्दू धर्म के 16 संस्कारों में कर्णवेध संस्कार 9वां संस्कार है। कर्णवेध दो शब्दों से मिलकर बना है - कर्ण और वेध , जिसमें “कर्ण” का अर्थ होता है कान और “वेध” का अर्थ होता है छेदना। इस संस्कार को करने से एक बालक का शारीरिक और मानसिक विकास दोनों ही होता है। कर्णवेध संस्कार को करने के पीछे धार्मिक, वैज्ञानिक और ज्योतिषीय महत्व छिपे होते हैं। इससे होने वाले लाभ और इसके महत्वों की वजह से ही इस संस्कार को आज के मॉडर्न समय में भी शुभ मुहूर्त देखकर पूरे विधि-विधान से संपन्न करते हैं। नीचे इस लेख में आपको कर्णवेध मुहूर्त 2022 से जुड़ी तमाम जानकारियां दी जा रही हैं।

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कर्णवेध मुहूर्त 2022 की सूची

नीचे दी गयी सूची में आपको साल 2022 में कर्णवेध कराने के लिए हर महीने की शुभ तिथि, शुभ दिन और शुभ समय की जानकारी दी जा रही है। आप अपनी सुविधानुसार शुभ मुहूर्त का चयन कर सकते हैं -

जनवरी कर्णवेध मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त की समयावधि
5/1/2022 बुधवार 07:46 बजे से 10:08 बजे तक
11:35 बजे से 16:31 बजे तक
9/1/2022 रविवार 08:10 बजे से 12:44 बजे तक
10/1/2022 सोमवार 08:06 बजे से 14:16 बजे तक
15/1/2022 शनिवार 07:46 बजे से 09:28 बजे तक
12:21 बजे से 18:06 बजे तक
23/1/2022 रविवार 11:49 बजे से 15:20 बजे तक
17:35 बजे से 19:55 बजे तक
24/1/2022 सोमवार 07:44 बजे से 08:53 बजे तक
27/1/2022 गुरुवार 10:09 बजे से 11:33 बजे तक
13:09 बजे से 17:19 बजे तक
फरवरी कर्णवेध मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त की समयावधि
2/2/2022 बुधवार 07:40 बजे से 09:45 बजे तक
11:10 बजे से 16:55 बजे तक
5/2/2022 शनिवार 16:43 बजे से 18:10 बजे तक
6/2/2022 रविवार 07:37 बजे से 10:54 बजे तक
12:29 बजे से 19:00 बजे तक
7/2/2022 सोमवार 07:58 बजे से 12:25 बजे तक
14:21 बजे से 18:56 बजे तक
11/2/2022 शुक्रवार 09:10 बजे से 14:05 बजे तक
16:20 बजे से 18:40 बजे तक
13/2/2022 रविवार 10:27 बजे से 16:12 बजे तक
14/2/2022 सोमवार 07:31 बजे से 10:23 बजे तक
11:58 बजे से 18:28 बजे तक
21/2/2022 सोमवार 07:25 बजे से 08:30 बजे तक
09:55 बजे से 15:41 बजे तक
23/2/2022 बुधवार 15:33 बजे से 17:53 बजे तक
24/2/2022 गुरुवार 07:22 बजे से 09:43 बजे तक
11:19 बजे से 15:29 बजे तक
28/2/2022 सोमवार 08:03 बजे से 12:58 बजे तक
15:13 बजे से 19:51 बजे तक
मार्च कर्णवेध मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त की समयावधि
5/3/2022 शनिवार 07:43 बजे से 09:08 बजे तक
10:43 बजे से 17:14 बजे तक
19/3/2022 शनिवार 06:58 बजे से 11:44 बजे तक
13:58 बजे से 18:36 बजे तक
20/3/2022 रविवार 06:56 बजे से 11:40 बजे तक
16:15 बजे से 18:32 बजे तक
23/3/2022 बुधवार 06:53 बजे से 07:57 बजे तक
09:32 बजे से 16:03 बजे तक
28/3/2022 सोमवार 07:38 बजे से 11:08 बजे तक
13:23 बजे से 18:08 बजे तक
अप्रैल कर्णवेध मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त की समयावधि
