विवाह मुहूर्त 2022 - Shubh Vivah Muhurat 2022 | Marriage Dates 2022 In Hindi

Author: -- | Last Updated: Fri 17 Sep 2021 11:18:32 AM

विवाह मुहूर्त 2022 (Shubh Vivah Muhurat 2022) का यह लेख आपको साल 2022 में विवाह संस्कार कराने की शुभ तिथि, शुभ दिन और शुभ समय की संपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही हम आपको बताएंगे विवाह संस्कार का महत्व, विवाह मुहूर्त 2022 की गणना करते समय ध्यान रखने योग्य बातें, विवाह करते समय बरती जाने वाली सावधानियां और भी बहुत सी खास बातें -


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विवाह मुहूर्त 2022 - Shubh Vivah Muhurat 2022 In Hindi

हिन्दू संस्कृति में विवाह एक ऐसा पवित्र बंधन है, जिसमें केवल दो शरीरों का नहीं, बल्कि दो आत्माओं का भी मिलन होता है। कहा जाता है कि विवाह सिर्फ एक नहीं, बल्कि सात जन्म का रिश्ता होता है। इसीलिए आपने देखा होगा कि हिन्दू रीति-रिवाज़ से होने वाली शादियों में सात फेरे और सात वचन लिए जाते हैं, और वर-वधु सात जन्म तक उन वचनों को निभाने का वादा करते हैं। यह सनातन धर्म में 13वां संस्कार माना गया है। इसलिए विवाह से पहले विशेषतौर पर भावी वर-वधु का कुंडली मिलान करते हैं और उनकी कुंडली का विवेचना कर शुभ मुहूर्त जिसमें विवाह हो उसकी गणना की जाती है।

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विवाह मुहूर्त 2022 तिथियां - Marriage Dates 2022 In Hindi

नीचे दी गयी सूची में आपको साल 2022 में विवाह संस्कार कराने के लिए हर महीने की शुभ तिथि, शुभ दिन और शुभ समय की जानकारी दी जा रही है। आप अपनी सुविधानुसार शुभ विवाह मुहूर्त 2022 का चयन कर सकते हैं -

