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वक्री बुध 2022 की संपूर्ण सूची | बुध ग्रह वक्री 2022 की तिथि और उपाय

Author: -- | Last Updated: Tue 21 Sep 2021 9:42:44 AM

बुध वक्री 2022 (Budh Vakri 2022) को ज्योतिष में एक बेहद ही महत्वपूर्ण घटना माना जाता है, और यह जातकों के जीवन में प्रमुख परिवर्तन और बदलाव लाने की क्षमता रखता है। यही कारण है कि इसे ज्योतिष, पारंपरिक और पश्चिमी दोनों ही क्षेत्रों में महत्व दिया गया है। ऐसे में वक्री बुध से हमारे जीवन में क्या कुछ शुभ-अशुभ परिवर्तन आयेंगे और किन उपायों की मदद से हम वक्री बुध के परिणाम को कम या दूर कर सकते हैं और बुध वक्री कब और किस दिन हो रहा है यह जानने के लिए बहुत से लोग इंटरनेट की मदद लेते हैं।

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आमतौर पर, अधिकांश जातकों की जन्म कुंडली में एक या एक से अधिक ग्रहों का मुख्य तौर पर प्रभाव देखने को मिलता है। वक्री ग्रह प्रत्यक्ष ग्रह की तुलना में पूरी तरह से अलग व्यवहार करते हैं। बुध की सीधी चाल से बुध की वक्री गति में काफी अंतर होता है। साथ ही इससे मिलना वाला फल भी अलग और महत्वपूर्ण होता है।

बुध तर्कसंगत सोच, संचार, निर्णय लेने, कंप्यूटर डेटा, लेखन, सूचना और कम दूरी की यात्रा का ग्रह माना गया है। ज्योतिष में बुध को लाभकारी ग्रह माना जाता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह अशुभ फल भी देता है। 6वें, 8वें, और 12 वें भाव में स्थित हो या जब बुध कुंडली में 6वें, 8वें, और 12 वें भाव का स्वामी होता है तब बुध अच्छे परिणाम देने में विफल रहता है। बुध एक दोहरी प्रकृति वाला ग्रह है और मिथुन और कन्या राशि पर शासन करता है। बुध द्वारा शासित शरीर के अंग हाथ, कान, फेफड़े और तंत्रिका तंत्र हैं।

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बुध का महत्व | Importance of Mercury

वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को ईश्वर का दूत माना गया है। इसके अलावा मिथुन राशि और कन्या राशि का स्वामित्व बुध ग्रह को प्राप्त है। साथ ही बुध सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह है। जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह शुभ स्थिति में होता है ऐसे व्यक्तियों की सोचने की क्षमता बेहद अधिक तीव्र होती है। हालांकि वह बेवजह चिंता और कोई भी निर्णय सही ढंग से ना ले पानी की समस्या से भी परेशान रहते हैं। ऐसे में शुभ बुध के प्रभाव से व्यक्ति लेखक, ज्योतिषि, समाचार पत्रकार, मीडियाकर्मि, गणितज्ञ, सीए, वकील, व्यापारिक व्यक्ति आदि बनने में सफल रहता है।

बुध ग्रह एक तटस्थ ग्रह है, और यह तर्कसंगतता, धारणा और राय पर शासन करता है। यह बातचीत करने, समन्वय करने, सोचने, समझने और संसाधित करने की आपकी क्षमता को निर्धारित करता है। यह आपकी दिमाग की बात को व्यक्त करने की क्षमता और आपकी वाणी और संचार की शक्ति का बुद्धिमानी से उपयोग करने की क्षमता को भी निर्धारित करता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में मौजूद होता है ऐसे व्यक्तियों को तर्क शक्ति की कमी, दिमाग में अस्थिरता, भाषण में अनेकों प्रकार के विकार, उच्चारण में खराबी, सीखने में कठिनाई, त्वचा से संबंधित समस्याएं, तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याएं, याद रखने में समस्याएं, और साथ ही कोई भी ज्ञान गहराई से समझने और प्राप्त करने में ढेरों परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे जातकों को आमतौर पर खराब अभिव्यक्ति और संचार त्रुटियों के कारण सामाजिक परिस्थितियों में तनाव और परेशानियों का सामना करने की आशंका बनी रहती है।

