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अन्नप्राशन मुहूर्त 2020 | Annaprashan Muhurat 2020 Dates & Timings

Author: -- | Last Updated: Tue 24 Sep 2019 6:49:33 PM

अन्नप्राशन मुहूर्त 2020 - यहाँ वर्ष 2020 के अन्नप्राशन्न मुहूर्त की सूची दी गयी है। आप अपनी सुविधा के अनुसार अपनी संतान का अन्नप्राशन्न संस्कार करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन कर सकते हैं।

Annprashan Muhurat 2020

अन्नप्राशन मुहूर्त 2020 -विस्तृत सूची

दिनाँक दिन मास-तिथि नक्षत्र अन्नप्राशन मुहूर्त की समयावधि
2 जनवरी 2020 गुरुवार पौष शु. सप्तमी पूर्वाभाद्रपद 07:14-12:44 बजे तक
8 जनवरी 2020 बुधवार पौष शु. त्रयोदशी रोहिणी 07:15-13:56 बजे तक
27 जनवरी 2020 सोमवार माघ शु. तृतीया शतभिषा 07:12-14:37 बजे तक
29 जनवरी 2020 बुधवार माघ शु. चतुर्थी पूर्वाभाद्रपद 12:13-14:29 बजे तक
30 जनवरी 2020 गुरुवार माघ शु. पंचमी उत्तराभाद्रपद 07:11-13:20 बजे तक
7 फरवरी 2020 शुक्रवार माघ शु. त्रयोदशी पुनर्वसु 07:06-13:53 बजे तक
26 फरवरी 2020 बुधवार फाल्गुन शु. तृतीया उत्तराभाद्रपद 06:50-14:53 बजे तक
28 फरवरी 2020 शुक्रवार फाल्गुन शु. पंचमी अश्विनी 06:48-14:45 बजे तक
5 मार्च 2020 गुरुवार फाल्गुन शु. दशमी आर्द्रा 11:26-13:19 बजे तक
26 मार्च 2020 गुरुवार चैत्र शु, द्वितीया रेवती 06:18-15:20 बजे तक
3 अप्रैल 2020 शुक्रवार चैत्र शु. दशमी पुष्य 06:09-13:58 बजे तक
6 अप्रैल 2020 सोमवार चैत्र शु. त्रयोदशी पूर्वाफाल्गुनी 12:16-14:36 बजे तक
8 अप्रैल 2020 बुधवार पूर्णिमा हस्त 06:03-08:05 बजे तक
30 अप्रैल 2020 गुरुवार वैशाख शु. सप्तमी पुष्य 05:41-14:39 बजे तक
25 मई 2020 सोमवार ज्येष्ठ शु. तृतीया मृगशिरा 05:26-05:54 बजे तक
27 मई 2020 बुधवार ज्येष्ठ शु. पंचमी पुनर्वसु 05:25-15:49 बजे तक
1 जून 2020 सोमवार ज्येष्ठ शु. दशमी हस्त 05:24-13:16 बजे तक
5 जून 2020 शुक्रवार पूर्णिमा अनुराधा 13:56-15:14 बजे तक
22 जून 2020 सोमवार आषाढ़ शु. प्रतिपदा आर्द्रा 13:31-16:27 बजे तक
24 जून 2020 बुधवार आषाढ़ शु. तृतीया पुष्य 05:25-10:14 बजे तक
27 जुलाई 2020 सोमवार श्रावण शु. सप्तमी चित्रा 05:40-07:10 बजे तक
29 जुलाई 2020 बुधवार श्रावण शु. दशमी विशाखा 08:33-15:34 बजे तक
03 अगस्त 2020 सोमवार पूर्णिमा उत्तराषाढ़ा 09:26-16:00 बजे तक
21 अगस्त 2020 शुक्रवार भाद्रपद शु. तृतीया उत्तराफाल्गुनी 05:54-14:00 बजे तक
27 अगस्त 2020 गुरुवार भाद्रपद शु. नवमी ज्येष्ठा 12:37-14:26 बजे तक
28 अगस्त 2020 शुक्रवार भाद्रपद शु. दशमी मूल 05:57-08:39 बजे तक
31 अगस्त 2020 सोमवार भाद्रपद शु. त्रयोदशी श्रवण 05:59-08:49 बजे तक
2 सितंबर 2020 बुधवार पूर्णिमा शतभिषा 06:00-10:52 बजे तक
18 सितंबर 2020 शुक्रवार आश्विन शु. प्रतिपदा उ.फाल्गुनी 12:51-15:03 बजे तक
19 अक्टूबर 2020 सोमवार आश्विन शु. तृतीया अनुराधा 06:26-06:49 बजे तक
21 अक्टूबर 2020 बुधवार आश्विन शु. पंचमी मूल 06:27-06:57 बजे तक
23 अक्टूबर 2020 शुक्रवार आश्विन शु. सप्तमी उत्तराषाढ़ा 06:29-06:57 बजे तक
26 अक्टूबर 2020 सोमवार आश्विन शु. दशमी शतभिषा 06:29-09:00 बजे तक
29 अक्टूबर 2020 गुरुवार आश्विन शु. त्रयोदशी उत्तराभाद्रपद 06:31-14:04 बजे तक
16 नवंबर 2020 सोमवार कार्तिक शु. प्रतिपदा अनुराधा 07:07-12:54 बजे तक
19 नवंबर 2020 गुरुवार कार्तिक शु. पंचमी पूर्वषाढ़ा 09:38-12:42 बजे तक
27 नवंबर 2020 शुक्रवार कार्तिक शु. द्वादशी अश्विनी 08:28-13:38 बजे तक
30 नवंबर 2020 सोमवार कार्तिक पूर्णिमा रोहिणी 06:56-13:26 बजे तक
17 दिसंबर 2020 गुरुवार मार्गशीर्ष शु. तृतीया उत्तराषाढ़ा 07:08-13:44 बजे तक
24 दिसंबर 2020 गुरुवार मार्गशीर्ष शु. दशमी अश्विनी 07:11-13:17 बजे तक