विवाह मुहूर्त 2022: जनवरी
तारीख़ दिन माह-तिथि नक्षत्र राशि समय
22 जनवरी शनि पौष -चतुर्थी उत्तरा फाल्गुनी सिंह 10:38-14:06 | 16:30-31:14
23 जनवरी रवि पौष -पंचमी उत्तरा फाल्गुनी कन्या 07:14-11:09
हस्त कन्या 11:09-31:13
24 जनवरी सोम पौष -षष्ठी हस्त कन्या 15:57-16:07 | 27:47-31:07
विवाह मुहूर्त 2022: फरवरी
तारीख़ दिन माह-तिथि नक्षत्र राशि समय
4 फरवरी शुक्र माघ-चतुर्थी उत्तराभाद्रपद मीन 15:57-16:07 | 27:47-31:07
5 फरवरी शनि माघ-पंचमी उत्तराभाद्रपद मीन 07:07-16:08
रेवती मीन 16:08-31:07
6 फरवरी रवि माघ-षष्ठी रेवती मीन 07:07-16:22
अश्विनी मेष 17:58-31:06
7 फरवरी सोम माघ-सप्तमी अश्विनी मेष 07:06-18:58
9 फरवरी बुध माघ-अष्टमी रोहिणी वृष 24:23-31:04
10 फरवरी गुरु माघ-नवमी रोहिणी वृष 07:04-18:48
18 फरवरी शुक्र माघ-द्वितीया उत्तराफाल्गुनी सिंह/कन्या 16:42-30:56
19 फरवरी शनि माघ-तृतीया उत्तराफाल्गुनी कन्या 06:56-10:16
विवाह मुहूर्त 2022: अप्रैल
तारीख़ दिन माह-तिथि नक्षत्र राशि समय
15 अप्रैल शुक्र चैत्र-चतुर्दशी उत्तराफाल्गुनी कन्या 05:56-07:55
16 अप्रैल शनि चैत्र-पूर्णिमा चित्रा कन्या 14:21-26:44
तुला 27:56-29:54
17 अप्रैल रवि चैत्र-प्रतिपदा चित्रा तुला 05:54-07:16
19 अप्रैल मंगल चैत्र-तृतीया अनुराधा वृश्चिक 17:01-25:39
20 अप्रैल बुध चैत्र-चतुर्थी मूल धनु 24:29-29:50
21 अप्रैल गुरु चैत्र-पंचमी मूल धनु 05:50-21:51
22 अप्रैल शुक्र चैत्र-षष्ठी उत्तराषाढ़ा धनु/मकर 20:14-29:48
23 अप्रैल शनि चैत्र-सप्तमी उत्तराषाढ़ा मकर 05:48-18:53
श्रवण मकर 18:53-29:47
24 अप्रैल रवि चैत्र-नवमी श्रवण मकर 05:47-14:22
27 अप्रैल बुध चैत्र-द्वादशी उत्तराभाद्रपद मीन 17:05-17:36
विवाह मुहूर्त 2022: मई
तारीख़ दिन माह-तिथि नक्षत्र राशि समय
2 मई सोम वैशाख-द्वितीया रोहिणी वृष 24:33-29:39
3 मई मंगल वैशाख-तृतीया रोहिणी वृष 05:39-16:14 | 18:38-20:31
9 मई सोम वैशाख-अष्टमी मघा सिंह 17:56-19:53 | 25:01-29:34
10 मई मंगल वैशाख-नवमी मघा सिंह 05:34-18:40
11 मई बुध वैशाख-दशमी उत्तराफाल्गुनी सिंह/कन्या 19:28-29:33
12 मई गुरु वैशाख-एकादशी उत्तराफाल्गुनी कन्या 05:33-07:18
हस्त कन्या 19:30-27:44
15 मई रवि वैशाख-चतुर्दशी स्वाति तुला 09:48-12:46
17 मई मंगल वैशाख-प्रतिपदा अनुराधा वृश्चिक 07:17-10:46
18 मई बुध वैशाख-तृतीया मूल धनु 08:57-13:18
19 मई गुरु वैशाख-चतुर्थी मूल धनु 05:28-05:37
20 मई शुक्र वैशाख-पंचमी उत्तराषाढ़ा धनु/मकर 05:28-25:18
श्रवण मकर 25:18-28:11
21 मई शनि वैशाख-षष्ठी श्रवण मकर 05:28-14:59
26 मई गुरु वैशाख-एकादशी रेवती मीन 15:50-23:50