1/4/2022 शुक्रवार 13:07 बजे से 15:28 बजे तक
17:45 बजे से 20:01 बजे तक
2/4/2022 शनिवार 08:53 बजे से 17:41 बजे तक
3/4/2022 रविवार 07:14 बजे से 08:49 बजे तक
10:45 बजे से 15:20 बजे तक
7/4/2022 गुरुवार 06:58 बजे से 12:44 बजे तक
15:04 बजे से 19:38 बजे तक
9/4/2022 शनिवार 14:56 बजे से 19:30 बजे तक
16/4/2022 शनिवार 14:29 बजे से 19:02 बजे तक
17/4/2022 रविवार 06:25 बजे से 07:54 बजे तक
25/4/2022 सोमवार 07:23 बजे से 11:33 बजे तक
13:53 बजे से 16:10 बजे तक
मई कर्णवेध मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त की समयावधि
4/5/2022 बुधवार 06:47 बजे से 08:43 बजे तक
6/5/2022 शुक्रवार 13:10 बजे से 19:35 बजे तक
7/5/2022 शनिवार 06:36 बजे से 13:06 बजे तक
15:23 बजे से 19:59 बजे तक
8/5/2022 रविवार 06:32 बजे से 13:02 बजे तक
15:19 बजे से 17:36 बजे तक
13/5/2022 शुक्रवार 06:44 बजे से 08:07 बजे तक
10:22 बजे से 17:16 बजे तक
14/5/2022 शनिवार 06:42 बजे से 10:18 बजे तक
12:38 बजे से 17:12 बजे तक
16/5/2022 सोमवार 14:48 बजे से 19:24 बजे तक
21/5/2022 शनिवार 09:51 बजे से 16:45 बजे तक
22/5/2022 रविवार 09:47 बजे से 19:00 बजे तक
26/5/2022 गुरुवार 07:16 बजे से 11:51 बजे तक
14:09 बजे से 18:44 बजे तक
27/5/2022 शुक्रवार 07:12 बजे से 14:05 बजे तक
16:21 बजे से 18:40 बजे तक
जून कर्णवेध मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त की समयावधि
1/6/2022 बुधवार 06:53 बजे से 09:07 बजे तक
11:28 बजे से 13:45 बजे तक
4/6/2022 शनिवार 06:41 बजे से 11:16 बजे तक
13:33 बजे से 18:09 बजे तक
9/6/2022 गुरुवार 10:56 बजे से 15:30 बजे तक
17:49 बजे से 20:08 बजे तक
10/6/2022 शुक्रवार 08:32 बजे से 15:26 बजे तक
18/6/2022 शनिवार 08:01 बजे से 14:54 बजे तक
17:14 बजे से 19:12 बजे तक
23/6/2022 गुरुवार 07:41 बजे से 10:01 बजे तक
24/6/2022 शुक्रवार 07:37 बजे से 09:57 बजे तक
30/6/2022 गुरुवार 09:34 बजे से 16:27 बजे तक
जुलाई कर्णवेध मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त की समयावधि
1/7/2022 शुक्रवार 07:09 बजे से 09:30 बजे तक
11:47 बजे से 18:41 बजे तक
6/7/2022 बुधवार 16:03 बजे से 18:22 बजे तक
7/7/2022 गुरुवार 09:06 बजे से 13:40 बजे तक
15:59 बजे से 18:18 बजे तक
10/7/2022 रविवार 15:48 बजे से 18:06 बजे तक
11/7/2022 सोमवार 06:30 बजे से 08:50 बजे तक
15/7/2022 शुक्रवार 06:55 बजे से 13:08 बजे तक
15:28 बजे से 19:50 बजे तक
20/7/2022 बुधवार 06:07 बजे से 10:28 बजे तक
10:32 बजे से 19:31 बजे तक
21/7/2022 गुरुवार 06:07 बजे से 10:28 बजे तक
25/7/2022 सोमवार 06:09 बजे से 14:49 बजे तक
17:07 बजे से 19:11 बजे तक
29/7/2022 शुक्रवार 09:57 बजे से 12:13 बजे तक
अगस्त कर्णवेध मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त की समयावधि
3/8/2022 बुधवार 07:20 बजे से 11:54 बजे तक
14:13 बजे से 18:15 बजे तक
4/8/2022 गुरुवार 07:16 बजे से 14:09 बजे तक