ब्रह्मांड में कोई भी ग्रह वक्री चाल नहीं चलता है। ग्रहों की वक्री चाल या वक्री दशा केवल एक भ्रम होता है। कई बार पृथ्वी से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि कोई ग्रह गति में नहीं है यानि की वो रुका हुआ है या फिर पीछे की तरफ चल रहा है। इसे ही ज्योतिष में ग्रहों की वक्री गति कहा जाता है और जब ग्रह आगे की तरफ चलता है तो इसे मार्गी या प्रत्यक्ष गति कहते हैं।

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ग्रहों की वक्री अवधि के दौरान आमतौर पर सलाह यही दी जाती है कि कोई भी नया व्यापार शुरू करने का उसके बारे में विचार भी ना करें। ऐसे में ज्यादा शुभ नही साबित होगा। हालांकि एक बार जब ग्रह की वक्री अवधि समाप्त हो जाये तब आप अपने व्यापार के बारे में सही ढंग से विचार करें और उन्हें आगे बढ़ाने की योजना बनाएं और बाद में बुध के प्रत्यक्ष या मार्गी होने के बाद अपना व्यापार शुरू कर सकते हैं।

बुध ग्रह 1 साल में तीन बार वक्री होता है। क्योंकि वक्री अवधि से पहले गति धीमी हो जाती है इसे पूर्व वक्री कहा जाता है। माना जाता है कि वक्री गति के दौरान बुध अपनी शक्ति खोने लगता है और यही वजह है कि इस अवधि के दौरान कोई भी नया व्यापार आदि नहीं शुरू करने की सलाह दी जाती है। वक्री गति के बाद बुध की गति काफी धीमी रहती है जिसकी वजह से उद्यम में प्रगति देरी से मिलने की आशंका रहती है। बुध के वक्री समय में किसी भी नए शुभ काम को ना करने और स्थिर रहने के लिए सलाह दी जाती है।

बुध वक्री 2022: बुध वक्री क्या है?

वैदिक ज्योतिष में बुध को एक शुभ ग्रह के रूप में जाना जाता है। बुध वक्री गति ज्योतिष में एक स्थिति है और नौ ग्रहों में से एक बुध ग्रह को भाषण आदि का कारक कहा जाता है। इसके साथ ही बुध जातक की संचार शक्ति, ज्ञान और वाणी में वृद्धि करता है। कई बार विपरीत स्थिति में इस स्थिति को वक्री कहा जाता है।

संचार और यात्रा से संबंधित सभी चीजों को बुध नियंत्रित करता है। बुध वक्री होने पर लोगों को इन क्षेत्रों कुछ परेशानी या दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वक्री बुध के कुछ उदाहरण के तौर पर आप को समझाएं तो हमारे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में किसी तरह की खराबी आ जाना, हमारे किसी राज़ से पर्दाफाश हो जाना, कार की बैटरी खराब हो जाना, य यार दोस्तों से रिश्ते खराब हो जाना, जीवन में उथल-पुथल मत जाना। इसके अलावा बुध वक्री होने का भी लोगों के मन और मानसिक प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है। लोगों को ब्रेन फॉगिंग और उच्च चिंता जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। लोगों को पुरानी यादों और पुराने दोस्तों और पूर्व प्रेमियों के साथ मिलने के लक्षणों का भी अनुभव हो सकता है।

वक्री बुध की अवधि के दौरान या तीन बार सामना करने का सबसे अच्छा तरीका है कि इस उथल-पुथल के समय आप थोड़ा रुक जाए और अपने भविष्य के बारे में सही ढंग से चिंतन कर ले। अपने जीवन के उन क्षेत्रों की पहचान करें जिन्हें वक्री समाप्त होने के बाद बदलाव की आवश्यकता है। ज्योतिष के अनुसार इस दौरान कोई भी बड़ा और अहम फैसला लेने से बचना चाहिए। इस समय को उपयोगी बनाने के लिए कुछ प्रमुख बिंदु या कुछ सुझाव:

  • इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को साफ़ करें, कार या व्यक्तिगत स्थान की साफ़ सफाई लैवेंडर या एक ताजा कार्बनिक लैवेंडर स्प्रे के साथ करें क्योंकि यह गले चक्र को खोलता है जो संचार को नियंत्रित करता है।
  • ध्यान सबसे अच्छा विकल्प है। ध्यान से आप शांति के उस मुकाम पर पहुँच सकते हैं जिसे वक्री बुध भी नहीं हिला सकता है।
  • सिट्रीन, हीलिंग क्रिस्टल अपने पास रखें।
  • आप जो भी महसूस कर रहे हैं उसे प्रतिबिंबित करने के लिए एक डायरी रखें और उसमें अपने दिल की बात लिखें।

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बुध वक्री के दौरान जन्म लेने वाले लोग गोचर से ज्यादा प्रभावित नहीं हो सकते हैं। दूसरी ओर, वे अधिक स्पष्ट रूप से सोचने, कुशलता से कार्य करने और बेहतर निर्णय लेने में सक्षम हो सकते हैं क्योंकि इस समय के दौरान बुध को चैट करने की आवश्यकता महसूस होगीजन्म कुंडली में बुध इस दौरान घर जैसा महसूस करेगा।।

अब, बुध वक्री 2022 तिथियों की संपूर्ण सूची हम आपको नीचे प्रदान कर रहे हैं:

ग्रह वक्री प्रारंभ वक्री समाप्त इस राशि से इस राशि में
बुध वक्री शुक्रवार 14 जनवरी 2022 शुक्रवार 4 फरवरी 2022 मकर राशि मकर राशि
बुध वक्री मंगलवार 10 मई 2022 शुक्रवार 3 नवंबर 2022 वृषभ राशि वृषभ राशि
बुध वक्री शनिवार 10 सितंबर 2022 रविवार 2 अक्टूबर 2022 कन्या राशि कन्या राशि

विभिन्न भावों पर बुध वक्री का प्रभाव

आइए अब हम इस बात पर नजर डालते हैं कि जब बुध कुंडली के विभिन्न भावों में होता है तो किस तरह के फल और प्रभाव प्रदान करता है:

जब बुध कुंडली में वक्री स्थिति में होता है, तो यह जातक की कार्य प्रकृति, शक्ति, गतिविधि के स्तर और कुछ अन्य कारकों के आधार पर विभिन्न प्रकार के सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम दे सकता है। जिन जातकों की कुंडली में बुध वक्री होता है, उनकी कुंडली के विभिन्न घरों में वक्री बुध की स्थिति के आधार पर विभिन्न प्रकार के परिणाम प्राप्त होते हैं।

प्रथम भाव या लग्न में वक्री बुध:

प्रथम भाव या लग्न भाव में बुध वक्री होना जातकों के लिए शुभ नहीं माना जाता है। क्योंकि इस दौरान प्रबल संभावना रहती है कि व्यक्ति गलत निर्णय ले ले जिससे उसे भविष्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके अलावा संचार के संदर्भ में वक्री बुध जातकों को आत्म संदेह से भर देता है। इस दौरान आपके अन्य लोगों के साथ रिश्ते थोड़े उखड़े हुए और खराब होने की आशंका रहती है जिससे आप लोगों के बीच में गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा प्रथम भाव में वक्री बुध शुभ नहीं माना गया है। ऐसी स्थिति में अक्सर लोग पेशेवर ग्रोथ में रुकावट और पेशेवर जीवन में तमाम तरह की समस्याओं का अनुभव करते हैं। कुछ जातक अपने जीवन में बहुत ही कम उम्र में पेशेवर स्थिरता हासिल कर लेते हैं वहीं अन्य जातकों को लंबे समय तक बेरोजगार रहना पड़ सकता है। इसके अलावा कुछ जातकों को वैवाहिक जीवन में भी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है या विवाह में अनावश्यक विलंब हो सकता है। हालांकि यदि बुध कुंडली में किसी लाभकारी ग्रह के साथ हो या पहले भाव पर किसी ग्रह की शुभ दृष्टि हो तो ऐसी स्थिति में वक्री बुध के प्रभाव को कम या दूर किया जा सकता है।

