Author: -- | Last Updated: Mon 25 May 2020 4:57:48 PM
विवाह मुहूर्त 2021 के हमारे इस लेख में हम यहाँ आपको वर्ष 2021 में पड़ने वाले विवाह के सभी शुभ मुहूर्त के बारे में बताएंगे। इन विवाह मुहूर्त को हिन्दू पंचांग की मदद से निकाला गया है।
किसी भी प्रकार के ज्योतिषीय परामर्श के लिए हमारे अनुभवी ज्योतिषी से बात करें।
हिन्दू धर्म में विवाह या शादी एक ऐसा मुख्य कर्मकांड होता है, जो हर पुरुष और स्त्री के जीवन में बहुत अधिक महत्व रखता है। ये वो महत्वपूर्ण क्षण होता है, जिसमें न केवल स्त्री के बल्कि पुरुष के जीवन में भी बड़ा बदलाव आता है। सनातन धर्म में उल्लेख सभी मुख्य 16 संस्कारों में से विवाह 13वां सबसे विशेष संस्कार माना गया है। इसलिए भी विवाह जैसे मांगलिक कार्य को आरम्भ करने के लिए उसके शुभ मुहूर्त की गणना का अपना एक विशेष महत्व होता है।
अगर इसके अर्थ की बात करें तो, विवाह का शाब्दिक अर्थ है, विशेष रूप से अपने उत्तरदायित्व का ठीक प्रकार से वहन करना। सरल शब्दों में कहें तो अपनी सभी जिम्मेदारियों को भलीभांति निभाना ही विवाह कहलाता है। हिन्दू धर्म में विवाह के बंधन को ‘पाणिग्रहण संस्कार’ के नाम से भी जाना जाता है। जैसा हमने आपको पहले ही बताया कि यह संस्कार हर नर-नारी के जीवन से जुड़ा एक बेहद महत्वपूर्ण संस्कार है इसलिए भी विवाह शुभ मुहूर्त में संपन्न करना बेहद अनिवार्य हो जाता है।
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ऐसे में विवाह मुहूर्त 2021(Vivah Muhurat 2021) में आपको हम हर उस तिथि की जानकारी देंगे, जिसमें विवाह करना बेहद शुभ माना गया है। इसके साथ ही यदि आप वर्ष 2021 में विवाह करने जा रहे हैं? या आप वर्ष 2021 में अपने विवाह का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं? या विवाह मुहूर्त 2021 के बारे में हर छोटी-बड़ी जानकारी चाहते हैं, वो भी बिलकुल स्पष्ट शब्दों में, तो इस लेख में आपको इन सभी सवालों का स्पष्ट जवाब मिलेगा। इसके साथ ही हम अपने इस लेख में आपको, वर्ष 2021 में पड़ने वाले विवाह मुहूर्त की विस्तृत सूची के साथ-साथ कई अन्य जानकारी भी देंगे। जिसकी मदद से आप अपनी सुविधा अनुसार विवाह मुहूर्त 2021 का चयन कर सकें। इसमें लग्न मुहूर्त के लिए दिन, तिथि, वार, नक्षत्र और चंद्र राशि भी आपके लिए लिखी गई है।
वर्ष 2021 में विवाह मुहूर्त की शुरुआत अप्रैल माह से ही होगी,क्योंकि इस वर्ष गुरु अस्त दोष 17 जनवरी से शुरू होकर 14 फरवरी तक रहेगा। इसके साथ ही शुक्र भी 8 फरवरी से अस्त होगा जो 12 अप्रैल तक अस्त ही रहेगा। ऐसे में गुरु अस्त दोष और शुक्र अस्त दोष के चलते वर्ष 2021 में विवाह मुहूर्त काल 24 अप्रैल से प्रांरभ होगा।
दिनांक | वार/दिन | मास-तिथि | नक्षत्र | राशि | समय |
अप्रैल 2021 | |||||
24 अप्रैल, 2021 | शनिवार | चैत्र शुक्ल द्वादशी | उ.फाल्गुन नक्षत्र | सिंह राशि | 06:22 - 08:11 |
25 अप्रैल, 2021 | रविवार | चैत्र शुक्ल त्रयोदशी | हस्त नक्षत्र चित्रा नक्षत्र | कन्या राशि | 08:49 - 25:54 25:54 - 28:22 29:34 - 29-45 |