16:28 बजे से 18:32 बजे तक
7/8/2022 रविवार 09:22 बजे से 16:16 बजे तक
12/8/2022 शुक्रवार 07:35 बजे से 11:18 बजे तक
13:38 बजे से 19:43 बजे तक
17/8/2022 बुधवार 06:25 बजे से 08:42 बजे तक
10:59 बजे से 17:41 बजे तक
21/8/2022 रविवार 06:24 बजे से 10:43 बजे तक
13:02 बजे से 15:21 बजे तक
22/8/2022 सोमवार 06:25 बजे से 08:23 बजे तक
24/8/2022 बुधवार 08:15 बजे से 15:09 बजे तक
17:13 बजे से 18:55 बजे तक
25/8/2022 गुरुवार 08:11 बजे से 12:47 बजे तक
31/8/2022 बुधवार 16:46 बजे से 18:28 बजे तक
सितंबर कर्णवेध मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त की समयावधि
3/9/2022 शनिवार 07:35 बजे से 14:30 बजे तक
8/9/2022 गुरुवार 07:16 बजे से 09:32 बजे तक
11:52 बजे से 17:56 बजे तक
26/9/2022 सोमवार 06:42 बजे से 08:21 बजे तक
10:41 बजे से 16:46 बजे तक
30/9/2022 शुक्रवार 06:44 बजे से 12:44 बजे तक
14:48 बजे से 19:22 बजे तक
अक्टूबर कर्णवेध मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त की समयावधि
5/10/2022 बुधवार 06:47 बजे से 07:46 बजे तक
10:05 बजे से 16:10 बजे तक
17:38 बजे से 19:03 बजे तक
6/10/2022 गुरुवार 12:20 बजे से 17:34 बजे तक
9/10/2022 रविवार 17:22 बजे से 18:47 बजे तक
10/10/2022 सोमवार 07:26 बजे से 12:04 बजे तक
14:08 बजे से 18:43 बजे तक
15/10/2022 शनिवार 09:26 बजे से 16:58 बजे तक
17/10/2022 सोमवार 06:59 बजे से 09:18 बजे तक
11:37 बजे से 16:51 बजे तक
23/10/2022 रविवार 16:27 बजे से 18:33 बजे तक
27/10/2022 गुरुवार 13:02 बजे से 17:36 बजे तक
28/10/2022 शुक्रवार 07:01 बजे से 10:54 बजे तक
नवंबर कर्णवेध मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त की समयावधि
6/11/2022 रविवार 07:08 बजे से 10:18 बजे तक
12:22 बजे से 16:57 बजे तक
11/11/2022 शुक्रवार 07:40 बजे से 09:59 बजे तक
13/11/2022 रविवार 11:55 बजे से 15:04 बजे तक
16:29 बजे से 18:05 बजे तक
14/11/2022 सोमवार 07:28 बजे से 09:47 बजे तक
11:51 बजे से 16:25 बजे तक
18:01 बजे से 19:56 बजे तक
20/11/2022 रविवार 07:19 बजे से 13:09 बजे तक
14:37 बजे से 19:33 बजे तक
21/11/2022 सोमवार 07:19 बजे से 14:33 बजे तक
15:58 बजे से 19:29 बजे तक
24/11/2022 गुरुवार 07:22 बजे से 09:07 बजे तक
11:11 बजे से 15:46 बजे तक
17:21 बजे से 19:17 बजे तक
28/11/2022 सोमवार 14:05 बजे से 18:34 बजे तक
दिसंबर कर्णवेध मुहूर्त 2022
दिनांक वार मुहूर्त की समयावधि
3/12/2022 शनिवार 07:29 बजे से 08:32 बजे तक
10:36 बजे से 15:11 बजे तक
16:46 बजे से 18:41 बजे तक
8/12/2022 गुरुवार 13:26 बजे से 18:22 बजे तक
9/12/2022 शुक्रवार 08:08 बजे से 13:22 बजे तक
14:47 बजे से 16:22 बजे तक
18/12/2022 रविवार 07:39 बजे से 11:19 बजे तक
12:47 बजे से 17:43 बजे तक
19/12/2022 सोमवार 07:40 बजे से 11:15 बजे तक
21/12/2022 बुधवार 09:25 बजे से 14:00 बजे तक
15:35 बजे से 19:45 बजे तक
30/12/2022 शुक्रवार 12:00 बजे से 13:25 बजे तक
15:00 बजे से 19:04 बजे तक