दूसरे भाव में वक्री बुध

दूसरे भाव में बुध का वक्री होना जातक को बेहद बुद्धिमान बनाता है। ऐसे जातक कोई भी निर्णय लेने से पहले उसके ऊपर गहन विश्लेषण और विचार करते हैं और जातक अधिक तार्किक भी हो जाते हैं। व्यक्ति की कुंडली का दूसरा घर क्योंकि परिवार, भाषण, और व्यक्तिगत वित्त को नियंत्रित करता है ऐसे में धन संबंधी गलतियों से बचने के लिए जातक को अतिरिक्त ध्यान देने की सलाह दी जाती है। यदि बुध राहु और शनि के साथ होते तो पैसे आदि से संबंधी कोई समस्या हो सकती है। यह लाभ प्रभाव गायन के पेशे के माध्यम से अच्छा पैसा, नाम और प्रसिद्धि कमा सकता है बशर्ते समग्र कुंडली ऐसे पेशेवर शौक का समर्थन करती हो। जातक में गायन की प्रतिभा भी हो सकती है। जिन व्यक्तियों की कुंडली के दूसरे भाग में वक्री बुध होता है ऐसे लोग डॉक्टर, पुलिस अधिकारी, सेना अधिकारी, वकील, बैंक जैसे अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ काम करने वाले लोग और विभिन्न क्षेत्रों में कई अन्य प्रकार की पोस्ट पर भी बन सकते हैं।

तृतीय भाव में वक्री बुध

कुंडली के तीसरे भाव में वक्री बुध की स्थिति जातक को साहसी और निडर बनाती है। यह व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाता है, और उसका झुकाव थोड़ा जोखिम भरा कार्य करने की ओर होता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि संचार का तीसरा भाव, प्रयास, कौशल, प्रतिभा और भाई-बहनों के साथ संबंध को दर्शाता है। बुध तीसरे घर में जातक के पेशेवर पहलू के लिए अच्छा साबित होता है क्योंकि यह जातक को अपने स्वयं के व्यवसाय या अभ्यास के माध्यम से अच्छी मात्रा में धन, सफलता और प्रसिद्धि का आशीर्वाद प्रदान करता है। इसके प्रभाव से कुछ जातक लाभकारी प्रभाव के रूप में प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, वकील, लेखक, कवि, ब्लॉग-राइटर, पुस्तक स्क्रिप्ट और कई अन्य प्रकार के लेखन के लिए पत्रकार बन सकते हैं। ऐसे जातक अपने रिपोर्टिंग या लेखन कौशल के माध्यम से राज्य, राष्ट्रीय और यहां तक ​​कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान प्राप्त कर सकते हैं।

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चतुर्थ भाव में वक्री बुध

चतुर्थ भाव में वक्री बुध व्यक्ति को अच्छा धन लाभ देता है, लेकिन व्यक्ति विलासिता के साथ जीवन जीने में भी लिप्त हो सकता है। चौथा भाव घर, माता, कार, संपत्ति, आराम, शांति और सुरक्षा को दर्शाता है इसलिए संभावना है कि आपके घर या माँ के साथ साझा आपका संचार इस समय नकारात्मक रूप से प्रभावित हो। अधिकांश समय, आप वक्री बुध के प्रभाव स्वरुप गृह सुरक्षा और आराम के बारे में अधिक सोचने में व्यतीत कर सकते हैं। इस प्लेसमेंट से लाभान्वित होने वाले जातक इस प्लेसमेंट की ताकत के साथ-साथ अपनी कुंडली की समग्र संरचना के आधार पर विभिन्न स्तरों पर सफलता प्राप्त कर सकते हैं और जिनकी कुंडली के चौथे घर में नीच वक्री बुध की उपस्थिति होती है, उन जातकों के विवाह में देरी की वजह भी बन सकती है, जिसके कारण ऐसा जातक अपने जीवन में बहुत देर से शादी कर पाते हैं।