अन्नप्राशन मुहूर्त 2020: करें अपनी संतान का अन्नप्राशन संस्कार

अन्नप्राशन मुहूर्त 2020 के माध्यम से जानते हैं क्या होता है अन्नप्राशन संस्कार। अन्नप्राशन, हिन्दू धर्म के 16 संस्कारों में से एक है। इस संस्कार के तहत पहली बार किसी बच्चे को अन्न खिलाया जाता है। हम जानते हैं कि अन्न का महत्व हमारे जीवन में कितना बड़ा है। बिना अन्न-जल के जीवन संभव नहीं है। अन्न से हमें ऊर्जा मिलती है। जब कोई बच्चा जन्म लेता है तो वह भोजन के लिए अपनी माँ के दूध पर ही निर्भर होता है। लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा होता है फिर माँ के दूध को त्यागकर अन्न ग्रहण करने लगता है। हिन्दू संस्कृति में जब बच्चा पहली बार भोजन ग्रहण करता है तो इस व्यवस्था को अन्नप्राशन संस्कार कहा जाता है। सामान्य रूप से यह संस्कार बच्चे के जन्म के छह माह के बाद होता है।

अन्नप्राशन दो, शब्दों के योग से मिलकर बना है। इसमें पहला अन्न है जिसका अर्थ अनाज से है जबकि दूसरा शब्द प्राशन है, जिसका अर्थ प्रक्रिया से है। यानि किसी शिशु को प्रथम बार अन्न खिलाने की परंपरा। भारत के अलग-अलग हिस्सों में इस संस्कार को भिन्न-भिन्न नाम से जाना जाता है। जैसे- पश्चिम बंगाल- मुखेभात, केरल में चोरुनु और उत्तराखंड में भातखुलाई आदि।

अन्नप्राशन मुहूर्त 2020: क्यों होता है अन्नप्राशन संस्कार?

अन्नप्राशन मुहूर्त 2020 के माध्यम से जानते हैं संस्कार का महत्व। हिन्दू धर्म में किए जाने वाले 16 संस्कार यूँ ही नहीं किए जाते हैं, बल्कि इनके पीछे धार्मिक, आध्यात्मिक और तार्किक बातें जुड़ी होती हैं। शिशु का अन्नप्राशन संस्कार के पीछे भी तर्कसंगत बातें भी जुड़ी हैं। यह संस्कार शिशु के अच्छे स्वास्थ्य और उचित पोषण के निमित्त किया जाता है। दरअसल, जब शिशु अपनी माँ के गर्भ में होता है तो उसके शरीर में दूषित भोजन के कण चले जाते हैं। जब उस शिशु का अन्नप्राशन संस्कार होता है तो उसके शरीर में शुद्ध भोजन पहुँचता है। इस संस्कार के जरिए बालक बलशाली और तेजस्वी बनता है। शिशु के जन्म के छह महीने बाद उसके मुख में दाँत आने लगते हैं। शिशु की पाचन क्रिया भी मजबूत होने लगते हैं। जब उस शिशु के शरीर में अन्न पहुँचता है तो उसके शरीर और मन का विकास होने लगता है।

अन्नप्राशन मुहूर्त की आवश्यकता क्यों?

