Author: Vijay Pathak | Last Updated: Thu 11 Apr 2024 5:44:42 PM
एस्ट्रोकैंप के इस 2024 पूर्णिमा ब्लॉग में आप 2024 में पड़ने वाली पूर्णिमा की सभी तिथियों और उनसे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में पढ़ सकते हैं। यहां आप जान सकते हैं कि ज्योतिष में पूर्णिमा का क्या महत्व होता है, पूर्णिमा का क्या अर्थ है और इस तिथि पर क्या ज्योतिषीय उपाय कर के आप अपने ईष्ट देवता का आशीर्वाद पा सकते हैं।
जिस रात्रि को पूर्ण चंद्रमा दिखाई देता है, उसे पूर्णिमा कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इस तिथि को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि पूर्णिमा को चंद्रमा की शक्ति और आकर्षण बढ़ जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो, पूर्णिमा को ज्वार भाटा तीव्र हो जाता है। इस दिन समुद्र की लहरें भी तेज हो जाती हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पूर्णिमा का प्रभाव व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है। मनुष्य के शरीर में इस समय पानी का स्तर बढ़ जाता है जिससे उसकी ऊर्जा और भावनाओं में भी वृद्धि होती है।
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पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा होती है और यह दिन विशेष रूप से चंद्र देव को समर्पित है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा का मानव जीवन और पर्यावरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है इसलिए इस दिन चंद्रमा की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन लोग चंद्रमा निकलने पर कई अनुष्ठान और प्रार्थनाएं करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं।
आइए अब जानते हैं वर्ष 2024 में पूर्णिमा तिथियों के बारे में।
तिथि |
दिनांक |
पौष पूर्णिमा |
25 जनवरी, गुरुवार |
माघ पूर्णिमा |
24 फरवरी, शनिवार |
फाल्गुन पूर्णिमा |
25 मार्च, सोमवार |
चैत्र पूर्णिमा |
23 अप्रैल, मंगलवार |
वैशाख पूर्णिमा |
23 मई, गुरुवार |
ज्येष्ठ पूर्णिमा |
22 जून, शनिवार |
आषाढ़ पूर्णिमा |
21 जुलाई, रविवार |
श्रावण पूर्णिमा |
19 अगस्त, सोमवार |
भाद्रपद पूर्णिमा |
18 सितंबर, बुधवार |
अश्विन पूर्णिमा |
17 अक्टूबर, गुरुवार |
कार्तिक पूर्णिमा |
15 नवंबर, शुक्रवार |
मार्गशीर्ष पूर्णिमा |
15 दिसंबर, रविवार |
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हिंदू धर्म में 2024 पूर्णिमा का ज्योतिषीय महत्व है और इसे हिंदू कैलेंडर पंचांग में बहुत शुभ दिन माना जाता है। मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की शक्ति अपने चरम पर होती है और यह समय धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयुक्त होता है। इसके अलावा पूर्णिमा भावनाओं की लहरों को भी तेज कर देती है। इस कारण से पूर्णिमा का समय पुराने घावों को भरने, नकारात्मक विचारों और भावनाओं से उबरने के लिए एकदम सही होता है। ध्यान और आत्मनिरीक्षण के लिए पूर्णिमा का समय बहुत शुभ और लाभकारी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पूर्णिमा मन और शरीर के बीच संतुलन और शांति लेकर आती है। यह भावनाओं और शारीरिक स्वास्थ्स के बीच संतुलन लाने में मदद करती है। आध्यात्मिक प्रगति के लिए भी पूर्णिमा का समय शुभ होता है।
मान्यता है कि 2024 पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से आत्मा, शरीर और मन साफ और शुद्ध हो जाता है। इस तिथि पर व्रत रखने वाले व्यक्ति को अपने ईष्ट देवता का आशीर्वाद, शांति और सुख की प्राप्ति होती है। अपने ईष्ट देवता के प्रति अपनी भक्ति को दर्शाने और आत्म-अनुशासन सीखने एवं अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण पाने के लिए भी यह व्रत रखा जाता है।