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कर्णवेध मुहूर्त 2022 का महत्व

कर्णवेध संस्कार हमेशा बालक/बालिका की जन्म कुंडली, नक्षत्रों व ग्रहों की स्थिति का सही आकलन करने के बाद शुभ मुहूर्त में किया जाना चाहिए। इस संस्कार को करने के पीछे धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक और ज्योतिषीय महत्व भी छिपे होते हैं।

सबसे पहले यदि धार्मिक महत्व की बात करें तो जिस व्यक्ति का कर्णवेध संस्कार ना हुआ हो वो अपने प्रियजन के अंतिम संस्कार का अधिकारी मान्य नहीं होता है। धर्म सिंधु जैसे कई अन्य हिंदू धर्मग्रंथों में कर्णवेध संस्कार की जानकारी भी दी गयी है, जिसमें बताया गया है कि बच्चे के जन्म के बाद 6 महीने से लेकर 5 साल तक की आयु तक इस संस्कार को ज़रूर करा लेना चाहिए।

अब अगर वैज्ञानिक दृष्टि से देखें, तो माना जाता है कि कान को छेदने से बच्चे का शारीरिक और बौद्धिक विकास अच्छी तरह से होता है और इसके साथ ही बच्चे की सुनने की क्षमता और समझ भी बढ़ जाती है। वहीँ कर्णवेध संस्कार का ज्योतिषीय महत्व भी है। इस संस्कार को करने से राहु-केतु के बुरे प्रभावों से जातक को मुक्ति मिलती है।

कर्णवेध मुहूर्त 2022 की गणना करते समय रखें इन बातों का ध्यान

कर्णवेध संस्कार का व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व होता है। इस संस्कार को शुभ लग्न, दिन, तिथि, माह और नक्षत्र की सही गणना करने के बाद संपन्न करें तो इससे जातक को विशेष लाभ प्राप्त होता है। चलिए आपको कर्णवेध मुहूर्त की गणना करने के समय ध्यान रखने योग्य कुछ खास बातें बताते हैं, ताकि आप मुहूर्त के चयन के समय किसी प्रकार की गलती ना करें-

कर्णवेध संस्कार आप बच्चे के जन्म के दसवें, बारहवें, सोलहवें दिन या बच्चे के जन्म से छठे, सातवें, आठवें, दसवें, बारहवें महीने या फिर बच्चे के जन्म के तीसरे या पांचवें वर्ष में करा सकते हैं। लग्न के अनुसार देखें तो गुरु बृहस्पति के वृषभ, धनु, तुला और मीन लग्न में होने से कर्णवेध संस्कार के लिए सबसे उत्तम स्थिति का निर्माण होता है। वहीं सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार में से कोई वार होना कर्णवेध संस्कार के लिए बहुत शुभ रहता है। तिथि में चतुर्थी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या को छोड़कर बाकी सभी तिथि कर्णवेध संस्कार के लिए शुभ होती हैं। इसके अलावा कार्तिक, पौष, चैत्र व् फाल्गुन माह के दौरान आप इस संस्कार को संपन्न करा सकते हैं। और आखिर में अगर नक्षत्र की बात करें तो मृगशिरा, रेवती, चित्रा, अनुराधा, हस्त, अश्विनी, पुष्य, अभिजीत, श्रवण, धनिष्ठा और पुनर्वसु कर्णवेध संस्कार के लिए शुभ माने जाते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कर्णवेध मुहूर्त हमेशा बच्चे की जन्म कुंडली के आधार पर शुभ मुहूर्त की गणना करने के बाद किया जाना बेहद शुभ फलदायी होता है। साथ ही इस शुभ संस्कार को ग्रहण काल, खर मास, क्षय तिथि, चातुर्मास, जन्म मास और भद्रा में भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