पंचम भाव में वक्री बुध

पंचम भाव में बुध की उपस्थिति शुभ मानी जाती है क्योंकि पार्टनर्स के साथ संबंध बेहतर होने की संभावना प्रबल रहती है, और आप परिवार में सुख-समृद्धि का अनुभव करते हैं। पंचम भाव प्रेम, संतान, मनोरंजन, शिक्षण और सट्टा निवेश का प्रतिनिधित्व करता है। समग्र राशिफल के आधार पर आपको इन चीजों से संबंधित समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। यह जातक को उसकी शिक्षा से संबंधित अच्छे परिणाम और विशेष रूप से उसके उच्च अध्ययन से संबंधित परिणाम का आशीर्वाद प्रदान करता है जिसके कारण इस सकारात्मक प्रभाव से लाभान्वित होने वाले कुछ जातक उच्च अध्ययन में अच्छा या बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। इन जातकों के पास तेजी से चीज़ों को समझने का दिमाग, गहरी अंतर्दृष्टि और अच्छी याददाश्त होती है, जो एक औसत मूल निवासी की तुलना में तेजी से कोई भी मामला समझने में कामयाब रहते हैं।

छठे भाव में वक्री बुध

यदि बुध छठे भाव में वक्री हो तो जातक को कुछ चिंता और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। यहां जातक सभी को संदेह की नजर से देखता है, और उन्हें किसी व्यक्ति पर विश्वास करना या उस पर भरोसा करना बेहद ही मुश्किल होता है। छठा घर संघर्ष और कठिनाइयों, स्वास्थ्य रोग, रोजगार, सहकर्मियों के साथ कार्य संचार और गलतफहमी का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में इस बात की बहुत अधिक आशंका है कि आपको गलत समझा जा सकता है, या आपके सह-कर्मियों के साथ कोई बड़ी गलतफहमी हो सकती है। इसलिए आपको कोई भी फैसला लेने से पहले या किसी भी समस्या को बहुत सावधानी से समझने की सलाह दी जाती है। यह जातक को उसके जीवन के कई मोर्चों पर भी परेशान कर सकता है, और तदनुसार, इससे पीड़ित विभिन्न जातकों को कुंडली के आधार पर विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कुछ जातकों को व्यावसायिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, और उनके लिए नौकरी में स्थिरता प्राप्त करना कठिन होता है, और उन्हें पेशेवर क्षेत्र में विवादों में विभिन्न प्रकार की असहमति का सामना करना पड़ सकता है।

सप्तम भाव में वक्री बुध

कुंडली के सप्तम भाव में बुध की वक्री स्थिति जातक के जीवन में सुंदर साथी के आगमन और प्राप्ति का संकेत देती है। यदि आप एक साथी की तलाश में हैं और इस सन्दर्भ में तलाश कर रहे हैं, तो आपको अपने सपनों का साथी मिल सकता है। सप्तम भाव विवाह और साझेदारी का प्रतिनिधित्व करता है। यह अवधि दूसरों तक अपनी बातें पहुँचाने और समझाने के लिए महत्वपूर्ण और ख़ास रहने वाली है। पुराने अवसरों में नई अंतर्दृष्टि प्राप्त करने और नई व्याख्याओं को खोजने के लिए यह एक शुभ समय साबित हो सकता है। अपने साथी के साथ कुछ राहत और सुकून भरे पल बिताने के लिए यह अच्छा समय है। आप आर्थिक और सामाजिक प्रतिष्ठा स्थापित कर किसी धनी व्यक्ति से विवाह भी कर सकते हैं। शादी के बाद आप जीवन की बेहतर गुणवत्ता का आनंद ले सकते हैं। यदि बुध की युति चन्द्रमा के साथ हो तो समीकरण और भी बेहतर बन सकते हैं और आपको हमेशा अपने पति से प्यार और समर्थन हासिल होने के साथ साथ और आपको अच्छी संतान का भी आशीर्वाद प्रदान होता है।

अष्टम भाव में वक्री बुध

अष्टम भाव में बुध की स्थिति जातक को धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के प्रति बहुत उदार बनाती है। व्यक्ति को दार्शनिक दृष्टिकोण प्रदान करती है, और इससे व्यक्ति अध्यात्म के क्षेत्र में ज्यादा रुचि लेता है। आठवां घर दूसरों के साथ और आपके साथी के साथ वित्त का घर है इसलिए आपको भागीदारों और व्यवसायों के साथ वित्तीय लेन-देन में थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता है। जातक की रुचि अनुसंधान, विश्लेषक या किसी वित्तीय क्षेत्र से संबंधित करियर के क्षेत्र में होती है, ऐसा जातक किसी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान के साथ काम कर सकता है और अपने करियर में अच्छी सफलता प्राप्त करते हैं।