हर क्षेत्र में पूर्णिमा के दौरान अलग-अलग अनुष्ठान किए जाते हैं लेकिन कुछ आम रीतियों में पूजा करना, दीये जलाना, मंत्र उच्चारण और प्रसाद बांटना शामिल है। कुछ समुदायों में विवाहित स्त्रियां बरगद के वृक्ष पर पवित्र सूत्र बांधती हैं जो कि अपने पति के प्रति निष्ठा और प्रेम को दर्शाता है।
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पूर्णिमा क दिन प्रात:काल जल्दी उठकर सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में स्नान किया जाता है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु या भगवान शिव की आराधना करें। घर में सत्यनारायण की पूजा करवाने के लिए पूर्णिमा तिथि को बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन आप पूरे दिन व्रत रखकर रात को एक समय भोजन कर सकते हैं लेकिन भोजन में नमक और अनाज शामिल नहीं होना चाहिए।
पूर्णिमा व्रत सूर्योदय से आरंभ होता है और चंद्रमा के निकलने पर इस व्रत का समापन होता है। शाम को भक्त चंद्रमा की पूजा और अपनी मनोकामना की पूर्ति की कामना करते हैं। इसके बाद प्रसाद ग्रहण किया जाता है।
व्रत एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है और विशेष रूप से पूर्णिमा व्रत रखने से मनुष्य के शरीर और मन एवं मस्तिष्क पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। पूर्णिमा उपवास रखने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, शरीर में एसिड की मात्रा कंट्रोल होती है, शारीरिक शक्ति बढ़ती है और पाचन तंत्र साफ होता है। इस दिन व्रत रखने से मस्तिष्क और शरीर आराम महसूस करता है। 2024 पूर्णिमा व्रत मानव के पूरे तंत्र को शक्ति से भर देता है और उसके जीवन में सुख और शांति लेकर आता है।
पूर्णिमा |
त्योहार |
पौष मास पूर्णिमा |
शाकंभरी जयंती |
माघ मास पूर्णिमा |
गुरु रविदास जयंती |
फाल्गुन मास पूर्णिमा |
होलिका दहन |
चैत्र मास पूर्णिमा |
हनुमान जयंती |
वैशाख मास पूर्णिमा |
बुद्ध जयंती |
ज्येष्ठ मास पूर्णिमा |
वट सावित्री व्रत |
आषाढ़ मास पूर्णिमा |
गुरु पूर्णिमा और व्यास पूजा |
श्रावण मास पूर्णिमा |
रक्षाबंधन |
भाद्रपद मास पूर्णिमा |
पितृ पक्ष आरंभ |
अश्विन मास पूर्णिमा |
शरद पूर्णिमा और कोजाग्र पूजन |
कार्तिक मास पूर्णिमा |
गुरु पर्व |
मार्गशीर्ष मास पूर्णिमा |
दत्तात्रेय जयंती |
2024 पूर्णिमा तिथि पर दान और दक्षिणा देना काफी शुभ माना जाता है और अन्य दिनों की तुलना में इस दिन दान करने से 32 गुना अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन आप धन, वस्त्रों या भोजन आदि का दान कर सकते हैं। इस तिथि पर गरीबों लोगों को खाना खिलाने से पुण्य मिलता है। पूर्णिमा पर गरीबों को भोजन खिलाने से व्यक्ति को सभी पापों से भी मुक्ति मिल जाती है।
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आप पूर्णिमा के दिन व्रत रख सकते हैं और महामृत्युंजय मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं। इस दिन मांसाहार का सेवन करने से बचें। किसी भी व्यक्ति को अपशब्द या बुरे वचन ना कहें। इसके अतिरिक्त पूर्णिमा का दिन मेडिटेशन करने के लिए सबसे ज्यादा लाभकारी होता है। यह दिन बुरी चीजों को जाने देने के लिए है इसलिए इस तिथि पर किसी भी नए कार्य की शुरुआत करने से बचना चाहिए।
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