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2024 अन्नप्राशन मुहूर्त: अन्नप्राशन संस्कार 2024 तिथि एवं समय

Author: Vijay Pathak | Last Updated: Mon 2 Sep 2024 3:33:10 PM

एस्‍ट्रोकैंप के 2024 अन्नप्राशन मुहूर्त (Annaprashan Muhurat 2024) के इस विशेष ब्‍लॉग में आपको साल 2024 में अन्नप्राशन संस्कार के लिए पड़ रही शुभ तिथियों और मुहूर्त की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा 2024 अन्नप्राशन मुहूर्त के इस ब्‍लॉग में हम जानेंगे अन्‍नप्राशन संस्‍कार के महत्‍व, मुहूर्त, तिथि और संस्‍कार के दौरान किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए आदि के बारे में। संपूर्ण जानकारी के लिए अन्‍नप्राशन मुहूर्त 2024 ब्‍लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।

2024 अन्नप्राशन मुहूर्त

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2025 के अन्नप्राशन मुहूर्त को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: अन्नप्राशन मुहूर्त 2025

हिंदू धर्म में 2024 अन्नप्राशन मुहूर्त का महत्व

हिंदू धर्म में बच्चे के जन्‍म के बाद 16 संस्‍कार किए जाते हैं जिनमें से एक अन्नप्राशन अनुष्ठान भी है। शास्‍त्रों में वर्णित 16 संस्‍कारों में अन्नप्राशन सातवां संस्‍कार है। हम सभी जानते हैं कि जन्‍म के बाद 6 महीने तक शिशु पोषण के लिए केवल मां के दूध पर निर्भर करता है लेकिन इसके बाद उसकी पोषण की जरूरतें बढ़ जाती हैं। इसकी पूर्ति के लिए 6 महीने के होने पर शिशु को पहली बार ठोस आहार खिलाया जाता है जिसे अन्नप्राशन संस्‍कार कहते हैं।

तिथि और समय

देशभर के विभिन्‍न हिस्‍सों में 2024 अन्नप्राशन मुहूर्त को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। केरल में चोरूनू संस्‍कार, बंगाल में मुखे भात, दक्षिण भारत में मुंह झूठी और हिमाचल प्रदेश में इसे भाठ खुलई कहा जाता है। तो आइए अब बिना देर किये जानते हैं 2024 अन्नप्राशन मुहूर्त तिथि और मुहूर्त के बारे में।

