एस्ट्रोकैंप का यह नाम से कुंडली मिलान टूल वैदिक ज्योतिष के सिद्धांतों पर आधारित है जो कि वर और वधु की कुंडली की पूरी पूरी गणना करने के बाद आपको सटीक परिणाम बताएगा। नाम के अनुसार कुंडली मिलान द्वारा आपको सारे गुणों और दोषों की जानकारी प्राप्त होगी। आप इस टूल में वर और कन्या के नाम को भरकर निःशुल्क कुंडली मिलान कर सकते हैं।
नाम से कुंडली मिलान, इसलिए आवश्यक है क्योंकि कई बार वर और वधु की जन्म कुंडली ज्ञात नहीं होती है। ऐसी स्थिति में दोनों के नाम से कुंडली मिलान कर उनके बीच की सामंजस्यता को देखा जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह के लिए वर और कन्या की कुंडली को अवश्य ही मिलाया जाना चाहिए, जिससे की आने वाले समय में उनके वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या न पैदा हो। वास्तव में यह टूल वर-वधु के साथ-साथ ज्योतिषियों एवं ज्योतिष से जुड़े शोधों और ज्योतिष विद्यार्थियों के लिए भी बेहद कारगर है।
यह अक्सर देखा गया है कि नाम के अनुसार कुंडली मिलान करने से लोगों के दिमाग में ये वहम की स्थिति पैदा हो जाती है कि उनके नाम का प्रयोग कर मिलाई गयी कुंडली पूरी तरह सही होगी या नहीं या इससे जो भी परिणाम आएँगे वे सही होंगे या नहीं? ज्योतिष सिद्धांत ये कहता है कि कुंडली मिलान के लिए सबसे सही और सटीक तरीका वर और कन्या की जन्म पत्रिका का मिलान है।
लेकिन देखा जाए तो हममें से बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अपनी तिथि, समय और जन्म स्थान की जानकारी नहीं होती है जिसकी वजह से वे ज्योतिषीय लाभ से वंचित रह जाते हैं। आपकी इस समस्या का समाधान करने के लिए हमने इस सुविधा की शुरुआत एस्ट्रोकैंप पर की है जो आपके नाम से कुंडली मिलान करने में आपकी मदद करेगा। इसे इस्तेमाल करना बेहद आसान है और इसकी मदद से जो भी जानकारी आप प्राप्त करेंगे वे आपके लिए काफ़ी मददगार रहेगी।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, नाम से कुंडली मिलान का अर्थ होता है कि वर और कन्या दोनों के नाम का नक्षत्रों के हिसाब से गुणों का मिलान करना। कुंडली मिलान की इस प्रक्रिया में विवाह के लिए प्रस्तावित वर कन्या के नाम से यह ज्ञात किया जाता है कि उनके कितने गुण मिल रहे हैं। इन्हीं गुणों के आधार पर यह तय होता है कि उनका वैवाहिक जीवन कैसा होने वाला है। ये माना जाता है कि वर और कन्या के 36 गुण मिलने पर ही विवाह का शुभ संकेत मिलता है।
हालाँकि जब नाम से कुंडली मिलान किया जाता है तो कुछ परिस्थितियों में जो गणना की जाती है वह पूरी तरह से ठीक हो, यह सत्य नहीं है। क्योंकि इसमें दो परिस्थितियाँ है जिनके बारे में जानना हमारे लिए बेहद आवश्यक हैं पहला ये कि वर या कन्या का नाम जन्म के समय की गणना के अनुसार ही रखा गया था और दूसरा कि उस समय ऐसे ही कोई पसंदीदा नाम रख दिया था।
हिन्दू धर्म में पुरानी परंपरा ये रही है कि जब किसी के घर बच्चा पैदा होता था तो परिजन ज्योतिष या पंडित को बुलाकर उनकी सलाह से ही बच्चे का नामकरण करते थे। ज्योतिष जन्म के समय के अनुसार ही बच्चे के नाम का पहला अक्षर बताते थे, जिससे बच्चे का नाम सोचा जाता था, लेकिन आज के इस आधुनिक समय में देखा जाए तो लोग बिना किसी ज्योतिषी गणना के बच्चे के पैदा होने से पहले हीं नाम सोच लेते हैं। जो कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण के हिसाब उचित नहीं है। ऐसी स्थिति में भविष्य में इस नाम से बनाई गयी कुंडली ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सटीक नहीं होगी और इस कुंडली से ज्ञात किया जाने वाला भी फलादेश उतना सटीक नहीं होगा।
उदाहरण के लिए यह मान लेते हैं कि जन्म समय के अनुसार आपके बच्चे का नाम निकला है “त” से लेकिन आपने बच्चे का नाम रख दिया “स” अक्षर से। इस तरह भविष्य में आपका बच्चा यदि अपना राशिफल देखेगा या फिर कुंडली मिलान करेगा तो वह अपने नाम के हिसाब से करेगा जोकि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से गलत होगा। क्योंकि जिस अक्षर से नाम रखा जाना चाहिए था आपने उससे नहीं रखा। ऐसे में जब नाम राशि हीं सही नहीं है तो फिर जो निष्कर्ष आएगा वो पूरी तरह से सही नहीं होगा।
नाम से कुंडली मिलान टूल आजकल काफ़ी प्रचलन में है जिसका इस्तेमाल लोग कुंडली मिलान के लिए कर रहे हैं। जन्म का समय ज्ञात न होने पर आप भी अपने नाम का प्रयोग कर सकते हैं। नाम से कुंडली मिलान के समय चांद का वर-वधू की गृह राशि में स्थान ज्ञात कर गुणों का पता किया जाता है। इससे निकाला गया परिणाम भी आपके भविष्य और आने वाले वैवाहिक जीवन के लिए मददगार रहेगा।
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