26 अप्रैल, 2021 | सोमवार | चैत्र शुक्ल चतुर्दशी | चित्रा नक्षत्र स्वाति नक्षत्र | कन्या राशि तुला राशि | 05:45 - 12 :44 22:54 - 24:15 24:15 - 29:44 |
27 अप्रैल, 2021 | मंगलवार | चैत्र पूर्णिमा | स्वाति नक्षत्र | तुला राशि | 05:44 - 20:12 |
30 अप्रैल, 2021 | शुक्रवार | चैत्र कृष्ण चतुर्थी | मूल नक्षत्र | धनु राशि | 12:55 - 29:41 |
मई 2021 | |||||
01 मई, 2021 | शनिवार | चैत्र कृष्ण पंचमी | मूल नक्षत्र | धनु राशि | 05:41 - 10:15 |
02 मई, 2021 | रविवार | चैत्र कृष्ण षष्ठी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | धनु राशि | 08:59 -14:50 26:10 - 29:39 |
03 मई, 2021 | सोमवार | चैत्र कृष्ण सप्तमी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | मकर राशि | 05:39 - 08:22 |
04 मई, 2021 | मंगलवार | चैत्र कृष्ण अष्टमी | धनिष्ठा नक्षत्र | मकर-कुम्भ राशि | 15:14 - 29:01 |
07 मई, 2021 | शुक्रवार | चैत्र कृष्ण एकादशी | उ.भाद्रपद नक्षत्र | मीन राशि | 20:41 - 29:35 |
08 मई, 2021 | शनिवार | चैत्र कृष्ण द्वादशी | उ.भाद्रपद नक्षत्र रेवती नक्षत्र | मीन राशि | 05:35 - 14:47 14:47 - 17-21 |
15 मई, 2021 | शनिवार | वैशाख शुक्ल तृतीया | मृगशिरा नक्षत्र | मिथुन राशि | 05:31 - 08:39 |
21 मई, 2021 | शुक्रवार | वैशाख शुक्ल नवमी | उ.फाल्गुनी नक्षत्र | सिंह राशि | 15:22 - 21:08 |
22 मई, 2021 | शनिवार | वैशाख शुक्ल दशमी | उ.फाल्गुनी नक्षत्र हस्त नक्षत्र | कन्या राशि | 05:27 - 14:05 14:05 - 20:04 |
23 मई, 2021 | रविवार | वैशाख शुक्ल एकादशी | हस्त नक्षत्र चित्रा नक्षत्र | कन्या राशि | 06:43 - 13:19 13:19 - 14:56 |
24 मई, 2021 | सोमवार | वैशाख शुक्ल त्रयोदशी | स्वाति नक्षत्र | तुला राशि | 11:12 - 25:48 |
30 मई, 2021 | रविवार | वैशाख कृष्ण पंचमी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | मकर राशि | 05:24 - 16:41 |
31 मई, 2021 | सोमवार | वैशाख कृष्ण षष्ठी | धनिष्ठा नक्षत्र | मकर राशि | 16:01 - 25:06 |
जून 2021 | |||||
5 जून, 2021 | शनिवार | वैशाख कृष्ण एकादशी | रेवती नक्षत्र अश्विनी नक्षत्र | मीन राशि मेष राशि | 05:23 - 22:39 24:15 - 27:34 |
6 जून, 2021 | रविवार | वैशाख कृष्ण एकादशी | अश्विनी नक्षत्र | मेष राशि | 05:23 - 26:27 |
19 जून, 2021 | शनिवार | ज्येष्ठ शुक्ल नवमी | हस्त नक्षत्र चित्रा नक्षत्र | कन्या राशि कन्या राशि | 05:24 - 20:28 20:28 - 24:04 |
24 जून, 2021 | गुरूवार | ज्येष्ठ पूर्णिमा | मूल नक्षत्र | धनु राशि | 14:32 - 26:15 |
25 जून, 2021 | शुक्रवार | ज्येष्ठ कृष्ण प्रतिपदा | मूल नक्षत्र | धनु राशि | 05:25 - 06:40 |
26 जून, 2021 | शनिवार | ज्येष्ठ कृष्ण द्वितीया | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | मकर राशि | 18:43 - 19:18 |
27 जून, 2021 | रविवार | ज्येष्ठ कृष्ण तृतीया | धनिष्ठा नक्षत्र | मकर राशि | 25:21 - 27:00 |
28 जून, 2021 | सोमवार | ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्थी | धनिष्ठा नक्षत्र | मकर-कुम्भ राशि | 05:26-24:48 |