27 मई शुक्र वैशाख-द्वादशी अश्विनी मेष 05:25-11:48
31 मई मंगल ज्येष्ठ-प्रतिपदा मृगशिरा वृष 19:19-24:33
विवाह मुहूर्त 2022: जून
तारीख़ दिन माह-तिथि नक्षत्र राशि समय
1 जून बुध ज्येष्ठ-द्वितीया मृगशिरा मिथुन 05:24-13:00
5 जून रवि ज्येष्ठ-षष्ठी मघा सिंह 2:13-28:47
6 जून सोम ज्येष्ठ-षष्ठी मघा सिंह 05:23-26:25
7 जून मंगल ज्येष्ठ-सप्तमी उत्तराफाल्गुनी सिंह 27:49-28:26
8 जून बुध ज्येष्ठ-अष्टमी उत्तराफाल्गुनी सिंह/कन्या 05:23-20:00
9 जून गुरु ज्येष्ठ-नवमी हस्त कन्या 25:49-28:26
10 जून शुक्र ज्येष्ठ-दशमी चित्रा कन्या/तुला 05:23-18:42
11 जून शनि ज्येष्ठ-एकादशी स्वाति तुला 10:10-26:05
13 जून सोम ज्येष्ठ-चतुर्दशी अनुराधा वृश्चिक 05:23-09:48
17 जून शुक्र ज्येष्ठ-तृतीया श्रवण मकर 14:21-17:17
23 जून गुरु ज्येष्ठ-दशमी अश्विनी मेष 07:20-09:09 | 21:42-28:52
24 जून शुक्र ज्येष्ठ- अश्विनी मेष 05:25-08:04
विवाह मुहूर्त 2022: जुलाई
तारीख़ दिन माह-तिथि नक्षत्र राशि समय
4 जुलाई सोम आषाढ़-पंचमी मघा सिंह 05:28-08:43
6 जुलाई बुध आषाढ़-सप्तमी उत्तराफाल्गुनी कन्या 11:11-11:42
7 जुलाई गुरु आषाढ़-अष्टमी हस्त कन्या 07:44-12:19
चित्रा कन्या 12:19-24:22
8 जुलाई शुक्र आषाढ़-नवमी चित्रा तुला 05:30-12:13
स्वाति तुला 12:13-29:30
9 जुलाई शनि आषाढ़-दशमी स्वाति तुला 05:30-11:25
14 जुलाई से 26 सितंबर तक की मुहूर्त तिथियाँ देवशयन कालिक हैं। ऐसे में, ये उत्तर भारत में मान्य नहीं होंगी ।
14 जुलाई गुरु आषाढ़-प्रतिपदा उत्तराषाढ़ा मकर 09:47-20:36
18 जुलाई सोम आषाढ़-पंचमी उत्तराभाद्रपद मीन 25:16-29:35
19 जुलाई मंगल आषाढ़-षष्ठी उत्तराभाद्रपद मीन 05:37-07:50
रेवती मीन 19:37-29:36
20 जुलाई बुध आषाढ़-सप्तमी रेवती मीन 05:36-12:02
अश्विनी मेष 13:38-29:36
21 जुलाई गुरु आषाढ़-अष्टमी अश्विनी मेष 05:36-12:19
23 जुलाई शनि आषाढ़-दशमी रोहिणी वृष 19:03-29:38
24 जुलाई रवि आषाढ़-एकादशी रोहिणी वृष 05:38-22:00
मृगशिरा वृष 22:00-29:38
25 जुलाई सोम आषाढ़-द्वादशी मृगशिरा वृष/मिथुन 05:38-15:03
30 जुलाई शनि श्रावण-द्वितीया मघा सिंह 19:00-29:42
31 जुलाई रवि श्रावण-तृतीया मघा सिंह 05:42-14:20
विवाह मुहूर्त 2022: अगस्त
तारीख़ दिन माह-तिथि नक्षत्र राशि समय
1 अगस्त सोम श्रावण-चतुर्थी उत्तराफाल्गुनी सिंह 16:06-16:49 | 29:13-29:43
2 अगस्त मंगल श्रावण-पंचमी उत्तराफाल्गुनी कन्या 05:43-17:29
हस्त कन्या 23:45-29:44
3 अगस्त बुध श्रावण-षष्ठी हस्त कन्या 05:44-18:24
चित्रा कन्या 18:24-29:44
4 अगस्त गुरु श्रावण-सप्तमी चित्रा कन्या/तुला 05:44-18:47