2024 अन्नप्राशन मुहूर्त: जनवरी

तिथि

दिन

मुहूर्त

03 जनवरी

बुधवार

सुबह 07:45 से 10:17 तक

बुधवार

सुबह 11:45 से शाम 16:41 तक

बुधवार

शा 18:55 से रात्रि 21:16 तक

12 जनवरी

शुक्रवार

शाम 18:20 से रात्रि 22:57 तक

15 जनवरी

सोमवार

सुबह 07:46 से 09:30 तक

17 जनवरी

बुधवार

सुबह 07:46 से दोपहर 12:15 तक

बुधवार

दोपहर 13:50 से रात्रि 20:21 तक

25 जनवरी

बृहस्पतिवार

दोपहर 13:19 से शाम 19:49 तक

31 जनवरी

बुधवार

सुबह 07:41 से 08:27 तक

बुधवार

सुबह 09:55 से दोपहर 12:55 तक

2024 अन्नप्राशन मुहूर्त: फरवरी

तिथि

दिन

मुहूर्त

02 फरवरी

शुक्रवार

सुबह 07:40 से 09:47 तक

शुक्रवार

सुबह 11:12 से शाम 16:57 तक

08 फरवरी

बृहस्‍पतिवार

सुबह 07:56 से दोपहर 12:24 तक

12 फरवरी

सोमवार

शाम 16:18 से रात्रि 18:38 तक

14 फरवरी

बुधवार

सुबह 07:32 से सुबह 10:25 तक

19 फरवरी

सोमवार

सुबह 07:28 से सुबह 08:40 तक

21 फरवरी

बुधवार

दोपहर 13:28 से शाम 18:03 तक

बुधवार

शाम 20:20 से रात्रि 22:37 तक

22 फरवरी

बृहस्‍पतिवार

सुबह 07:25 से 09:53 तक

बृहस्‍पतिवार

सुबह 11:28 से दोपहर 15:39 तक

26 फरवरी

सोमवार

सुबह 07:21 से दोपहर 13:28 तक

सोमवार

दोपहर 15:23 से रात्रि 22:17 तक

29 फरवरी

बृहस्‍पतिवार

सुबह 07:18 से 08:01 तक

बृहस्‍पतिवार

सुबह 09:26 से दोपहर 15:11 तक

बृहस्‍पतिवार

शाम 17:31 से रात्रि 22:05 तक

2024 अन्नप्राशन मुहूर्त: मार्च

तिथि

दिन

मुहूर्त

08 मार्च

शुक्रवार

सुबह 07:29 से दोपहर 12:25 तक

शुक्रवार

दोपहर 14:40 से रात्रि 21:34 तक

11 मार्च

सोमवार

दोपहर 12:13 से शाम 16:48 तक

सोमवार

शाम 19:06 से रात्रि 23:32 तक

27 मार्च

बुधवार

सुबह 07:40 से दोपहर 13:25 तक

बुधवार

दोपहर 15:45 से रात्रि 22:38 तक

2024 अन्नप्राशन मुहूर्त: अप्रैल

तिथि

दिन

मुहूर्त

12 अप्रैल

शुक्रवार

दोपहर 14:42 से शाम 19:16 तक

शुक्रवार

रात्रि 21:36 से 23:54 तक

15 अप्रैल

सोमवार

सुबह 06:26 से दोपहर 12:10 तक

26 अप्रैल

शुक्रवार

सुबह 07:17 से दोपहर 13:47 तक

शुक्रवार

शाम 16:05 से रात्रि 20:40 तक

2024 अन्नप्राशन मुहूर्त: मई

तिथि

दिन

मुहूर्त

03 मई

शुक्रवार

सुबह 06:49 से 11:00 तक

06 मई

सोमवार

सुबह 06:38 से दोपहर 13:08 तक

09 मई

बृहस्‍पतिवार

दोपहर 12:56 से शाम 17:30 तक

बृहस्‍पतिवार

शाम 19:49 से रात्रि 22:08 तक

10 मई

शुक्रवार

सुबह 06:22 से 08:17 तक

शुक्रवार

सुबह 10:32 से शाम 17:26 तक

शुक्रवार

शाम 19:45 से रात्रि 22:04 तक

20 मई

सोमवार

रात्रि 21:25 से 23:29 तक

23 मई

बृहस्‍पतिवार

दोपहर 14:19 से रात्रि 21:13 तक

27 मई

सोमवार

शाम 18:39 से रात्रि 23:01 तक

30 मई

बृहस्‍पतिवार

सुबह 06:59 से 09:13 तक

बृहस्‍पतिवार

सुबह 11:14 से दोपहर 13:51 तक

2024 अन्नप्राशन मुहूर्त: जून

तिथि

दिन

मुहूर्त

10 जून

सोमवार

शाम 17:44 से रात्रि 20:02 तक

19 जून

बुधवार

रात्रि 21:31 से 23:13 तक

20 जून

बृहस्‍पतिवार

सुबह 05:55 से 10:11 तक

24 जून

सोमवार

सुबह 07:35 से दोपहर 14:29 तक

26 जून

बुधवार

सुबह 09:48 से शाम 16:41 तक

शाम 18:59 से रात्रि 22:45 तक

28 जून

शुक्रवार

शाम 18:59 से रात्रि 22:45 तक

2024 अन्नप्राशन मुहूर्त: जुलाई

तिथि

दिन

मुहूर्त

03 जुलाई

बुधवार