जुलाई 2021 | |||||
01 जुलाई, 2021 | गुरूवार | ज्येष्ठ कृष्ण सप्तमी | उ.भाद्रपद नक्षत्र | मीन राशि | 05:27 - 27:49 |
02 जुलाई, 2021 | शुक्रवार | ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी | रेवती नक्षत्र | मीन राशि | 05:27 - 10:52 13:16 - 29:25 |
03 जुलाई, 2021 | शनिवार | ज्येष्ठ कृष्ण नवमी | अश्विनी नक्षत्र | मेष राशि | 07:01 - 17:31 |
04 जुलाई, 2021 | रविवार | ज्येष्ठ कृष्ण दशमी | अश्विनी नक्षत्र | मेष राशि | 05:28 - 06:41 |
06 जुलाई, 2021 | मंगलवार | ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी | रोहिणी नक्षत्र | वृषभ राशि | 16:59 - 25:03 |
17 जुलाई, 2021 | शनिवार | आषाढ़ शुक्ल अष्टमी | चित्रा नक्षत्र | तुला राशि | 15:40 - 18:03 |
21 जुलाई से 12 नवंबर तक की मुहूर्त तिथियाँ देवशयन कालिक हैं। ऐसे में, ये उत्तर भारत में मान्य नहीं होंगी । | |||||
21 जुलाई, 2021 | बुधवार | आषाढ़ शुक्ल द्वादशी | मूल नक्षत्र | धनु राशि | 19:18 - 29:27 |
23 जुलाई, 2021 | शुक्रवार | आषाढ़ शुक्ल चतुर्दशी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | मकर राशि | 21:23 - 29:38 |
24 जुलाई, 2021 | शनिवार | आषाढ़ पूर्णिमा | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | मकर राशि | 05:38 - 12:40 |
25 जुलाई, 2021 | रविवार | आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा | धनिष्ठा नक्षत्र | मकर-कुम्भ राशि | 11:17 - 29:39 |
26 जुलाई, 2021 | सोमवार | आषाढ़ कृष्ण तृतीया | धनिष्ठा नक्षत्र | कुम्भ राशि | 05:39 - 10:26 |
28 जुलाई, 2021 | बुधवार | आषाढ़ कृष्ण पंचमी | उ.भाद्रपद नक्षत्र | मीन राशि | 10:45 - 29:41 |
29 जुलाई, 2021 | गुरूवार | आषाढ़ कृष्ण षष्ठी | उ.भाद्रपद नक्षत्र रेवती नक्षत्र | मीन राशि मीन राशि | 05:41 - 12:02 12:02 - 27:55 |
30 जुलाई, 2021 | शुक्रवार | आषाढ़ कृष्ण सप्तमी | अश्विनी नक्षत्र | मेष राशि | 16:43 - 20:18 22:18 - 27:16 |
31 जुलाई, 2021 | शनिवार | आषाढ़ कृष्ण अष्टमी | अश्विनी नक्षत्र | मेष राशि | 09:56 - 16:37 |
अगस्त 2021 | |||||
02 अगस्त, 2021 | सोमवार | आषाढ़ कृष्ण नवमी | रोहिणी नक्षत्र | वृषभ राशि | 22:43 - 23:45 |
03 अगस्त, 2021 | मंगलवार | आषाढ़ कृष्ण दशमी | रोहिणी नक्षत्र मृगशिरा नक्षत्र | वृषभ राशि | 13:00 - 24:05 27:41 - 29:44 |
04 अगस्त, 2021 | बुधवार | आषाढ़ कृष्ण एकादशी | मृगशिरा नक्षत्र | वृषभ-मिथुन राशि | 05:44 - 28:25 |
11 अगस्त, 2021 | बुधवार | श्रावण शुक्ल तृतीया | उ.फाल्गुन नक्षत्र | सिंह- कन्या राशि | 09:32 - 28:11 |
12 अगस्त, 2021 | गुरूवार | श्रावण शुक्ल चतुर्थी | हस्त नक्षत्र | कन्या राशि | 15:25 - 29:49 |
13 अगस्त, 2021 | शुक्रवार | श्रावण शुक्ल पंचमी | हस्त नक्षत्र चित्रा नक्षत्र | कन्या राशि कन्या- तुला राशि | 05:49 - 07:59 07:59 - 29:50 |
14 अगस्त, 2021 | शनिवार | श्रावण शुक्ल षष्ठी | चित्रा नक्षत्र स्वाति नक्षत्र | तुला राशि तुला राशि | 05:50 - 06:56 06:56 - 23:20 |