स्वाति तुला 18:47-29:07
5 अगस्त शुक्र श्रावण-अष्टमी स्वाति तुला 16:36-18:37
8 अगस्त सोम श्रावण-एकादशी मूल धनु 28:36-29:47
9 अगस्त मंगल श्रावण-द्वादशी मूल धनु 05:47-12:18
10 अगस्त बुध श्रावण-त्रयोदशी उत्तराषाढ़ा धनु/मकर 09:39-29:48
11 अगस्त गुरु श्रावण-चतुर्दशी उत्तराषाढ़ा मकर 05:48-06-553
श्रवण मकर 06:53-10:39 | 20:51-28:07
14 अगस्त रवि श्रावण-तृतीया उत्तराभाद्रपद मीन 22:36-29:25
19 अगस्त शुक्र श्रावण-अष्टमी रोहिणी वृष 25:43-29:53
20 अगस्त शनि श्रावण-नवमी रोहिणी वृष 05:53-28:39
मृगशिरा वृष 28:39-29:53
21 अगस्त रवि श्रावण-दशमी मृगशिरा वृष 05:53-14:21 | 27:36-29:54
22 अगस्त सोम श्रावण-एकादशी मृगशिरा मिथुन 05:54-07:41
28 अगस्त रवि भाद्रपद-प्रतिपदा उत्तराफाल्गुनी सिंह/कन्या 21:56-29:58
29 अगस्त सोम भाद्रपद-द्वितीया उत्तराफाल्गुनी कन्या 05:58-23:04
हस्त कन्या 23:04-29:17
30 अगस्त मंगल भाद्रपद-तृतीया हस्त कन्या 15:33-24:04
चित्रा कन्या 24:04-27:31
31 अगस्त बुध भाद्रपद-चतुर्थी चित्रा तुला 17:49-24:12
स्वाति तुला 24:12-29:59
विवाह मुहूर्त 2022: सितंबर
तारीख़ दिन माह-तिथि नक्षत्र राशि समय
1 सितंबर गुरु भाद्रपद-पंचमी स्वाति तुला 05:59-24:12
4 सितंबर रवि भाद्रपद-अष्टमी मूल धनु 22:31-30:01
5 सितंबर सोम भाद्रपद-नवमी मूल धनु 06:01-20:05
6 सितंबर मंगल भाद्रपद-एकादशी उत्तराषाढ़ा मकर 27:05-30:02
7 सितंबर बुध भाद्रपद-द्वादशी उत्तराषाढ़ा मकर 06:02-16:00
श्रवण मकर 16:00-21:27 | 27:39:30:03
8 सितंबर गुरु भाद्रपद-त्रयोदशी श्रवण मकर 06:03-13:46
26 सितंबर सोम आश्विन-प्रतिपदा हस्त कन्या 27:09-30:12
देवशयनी एकादशी समाप्त
विवाह मुहूर्त 2022: नवंबर
तारीख़ दिन माह-तिथि नक्षत्र राशि समय
25 नवंबर शुक्र मार्गशीर्ष-द्वितीया मूल धनु 18:09-28:58
26 नवंबर शनि मार्गशीर्ष-तृतीया मूल धनु 06:8-14:58
28 नवंबर सोम मार्गशीर्ष-पंचमी श्रवण मकर 10:29-30:55
29 नवंबर मंगल मार्गशीर्ष-षष्ठी श्रवण मकर 06:55-08:38
विवाह मुहूर्त 2022: दिसंबर
तारीख़ दिन माह-तिथि नक्षत्र राशि समय
1 दिसंबर गुरु मार्गशीर्ष-अष्टमी उत्तराभाद्रपद मीन 29:43-30:57
2 दिसंबर शुक्र मार्गशीर्ष-दशमी उत्तराभाद्रपद मीन 06:57-29:50
4 दिसंबर रवि मार्गशीर्ष-द्वादशी अश्विनी मेष 07:04-27:40
7 दिसंबर बुध मार्गशीर्ष-चतुर्दशी रोहिणी वृष 20:47-31:02
8 दिसंबर गुरु मार्गशीर्ष-पूर्णिमा रोहिणी वृष 07:02-12:33
मृगशिरा वृष/मिथुन 12:33-31:02
9 दिसंबर शुक्र मार्गशीर्ष-प्रतिपदा मृगशिरा मिथुन 07:02-14:59
14 दिसंबर बुध मार्गशीर्ष-षष्ठी मघा सिंह 08:06-10:46