नवम भाव में वक्री बुध

नवम भाव में बुध और वक्री बुध होने के कारण जातक के जीवन से वाद-विवाद खत्म करने के साथ साथ व्यक्ति को बहुत बुद्धिमान बनाता है। नवम भाव धर्म, लंबी दूरी की यात्रा और उच्च शिक्षा को दर्शाता है। आप भविष्य, सच्चाई, जीवन यात्रा, या अपनी खोज के सन्दर्भ में नया दृष्टिकोण रखेंगे। जातक अपने दृष्टिकोण में अधिक दार्शनिक हो सकता है, और आप उन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देंगे जो आपके भविष्य को प्रभावित करेंगी और विभिन्न स्थितियों में सत्य के विभिन्न अनुप्रयोगों के साथ प्रयोग करेंगे। अतीत में आपने जो कुछ सीखा है, उसकी समीक्षा करने का यह एक अच्छा समय है, और यदि आपको और आपके साथी को संवाद करने में परेशानी हो रही है, तो आप इसे हल करने में सक्षम हो सकते हैं।

दशम भाव में वक्री बुध

वक्री होने के बाद दसवें भाव में वक्री बुध की स्थिति होने से जातक को पैतृक या विरासत में मिली संपत्ति से लाभ होता है, और व्यक्ति के जीवन में गरीबी न देखने की संभावना अधिक होती है। जातक के तरीके वित्त के क्षेत्र से संबंधित पेशेवर जीवन में प्रभाव का लाभ उठाते हैं, और तदनुसार वित्त से संबंधित विभिन्न भागों का पालन करते हैं, लेकिन कुछ जातक उच्च अध्ययन कर सकते हैं और पेशेवर रूप से बहुत सफल हो सकते हैं और इस अवधि के दौरान सभी प्रकार के नाम और प्रसिद्धि प्राप्त करने में भी सफल रहते हैं। जातक को विदेश जाने और बसने का भी मौका भी प्राप्त होने की संभावना रहती है। ऐसे जातकों का अपने वरिष्ठों के साथ अच्छा तालमेल रहता है और उच्च अधिकारी उसके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद भी करते हैं।

एकादश भाव में वक्री बुध

कुंडली के एकादश भाव में बुध वक्री होने से व्यक्ति को बहुत लंबा और सुखी जीवन मिलता है और जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 11 वां या एकादश भाव लक्ष्य, महत्वाकांक्षा और दोस्तों के लिए है। दोस्तों, सामाजिक दायरे के बीच आपकी अच्छी समझ होगी और आप अच्छा मुनाफा कमाएंगे। कुछ मूल निवासी अपने स्वयं के व्यवसाय की योजना बना सकते हैं, और वास्तव में, और असल में, यह ग्रह के सबसे सुंदर प्लेसमेंट में से एक है। जातक इत्र, डिजाइनर कपड़े, फैशन से संबंधित सामान, सौंदर्य प्रसाधन और ऐसी अन्य चीजों के व्यवसाय में लिप्त हो सकता है। ऐसे जातकों द्वारा प्राप्त सफलता की मात्रा कुंडली के अन्य महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करती है।

द्वादश भाव में वक्री बुध

द्वादश भाव में बुध की स्थिति जातक को निडर बनाती है और जातक के अंदर किसी का भय नहीं रहता है। जातक अपने विरोधियों को हराने का मार्ग बनाने में सफल होता है और धार्मिक गतिविधियों में भी सक्रिय भाग लेता है। बारहवां भाव खर्च, हानि, आध्यात्मिकता और विदेश व्यापार को दर्शाता है। बुध का वक्री होना बहुत फायदेमंद हो सकता है क्योंकि सोच का ग्रह आत्म-विश्लेषण और परीक्षा को प्रोत्साहित करता है। इस सकारात्मक प्रभाव के तहत कुछ जातक उच्च अध्ययन करने के लिए विदेशों में भी जा सकते हैं, और वे विदेशों में बसने का विचार भी कर सकते हैं और बहुत अच्छी व्यावसायिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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