19 अगस्त, 2021 | गुरूवार | श्रावण शुक्ल द्वादशी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | धनु- मकर राशि | 22:42 - 29:53 |
20 अगस्त, 2021 | शुक्रवार | श्रावण शुक्ल त्रयोदशी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | मकर राशि | 05:53 - 21:24 |
22 अगस्त, 2021 | रविवार | श्रावण पूर्णिमा | धनिष्ठा नक्षत्र | मकर-कुम्भ राशि | 06:13 - 10:33 12:57 - 19:39 |
24 अगस्त, 2021 | मंगलवार | श्रावण कृष्ण द्वितीया | उ.भाद्रपद नक्षत्र | मीन राशि | 19:47 - 28:07 |
25 अगस्त, 2021 | बुधवार | श्रावण कृष्ण तृतीया | उ.भाद्रपद नक्षत्र | मीन राशि | 16:19 - 20:48 |
30 अगस्त, 2021 | सोमवार | श्रावण कृष्ण अष्टमी | रोहिणी नक्षत्र | वृषभ राशि | 06:39 - 29:59 |
31 अगस्त, 2021 | मंगलवार | श्रावण कृष्ण नवमी | रोहिणी नक्षत्र मृगशिरा नक्षत्र | वृषभ राशि वृषभ-मिथुन राशि | 05:59 - 08:48 10:00 - 29:59 |
सितंबर 2021 | |||||
01 सितंबर, 2021 | बुधवार | श्रावण कृष्ण दशमी | मृगशिरा नक्षत्र | मिथुन राशि | 05:59 - 12:34 |
07 सितंबर, 2021 | मंगलवार | श्रावण अमावस्या | उ.फाल्गुन नक्षत्र | कन्या राशि | 28:37 - 30:03 |
08 सितंबर, 2021 | बुधवार | भाद्र शुक्ल द्वितीया | उ.फाल्गुन नक्षत्र हस्त नक्षत्र | कन्या राशि | 06:03 -15:55 15:55 - 30:03 |
09 सितंबर, 2021 | गुरूवार | भाद्र शुक्ल तृतीया | हस्त नक्षत्र चित्रा नक्षत्र | कन्या राशि कन्या राशि | 06:03 - 14:31 14:31 - 19:02 22:43 - 30:04 |
10 सितंबर, 2021 | शुक्रवार | भाद्र शुक्ल चतुर्थी | चित्रा नक्षत्र स्वाति नक्षत्र | तुला राशि तुला राशि | 06:04 - 11:09 21:58 - 30:04 |
11 सितंबर, 2021 | शनिवार | भाद्र शुक्ल पंचमी | स्वाति नक्षत्र | तुला राशि | 06:04 - 11:22 |
14 सितंबर, 2021 | मंगलवार | भाद्र शुक्ल अष्टमी | मूल नक्षत्र | धनु राशि | 07:52 - 23:58 |
18 सितंबर, 2021 | शनिवार | भाद्र शुक्ल द्वादशी | धनिष्ठा नक्षत्र | कुम्भ राशि | 26:26 - 27:21 |
अक्टूबर 2021 | |||||
07 अक्टूबर, 2021 | गुरूवार | आश्विन शुक्ल प्रतिपदा | स्वाति नक्षत्र | तुला राशि | 26:51 - 27:21 |
08 अक्टूबर, 2021 | शुक्रवार | आश्विन शुक्ल द्वितीया | स्वाति नक्षत्र | तुला राशि | 06:18 - 18:59 |
11 अक्टूबर, 2021 | सोमवार | आश्विन शुक्ल षष्ठी | मूल नक्षत्र | धनु राशि | 13:43 - 30:20 |
12 अक्टूबर, 2021 | मंगलवार | आश्विन शुक्ल सप्तमी | मूल नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र | धनु राशि | 06:20 - 08:50 11:14 - 11:26 - 11:26 |
13 अक्टूबर, 2021 | बुधवार | आश्विन शुक्ल अष्टमी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | धनु- मकर राशि | 10:19 - 30:22 |
14 अक्टूबर, 2021 | गुरूवार | आश्विन शुक्ल नवमी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | मकर राशि | 06:22 - 09:35 |
18 अक्टूबर, 2021 | सोमवार | आश्विन शुक्ल त्रयोदशी | उ.भाद्रपद नक्षत्र | मीन राशि | 10:49 - 13:23 |
19 अक्टूबर, 2021 | मंगलवार | आश्विन शुक्ल चतुर्दशी | रेवती नक्षत्र | मीन राशि | 13:34 - 19:03 |