ऊपर दिए गए विवाह मुहूर्त 2022 की मदद से आप अपनी सुविधानुसार 2022 में विवाह संस्कार करने की तिथि का चयन कर सकते हैं। लेकिन विवाह से पहले वर-वधु अपनी कुंडली किसी पंडित या ज्योतिषी को एक बार ज़रूर दिखा लें और ऊपर दी गयी सूची से आपने जिस भी तिथि का चयन किया है उसके विषय में भी परामर्श अवश्य कर लें।

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2022 में विवाह मुहूर्त का महत्व

हिन्दू समाज में विवाह ऐसी परंपरा है, जिससे एक व्यक्ति के परिवार का विस्तार होता है। पारिवारिक जीवन विवाह के बाद कितना खुशहाल रहने वाला है, होने वाला पति या पत्नी कैसा होगा और उनके साथ रिश्ता कैसा रहेगा, यह सारी चीज़ें वर-वधु की जन्म कुंडलियों के साथ ही इस बात पर निर्भर करता है कि उनका विवाह किस समय, किस घड़ी, किस लग्न में हुआ है। साथ ही विवाह के समय ग्रहों-नक्षत्रों की दशा क्या है! इसीलिए तो विवाह के लिए कुंडली मिलान, सात फेरे, सात वचन से लेकर विवाह के दौरान किये जाने वाले हर एक रीती-रिवाज के लिए शुभ मुहूर्त निकलवाने की परंपरा है।

कई बार लोग जल्दी-जल्दी में या फिर जानकारी के अभाव में केवल शुभ दिन देखकर शादी की डेट तय कर देते हैं और आजकल के मॉडर्न समय में कुछ लोग तो खुद से ही शादी की तारीख़ तय कर लेते, लेकिन आपको शायद पता नहीं कि विवाह जैसे शुभ कर्म में हुई एक छोटी सी भूल वर-वधु को आजीवन प्रभावित कर सकती है। इसीलिए हिन्दू पंचांग के आधार पर सभी ग्रह-नक्षत्रों के चाल का बारीकी से अध्ययन करने के विवाह मुहूर्त निकालना चाहिए। ताकि शुभ विवाह मुहूर्त के शुभ प्रभावों से भावी वर-वधु का जीवन सुखी रहे।

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वैदिक ज्योतिष द्वारा विवाह मुहूर्त 2022 की गणना

किसी भी व्यक्ति के विवाह के लिए मुहूर्त का चयन करते समय विवाह भाव (कुंडली के सातवें भाव) पर अधिक महत्व देते हैं। इसके अलावा मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, भकूट दोष, गण दोष तथा अन्य दोष-अदोष का भी बारीकी से अध्ययन किया जाता है। इसके अलावा मुहूर्त की गणना के दौरान यह देखा जाता है कि वर और वधु के जन्म के समय चंद्रमा किस नक्षत्र में स्थित थे। जिस नक्षत्र में चंद्रमा स्थित हो, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर की मदद से विवाह के लिए शुभ तिथि का चयन करना चाहिए। चलिए आपको विवाह संस्कार के लिए शुभ और अशुभ मुहूर्त के बारे में कुछ खास जानकारियां देते हैं-

शुभ विवाह मुहूर्त 2022

विवाह संस्कार संपन्न करने के लिए “ज्येष्ठ, माघ, फाल्गुन, मार्गशीर्ष, वैशाख और आषाढ़” माह शुभ माना जाता है। इसके अलावा नक्षत्रों में “अनुराधा, मूल, मृगशिरा, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, हस्त, रेवती, उत्तरा भाद्रपद, रोहिणी, मघा और स्वाति” विवाह के लिए शुभ मान्य हैं। वहीँ अगर लग्न की बात करें तो “वृष, मिथुन, कन्या, तुला और धनु” विवाह के लिए शुभ माने जाते हैं।

विवाह मुहूर्त की गणना के समय वधु के लिए गुरुबल और वर के लिए सूर्यबल पर विशेष रूप से विचार किया जाता है। ऐसे में यदि वधु की राशि में बृहस्पति “द्वितीय, पंचम, सप्तम, नवम और एकादश” भाव में हो तो यह शुभ माना जाता है। तो वहीँ दूसरी तरफ यदि वर की राशि में सूर्य “तृतीय, षष्टम, दशम और एकादश भाव” में हो तो यह संयोग विवाह के लिए शुभ माना जाता है। गुरुबल और सूर्यबल के अलावा वर-वधु दोनों की ही कुंडली में एक साथ चंद्रबल की स्थिति भी देखी जानी चाहिए, इसीलिए पंचांग के अनुसार यदि चंद्रमा वर और वधु की राशि में “तृतीय, षष्टम, सप्तम, दशम और एकादश” भाव में हो तो यह चंद्रबल विवाह संस्कार के लिए शुभ माना जाता है।

