Author: Vijay Pathak | Last Updated: Tue 13 Sep 2022 9:10:42 PM
मुहूर्त 2023, एस्ट्रोकैंप के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम आपको आने वाले साल की शुभ तिथियों एवं शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, जो किसी नए या मांगलिक कार्य को शुरू करने के लिए बेहद ज़रूरी मानी जाती है। इसके अलावा, हम आपको विभिन्न तरह के मुहूर्त, उनका महत्व और इनकी गणना करते समय बरती जानी वाली सावधानियों से भी रूबरू कराएंगे इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मुहूर्त एक ऐसी अवधि है जिसे किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य को करने के लिए शुभ माना जाता है। इन कार्यों में शादी-विवाह, सगाई, नामकरण, गृह प्रवेश, मुंडन आदि शामिल हैं। साथ ही संपत्ति और वाहन की खरीदारी या नए घर की नींव रखने जैसे कार्यों को भी शुभ मुहूर्त देखने के बाद ही किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुहूर्त की गणना कैसे की जाती है? असल में ज्योतिषियों द्वारा ग्रहों की चाल और स्थिति के आधार पर मुहूर्त की गणना की जाती है।
Read In English: Muhurat 2023
किसी भी कार्य के लिए शुभ मुहूर्त निकालते समय बहुत सी बातों पर गौर किया जाता है ताकि गलती की संभावना कम से कम हो, इसलिए आपको हमेशा अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है। शुभ मुहूर्त, ग्रहों एवं नक्षत्रों का ऐसा संयोग है, जो हर तरह की नकारात्मकता को दूर करके सकारात्मकता को बढ़ाता है। ये बात सच है कि हम अपने जन्म के समय को नहीं बदल सकते, लेकिन किसी कार्य को कौन से समय पर करना चाहिए, इस बात को हम तय कर सकते हैं। यही वजह है कि प्रत्येक कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखना चाहिए, ताकि काम में मिलने वाली सफलता की संभावना अधिक हो।
यहाँ हम आपको 2023 के सबसे महत्वपूर्ण मुहूर्त 2023 जैसे गृह प्रवेश, जनेऊ, विवाह आदि के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आप मुहूर्त 2023 के बारे में विस्तारपूर्वक जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
ज्योतिष में शुभ और अशुभ समय को मुहूर्त का नाम दिया गया है। इस प्रकार, शुभ समय को शुभ मुहूर्त कहते हैं जबकि अशुभ समय को अशुभ मुहूर्त कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि शुभ मुहूर्त के दौरान किये जाने वाले काम में सफलता मिलने की संभावना अधिक होती है। साथ ही इस दौरान किया जाने वाला कार्य, समारोह या अनुष्ठान निर्विघ्न पूरा होता है इसलिए ये बहुत जरूरी है कि कोई भी काम करने से पहले मुहूर्त 2023 देखें। आज से नहीं, बल्कि वैदिक काल से ही शुभ मुहूर्त देखने का विधान रहा है।
आज के दौर में लोगों के पास इतना वक़्त नहीं है कि वे महत्वपूर्ण कार्य के मुहूर्त 2023 के बारे में जानने के लिए ज्योतिषी से संपर्क करें। इसलिए कई बार आपने देखा होगा कि मेहनत, सही योजना और समर्पण के बावजूद भी लोगों को अपनी उम्मीद के अनुसार परिणाम नहीं मिलते हैं। इन असफलताओं का मुख्य कारण अशुभ मुहूर्त हो सकता है। मुहूर्त उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी एवं महत्वपूर्ण है, जिनके पास जन्म कुंडली नहीं है या कुंडली में कोई दोष मौजूद है। ऐसे जातकों को भी मुहूर्त 2023 में कार्य करने से सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होती है।