20 अक्टूबर, 2021 | बुधवार | आश्विन पूर्णिमा | रेवती नक्षत्र अश्विनी नक्षत्र | मीन राशि मेष राशि | 07:41 - 13:14 14:50 - 20:39 21:51 - 30:26 |
21 अक्टूबर, 2021 | गुरूवार | आश्विन कृष्ण प्रतिपदा | अश्विनी नक्षत्र | मेष राशि | 06:26 - 16:17 |
23 अक्टूबर, 2021 | शनिवार | आश्विन कृष्ण तृतीया | रोहिणी नक्षत्र | वृषभ राशि | 27:02 - 30:28 |
24 अक्टूबर, 2021 | रविवार | आश्विन कृष्ण चतुर्थी | रोहिणी नक्षत्र | वृषभ राशि | 06:28 - 23:33 |
25 अक्टूबर, 2021 | सोमवार | आश्विन कृष्ण पंचमी | मृगशिरा नक्षत्र | वृषभ-मिथुन राशि | 12:05 - 28:10 |
नवंबर 2021 | |||||
01 नवंबर, 2021 | सोमवार | आश्विन कृष्ण एकादशी | उ.फाल्गुन नक्षत्र | सिंह- कन्या राशि | 12:52 - 21:04 |
07 नवंबर, 2021 | रविवार | कार्तिक शुक्ल तृतीया | मूल नक्षत्र | धनु राशि | 21:52 - 26:47 |
08 नवंबर, 2021 | सोमवार | कार्तिक शुक्ल चतुर्थी | मूल नक्षत्र | धनु राशि | 13:17 - 18:49 |
11 नवंबर, 2021 | गुरूवार | कार्तिक शुक्ल सप्तमी | धनिष्ठा नक्षत्र | मकर राशि | 18:16 - 28:06 |
12 नवंबर, 2021 | शुक्रवार | कार्तिक शुक्ल नवमी | धनिष्ठा नक्षत्र | कुम्भ राशि | 09:08 - 14:53 |
देवशयनी एकादशी समाप्त | |||||
28 नवंबर, 2021 | रविवार | कार्तिक कृष्ण नवमी | उ.फाल्गुन नक्षत्र | सिंह- कन्या राशि | 22:05 - 30:55 |
29 नवंबर, 2021 | सोमवार | कार्तिक कृष्ण दशमी | उ.फाल्गुन नक्षत्र हस्त नक्षत्र | कन्या राशि कन्या राशि | 06:55 - 16:58 28:14 - 30:56 |
30 नवंबर, 2021 | मंगलवार | कार्तिक कृष्ण एकादशी | हस्त नक्षत्र चित्रा नक्षत्र | कन्या राशि | 06:56 - 20:34 20:34 - 30:57 |
दिसंबर 2021 | |||||
01 दिसंबर, 2021 | बुधवार | कार्तिक कृष्ण द्वादशी | चित्रा नक्षत्र स्वाति नक्षत्र | कन्या- तुला राशि | 06:57 - 19:35 19:35 - 23:36 |
06 दिसंबर, 2021 | सोमवार | मार्गशीर्ष शुक्ल तृतीया | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | धनु राशि | 26:19 - 31:01 |
07 दिसंबर, 2021 | मंगलवार | मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी | उत्तराषाढ़ा नक्षत्र | धनु- मकर राशि | 07:01 - 13:02 23:41 - 24:11 |
08 दिसंबर, 2021 | बुधवार | मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी | धनिष्ठा नक्षत्र | मकर राशि | 22:40 - 31:03 |
09 दिसंबर, 2021 | गुरूवार | मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी | धनिष्ठा नक्षत्र | मकर- कुम्भ राशि | 07:03 - 21:51 |
11 दिसंबर, 2021 | शनिवार | मार्गशीर्ष शुक्ल अष्टमी | उ.भाद्रपद नक्षत्र | मीन राशि | 22:32 - 30:02 |
12 दिसंबर, 2021 | रविवार | मार्गशीर्ष शुक्ल नवमी | रेवती नक्षत्र | मीन राशि | 29:45 - 31:05 |
13 दिसंबर, 2021 | सोमवार | मार्गशीर्ष शुक्ल दशमी | रेवती नक्षत्र अश्विनी नक्षत्र | मीन राशि मेष राशि | 07:05 - 25:17 26:53 - 28:32 |