अशुभ विवाह मुहूर्त 2022

विवाह मुहूर्त के चयन के समय रिक्ता तिथि (चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी) का चुनाव बिलकुल भी ना करें, क्योंकि इस तिथि में शुरू किए सभी कार्य निष्फल होते हैं। इसके अलावा विवाह संपन्न करने के लिए मंगलवार का दिन अशुभ माना गया है। विवाह मुहूर्त में योग का भी खास महत्व होता है, ऐसे में “अतिगण्ड, शूल, गण्ड, व्याघात, परिघ, इंद्र और वैधृति” योगों से बचें।

“चतुष्पाद, विष्टि, शकुनि और नाग” करण में विवाह करना वर्जित माना जाता है, क्योंकि इन करण में विवाह करने से वर या वधु की जान को खतरा होता है या विवाह के बाद परिवार का विनाश हो जाने का डर भी रहता है। विवाह कभी भी चातुर्मास के दौरान न करें। शास्त्रों के अनुसार इन चार महीने के दौरान भगवान विष्णु क्षीर सागर में निद्रा अवस्था में रहते हैं। इसके अलावा खरमास, मलमास, क्षयमास और पितृपक्ष या महालया के दौरान भी विवाह नहीं किया जाना चाहिए।

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विवाह मुहूर्त 2022 की गणना के दौरान ज़रूर बरतें ये सावधानियां

विवाह एक ऐसा गठबंधन है, जिसके बाद दो लोगों की ज़िन्दगी पूरी तरह बदल जाती है, इसीलिए इस शुभ कार्य के लिए मुहूर्त का चयन करते समय की जाने वाली गणना के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। हम सभी जानते हैं कि यदि किसी कार्य को शुभ मुहूर्त पर शुरू किया जाए तो जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। तो चलिए आपको बताते हैं कि विवाह मुहूर्त 2022 तिथियों की गणना के समय किन बातों का ध्यान ज़रूर रखना चाहिए।

  • कर्मफलदाता शनि देव, विवाह लग्न से बारहवें भाव में और मंगल देव, विवाह लग्न से दसवें भाव में विराजमान ना हो।
  • भावी वर और वधु की कुंडली के विवाह लग्न से तीसरे स्थान में शुक्र देव और लग्न भाव में कोई भी क्रूर ग्रह उपस्थित ना हो।
  • वर और वधु में से किसी की भी कुंडली में आठवें घर का स्वामी विवाह लग्न में बैठा नहीं हो।
  • अगर विवाह किये जाने वाला लड़का घर का ज्येष्ठ है या वधु घर की ज्येष्ठ है तो ऐसी स्थिति में उनकी शादी उनके जन्म के माह, तिथि, नक्षत्र और लग्न में करना अशुभ रहता है। वहीँ बड़े लड़के के बाद की संतान की शादी उसके जन्म के माह, नक्षत्र और तिथि में करना शुभ माना जाता है।
  • वर-वधु के सगे भाई-बहन का विवाह उनके विवाह के 6 महीनों के अंदर बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए।
  • विवाह मुहूर्त निकालते समय सबसे पहले वर-वधु की कुंडली मिलायी जाती है और ग्रह-नक्षत्रों की चाल को देखकर यह बताया जाता है कि उनके 36 में कितने गुण मिल रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार 36 में से कम से कम 18 गुणों का मिलना एक सुखी वैवाहिक जीवन के लिए ज़रूरी होता है। ऐसी मान्यता है कि 18 से कम गुण मिलने पर शादीशुदा जीवन में अक्सर समस्यायें आती रहती हैं।

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उम्मीद है कि इस लेख में विवाह मुहूर्त 2022 के बारे में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी। एस्ट्रोकैंप से जुड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद !

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