वैदिक ज्योतिष में हर विषय का विस्तार से वर्णन किया गया है। जब हम बात करते हैं शुभ मुहूर्त या शुभ अवधि की गणना के बारे में, तो कुछ बातों को ध्यान में रखा जाता है, जो इस प्रकार हैं:
इन सभी कारकों का गहन विश्लेषण करने के बाद ही मुहूर्त 2023 निकाला जाता है। शास्त्रों के अनुसार, अगर आप अशुभ योग से बने अशुभ मुहूर्त में किसी कार्य को करते हैं, तो आपको फलदायी परिणामों की प्राप्ति नहीं होगी।
क्या आप उत्सुक हैं मुहूर्त 2023 के प्रकार और उनके प्रभाव के बारे में जानने के लिए? अगर हाँ, तो पढ़ना जारी रखें।
क्रमांक | नाम | प्रकृति | समय अवधि |
1 | रुद्र | अशुभ | 06:00 – 06:48 (सूर्योदय) |
2 | अहि | अशुभ | 06:48 – 07:36 |
3 | मित्रा | शुभ | 07:36 – 08:24 |
4 | पितृ | अशुभ | 08:24 – 09:12 |
5 | वासु | शुभ | 09:12 – 10:00 |
6 | वराह | शुभ | 10:00 – 10:48 |
7 | विश्वदेव | शुभ | 10:48 – 11:36 |
8 | विधि | शुभ (सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर) | 11:36 – 12:24 |
9 | सुतामुखी | शुभ | 12:24 – 13:12 |
10 | पुरुहुतो | अशुभ | 13:12 – 14:00 |
11 | वाहिनी | अशुभ | 14:00 – 14:48 |
12 | नकटनाकार | अशुभ | 14:48 – 15:36 |
13 | वरुण | शुभ | 15:36 – 16:24 |
14 | आर्यमन | शुभ (रविवार को छोड़कर) | 16:24 – 17:12 |
15 | भागा | अशुभ | 17:12 – 18:00 |
16 | गिरीश | अशुभ | 18:00 – 18:48 (सूर्यास्त) |
17 | अजपदा | अशुभ | 18:48 – 19:36 |
18 | अहीरबुध्न्य | शुभ | 19:36 – 20:24 |
19 | पुष्य | शुभ | 20:24 – 21:12 |
20 | अश्विनी | शुभ | 21:12 – 22:00 |
21 | यम | अशुभ | 22:00 – 22:48 |
22 | अग्नि | शुभ | 22:48 – 23:36 |
23 | विदार्थ | शुभ | 23:36 – 24:24 |
24 | कांडा | शुभ | 24:24 – 01:12 |
25 | अदिति | शुभ | 01:12 – 02:00 |
26 | जीव/अमृत | अत्यंत शुभ | 02:00 – 02:48 |
27 | विष्णु | शुभ | 02:48 – 03:36 |
28 | द्युमद्गद्य्युति | शुभ | 03:36 – 04:24 |
29 | ब्रह्म | अत्यंत शुभ | 04:24 – 05:12 |
30 | समुद्रम | शुभ | 05:12 – 06:00 |
गोधूलि लग्न: सूर्योदय के समय लग्न राशि से सातवीं राशि होती है गोधूलि लग्न। इस अवधि को किसी भी कार्य के लिए शुभ माना जाता है क्योंकि इस लग्न में सभी प्रकार के दोषों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। गोधूलि लग्न में तिथि, नक्षत्र, दिन, करण, मुहूर्त, नवांश, योग, जामित्र दोष, आठवें भाव में ग्रह की स्थिति आदि की गणना नहीं की जाती है। इस अवधि में ग्यारहवें, तीसरे और दूसरे भाव में चंद्रमा स्थित हो, तो इन सभी पहलुओं को शुभ माना जाता है।
अशुभ मुहूर्त: कई मुहूर्तों को उनके नकारात्मक प्रभावों की वजह से कार्यों के लिए वर्जित माना गया है। यह अशुभ समय दो अवधियों के बीच में आता है जैसे तिथि, नक्षत्र, दिन आदि। उदाहरण के लिए, किसी नक्षत्र के समाप्त होने और तिथि के शुरू होने के बीच के समय को अशुभ माना जाता है और यह अवधि 1 घंटे 36 मिनट तक होती है।
मुहूर्त 2023 से अधिक से अधिक परिणामों की प्राप्ति के लिए आपको नीचे दी गई सावधानियों का पालन करना चाहिए।
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