अन्नप्राशन मुहूर्त 2020 के इस लेख के माध्यम से हम आपको बताते हैं कि अन्नप्राशन संस्कार की आवश्यकता क्यों होती है। सदा से हिन्दू परंपरा रही है कि जब कोई भी शुभ कार्य किया जाता है तो उस विशेष कार्य के लिए एक निश्चित शुभ समय निर्धारित किया जाता है। यही शुभ समय मुहूर्त या शुभ मुहूर्त के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से कार्य में सफलता प्राप्त होता है। जिस उद्देश्य के लिए कार्य किया जाता है वह पूरा होता है। चूंकि अन्नप्राशन्न संस्कार एक शुभ कार्य है। अतः इस संस्कार के लिए भी मूहूर्त की आवश्यकता होती है।

अन्नप्राशन मुहूर्त का मतलब है कि वह शुभ समय जिसमें किसी बच्चे का अन्नप्राशन संस्कार संपन्न किया जाए। अन्नप्राशन्न मुहूर्त के लिए वैदिक पंचांग में तिथि, वार शुभ ग्रह, नक्षत्र आदि का विचार किया जाता है। इसलिए तो यह संस्कार पंडितों से कराया जाता है अथवा उनसे परामर्श लिया जाता है। हालाँकि कुछ लोग अपनी कुल परंपरा के अनुसार अपने बच्चे का अन्नप्राशन्न संस्कार करते हैं।

अन्नप्राशन मुहूर्त 2020: गणना की विधि

अन्नप्राशन मुहूर्त 2020 की गणना किस प्रकार से की गई। किसी भी अच्छे कार्य के लिए मुहूर्त पंचांग को ही देखकर निकाला जाता है। लेकिन अन्नप्राशन मुहूर्त के लिए पहले बच्चे की कुंडली को देखा जाता है। इसमें ग्रह की चाल एवं नक्षत्रों का अध्ययन किया जाता है तत्पश्चात् ही अन्नप्राशन मुहूर्त को निर्धारित किया जाता है। मुहूर्त को निर्धारित करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखा जाता है -

  • दिनों में सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार का दिन अन्नप्राशन्न मुहूर्त के लिए शुभ माना जाता है।
  • पक्षों (शुक्ल व कृष्ण) में प्रति माह में आने वाला शुक्ल पक्ष इस संस्कार के लिए शुभ होता है।
  • किंतु कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, तृतीया, पंचमी, सप्तमी एवं दशमी तिथि में अन्नप्राशन संस्कार होता है।
  • वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर और कुंभ लग्न को अन्नप्राशन संस्कार के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
  • नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि भी अन्नप्राशन संस्कार के लिए शुभ होती है।
  • जिस नक्षत्र में शिशु का जन्म होता है उस नक्षत्र में अन्नप्राशन संस्कार नहीं करना चाहिए।
  • अमावस्या, ग्रहण में अन्नप्राशन संस्कार नहीं करना चाहिए।

अन्नप्राशन संस्कार के नियम

अन्नप्राशन मुहूर्त 2020 में किया जाने वाला अन्नप्राशन संस्कार लिंगानुसार (बालक और बालिका) किया जाता है। यदि शिशु बालक है तो उसका अन्नप्राशन संस्कार जन्म के सम माह 6 या 8वें महीने बाद किया जाना चाहिए। जबकि शिशु बालिका है तो उसका संस्कार विषम माह में 5 या फिर 7वें माह किया जाता है। अन्नप्रासन संस्कार में बच्चों को चावल की खीर खिलायी जाती है। यह संस्कार विधिवत तरीके से या तो घर या फिर किसी मंदिर में किया जाता है।

अन्नप्राशन मुहूर्त 2020: संस्कार की विधि

  • सबसे पहले बच्चे को स्नान कराएँ।
  • स्नान के बाद शिशु को नए वस्त्र पहनाएँ।
  • संस्कार जहाँ हो रहा है (मंदिर/घर) वहाँ हवन-यज्ञ का आयोजन करें।
  • शुभ मुहूर्त में ईश्वर या कुल देवी/देवता की पूजा करने के बाद सबसे पहले उन्हें खीर का भोग लगाएं।
  • इसके बाद चाँदी के पात्र में बच्चे को खीर खिलाएँ।
  • अन्नप्राशन कराते समय बालक मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।
  • बच्चे को खीर घर के बड़े बुजुर्गों को खिलाना चाहिए और उसे आशीर्वाद देना चाहिए।
  • अन्नप्राशन संस्कार होने के बाद बच्चे के समक्ष चाँदी के बर्तन में पुस्तक, रत्न, कलम, मिट्टी आदि वस्तुएँ रखी जाती हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है कि जब बच्चा अपने सामने रखी हुई चीज़ों में से कोई चीज़ उठाता है तो वह भविष्य में उसी चीज़ से संबंधित व्यापार या नौकरी करता है।

हम आशा करते हैं कि अन्नप्राशन मुहूर्त 2020 से संबंधित यह लेख आपके लिए कारगर साबित होगा। हमारी वेबसाइट विजिट करने के लिए आपका धन्यवाद!

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