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कर्णवेध संस्कार 2022 से होने वाले लाभ

हिन्दू धर्म में जो भी संस्कार किये जाते हैं, उसके पीछे अनेक कारण छिपे होते हैं और उससे व्यक्ति को कई लाभ भी होते हैं, जैसे चलिए आपको कर्णवेध संस्कार से होने वाले कुछ लाभ के बारे में बताते हैं-

शास्त्रों के अनुसार कर्णवेध संस्कार करने से बालक/बालिका का बौद्धिक विकास होता हैं और बच्चा प्रखर और बुद्धिमान बनता है। कर्णवेध संस्कार में कानों को छेदने से बच्चे की नसें को ठीक रहती हैं और उसे कई तरह का शारीरिक लाभ होता है। इसके अलावा इस संस्कार से बालक/बालिका की सुंदरता में भी वृद्धि होती है। विज्ञान के अनुसार कानों में सोने के कुंडल या बालियां पहनने से लड़कियों को मासिक धर्म से जुड़ी कोई समस्या नहीं होती है और पुरुषों में अंडकोष और वीर्य के संरक्षण में भी लाभ मिलता है। वहीं ज्योतिष के दृष्टिकोण से कर्णवेध संस्कार करने से जातक के जीवन में आने वाले आकस्मिक संकटों और ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को भी कम किया जा सकता है। कर्णवेध संस्कार को करने से हर्निया और लकवे जैसी बीमारियां नहीं होती हैं और इससे हिस्टीरिया रोग में भी लाभ मिलता है।

कर्णवध संस्कार 2022 की संपूर्ण विधि

कर्णवेध संस्कार को करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना चाहिए। इस संस्कार की शुरुआत सबसे पहले देवी-देवताओं के पूजा से होती है। संस्कार के दौरान बच्चे को पूर्व दिशा की ओर मुख करके बिठाएं। इस दौरान बच्चे और अभिभावक दोनों का ही मुख सूर्य के सामने की तरफ हो। कर्णवेध संस्कार जिस बालक/बालिका का हो रहा हो, उसके कानों में पहले यह मंत्र बोलें(भद्रं कर्णेभिः क्षृणुयाम देवा भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः। स्थिरैरंगैस्तुष्टुवां सस्तनूभिर्व्यशेमहि देवहितं यदायुः।।) और उसके तुरंत बाद सोने, चांदी, या लोहे की सुई से कानों में छेद करें। ध्यान रहे कि यदि किसी बालक का कर्णवेध हो रहा हो तो पहले दाएं कान और फिर बाएँ कान में सुई से छेद कर आभूषण पहनाएं। और अगर बालिका का कर्णवेध संस्कार हो रहा हो, तो पहले उसके बाएं कान में और फिर दाहिने कान में छेद करें।

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कर्णवेध संस्कार 2022 के समय बरतें ये सावधानियाँ

कर्णवेध संस्कार संपन्न करते समय कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए, जैसे-

  • जिस औजार से कान छेदने की प्रक्रिया संपन्न होने वाली वो अच्छी तरह से साफ़ हो, इसीलिए ध्यान रहें कि वो औजार गर्म पानी से अच्छी तरह साफ़ किया गया हो।
  • जब बालक/बालिका का कर्णवेध संस्कार हो जाए, तो कान पर कोई अच्छी एंटी सेप्टिक क्रीम ज़रूर लगा दें।
  • शास्त्रों के अनुसार बच्चे को सोने की बाली ही पहनानी चाहिए, लेकिन यदि कोई समर्थ नहीं हैं तो बालक को ऐसी बाली पहनाये जो निकल तत्व मुक्त हो और पहनने के दौरान बालक/बालिका को किसी तरह की असुविधा न हो।
  • कर्णवेध संस्कार के बाद आपको कुछ दिनों तक बच्चे के कान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, ताकि यदि बच्चे को किसी प्रकार की तकलीफ हो तो आप समय उसका इलाज करा सके।

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उम्मीद है कि इस लेख में कर्णवेध मुहूर्त 2022 के बारे में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी। एस्ट्रोकैंप से जुड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद !

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