उपरोक्त दी गई शुभ विवाह मुहूर्त 2021 की सूची में, आपको विवाह मुहूर्त 2021 की पूरे वर्ष की सभी शुभ तिथियों की जानकारी स्पष्ट रूप से दी गई है। इस सूची की आवश्यकता इसलिए भी ख़ास हो जाती है, क्योंकि हिन्दू धर्म में हर शुभ एवं मांगलिक कार्य के लिए पंचांग अनुसार उसका एक शुभ मुहूर्त निर्धारित किया गया है। जिसके अनुसार ही वो शुभ कार्य करना उचित माना जाता है।
चूँकि सनातन धर्म में विवाह पौराणिक काल से लेकर आज के आधुनिक समय में भी एक ऐसा शुभ अवसर माना जाता है, जिस दौरान दो परिवार और दो लोग (पुरुष-स्त्री) एक पवित्र बंधन में शुभ मुहूर्त अनुसार बंधते हैं। इसलिए ही इसे केवल एक जन्म का ही बंधन नहीं, बल्कि पूरे सात जन्मों का रिश्ता बताया गया है। इस संस्कार के दौरान वर-वधु अपने आने वाले वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने के लिए, अग्नि देवता को साक्षी मानकर उनके समक्ष सात फेरे लेते हुए, आपस में सात वचन लेते है। क्योंकि इन सात फेरों से सात जन्मों का रिश्ता सुनिश्चित होता है, इसलिए ही इसे एक निश्चित शुभ समय में किया जाना बेहद अनिवार्य हो जाता है और विवाह के इसी शुभ समय को विवाह मुहूर्त कहा जाता है। सरल शब्दों में कहें तो विवाह को संपन्न करने के लिए वैदिक पंचांग के द्वारा निर्धारित की गई समयावधि को ही विवाह मुहूर्त कहते हैं।
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ज्योतिष अनुसार कुंडली में मौजूद सातवाँ भाव, विवाह भाव बताया गया है। ऐसे में इस भाव को शुभ मुहूर्त निकालते हुए अधिक महत्व दिया जाता है। ज्योतिषी द्वारा कुंडली में गुण मिलान की प्रक्रिया सफलता पूर्वक संपन्न होने के बाद ही वर-वधु की जन्म राशि के आधार पर उनके शुभ विवाह संस्कार के लिए शुभ तिथि, वार, नक्षत्र तथा समय की गणना की जाती है और यही गणना विवाह मुहूर्त कहलाती है।
आमतौर पर शुभ विवाह मुहूर्त के लिए सभी ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है। आइये इस पर भी डालते हैं एक नज़र:-
विवाह में लग्न का अर्थ फेरे के शुभ समय और उस दौरान निभाई जाने वाली हर परंपरा को बताया गया है। लग्न की गणना भी शुभ समय में की जाती है, जिसे आमतौर पर विवाह की शुभ तारीख़ तय होने के बाद ही निर्धारित किया जाता है। हिन्दू धर्म में इसका बहुत अधिक महत्व होता है। माना तो ये भी जाता है कि, यदि किसी भी कारणवश लग्न की गणना करते समय कोई भी चूक या ग़लती हो जाए तो, इसका नकारात्मक प्रभाव नव-विवाहित जोड़े के दांपत्य जीवन पर सीधा पड़ सकता है। विवाह के लग्न में हुई गलती एक गंभीर दोष मानी जाती है। सभी 16 संस्कारों में से 13वे स्थान पर आने वाले विवाह संस्कार में शुभ तिथि को शरीर, चंद्र राशि को मन, नक्षत्रों को शरीर का अंग और विवाह के लग्न को आत्मा बताया गया है। जिससे साफ़ ज्ञात होता है शुभ लग्न के बिना शुभ विवाह पूरी तरह अधूरा ही रहता है। इसलिए भी विवाह में लग्न का महत्व अधिक होता है।
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हम आशा करते है कि शुभ विवाह मुहूर्त 2021 पर लिखा हमारा ये लेख, आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा। हम आपके मंगल भविष्य की कामना करते हैं।