सुबह 07:40 से दोपहर 13:54 तक

बुधवार

शाम 16:13 से रात्रि 22:18 तक

12 जुलाई

शुक्रवार

दोपहर 15:38 से रात्रि 21:43 तक

15 जुलाई

सोमवार

रात्रि 21:31 से 22:58 तक

22 जुलाई

सोमवार

दोपहर 14:58 से रात्रि 21:03 तक

25 जुलाई

बृहस्‍पतिवार

शाम 19:09 से रात्रि 22:19 तक

2024 अन्नप्राशन मुहूर्त: अगस्‍त

तिथि

दिन

मुहूर्त

02 अगस्‍त

शुक्रवार

सुबह 11:56 से दोपहर 14:15 तक

07 अगस्‍त

बुधवार

रात्रि 21:28 से 22:36 तक

09 अगस्‍त

शुक्रवार

सुबह 06:55 से 11:28 तक

शुक्रवार

दोपहर 13:48 से शाम 19:52 तक

शुक्रवार

रात्रि 21:20 से 22:45 तक

12 अगस्‍त

सोमवार

सुबह 06:43 से 09:00 तक

14 अगस्‍त

बुधवार

सुबह 11:09 से दोपहर 13:28 तक

19 अगस्‍त

सोमवार

दोपहर 15:27 से शाम 19:13 तक

23 अगस्‍त

शुक्रवार

दोपहर 12:53 से 15:11 तक

शुक्रवार

शाम 17:15 से रात्रि 23:25 तक

28 अगस्‍त

बुधवार

सुबह 06:28 से दोपहर 12:33 तक

2024 अन्नप्राशन मुहूर्त: सितंबर

तिथि

दिन

मुहूर्त

04 सितंबर

बुधवार

दोपहर 12:05 से शाम 18:10 तक

बुधवार

शाम 19:38 से रात्रि 22:38 तक

05 सितंबर

बृहस्‍पतिवार

सुबह 07:26 से 09:42 तक

बृहस्‍पतिवार

दोपहर 12:02 से शाम 18:06 तक

बृहस्‍पतिवार

शाम 19:34 से रात्रि 22:34 तक

06 सितंबर

शुक्रवार

सुबह 07:22 से 09:38 तक

शुक्रवार

सुबह 11:58 से शाम 16:20 तक

16 सितंबर

सोमवार

सुबह 06:42 से 11:18 तक

सोमवार

दोपहर 13:37 से 15:41 तक

2024 अन्नप्राशन मुहूर्त: अक्‍टूबर

तिथि

दिन

मुहूर्त

04 अक्‍टूबर

शुक्रवार

सुबह 06:47 से 10:08 तक

शुक्रवार

दोपहर 12:26 से शाम 17:40 तक

शुक्रवार

शाम 19:05 से रात्रि 22:35 तक

07 अक्‍टूबर

सोमवार

दोपहर 14:18 से शाम 18:53 तक

सोमवार

रात्रि 20:28 से 22:24 तक

17 अक्‍टूबर

बृहस्‍पतिवार

सुबह 07:18 से 11:35 तक

बृहस्‍पतिवार

दोपहर 13:39 से शाम 18:14 तक

21 अक्‍टूबर

सोमवार

सुबह 09:01 से दोपहर 15:05 तक

सोमवार

शाम 16:33 से रात्रि 23:53 तक

23 अक्‍टूबर

बुधवार

दोपहर 14:58 से शाम 16:25 तक

बुधवार

शाम 17:50 से रात्रि 23:35 तक

30 अक्‍टूबर

बुधवार

सुबह 08:25 से दोपहर 14:30 तक

2024 अन्नप्राशन मुहूर्त: नवंबर

तिथि

दिन

मुहूर्त

04 नवंबर

सोमवार

सुबह 07:07 से 10:24 तक

08 नवंबर

शुक्रवार

सुबह 07:50 से दोपहर 13:55 तक

शुक्रवार

दोपहर 15:22 से रात्रि 20:18 तक

11 नवंबर

सोमवार

सुबह 09:57 से दोपहर 12:01 तक

13 नवंबर

बुधवार

दोपहर 13:35 से सुबह 04:27 तक

बुधवार

शाम 18:03 से रात्रि 22:13 तक

14 नवंबर

बृहस्‍पतिवार

सुबह 07:26 से 11:49 तक

20 नवंबर

बुधवार

सुबह 11:25 से शाम 16:00 तक

25 नवंबर

सोमवार

सुबह 07:23 से दोपहर 12:48 तक

28 नवंबर

बृहस्‍पतिवार

सुबह 08:50 से शाम 14:04 तक

बृहस्‍पतिवार

दोपहर 15:28 से रात्रि 21:14 तक

29 नवंबर

शुक्रवार

सुबह 08:46 से 10:50 तक

2024 अन्नप्राशन मुहूर्त: दिसंबर

तिथि

दिन

मुहूर्त

05 दिसंबर

बृहस्‍पतिवार

दोपहर 13:36 से शाम 18:32 तक

बृहस्‍पतिवार

रात्रि 20:46 से 23:07 तक

06 दिसंबर

शुक्रवार

सुबह 07:32 से दोपहर 12:05 तक

25 दिसंबर

बुधवार

सुबह 07:43 से 10:50 तक

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अन्नप्राशन संस्‍कार क्‍या होता है

माता-पिता ही नहीं बल्कि पूरे परिवार के लिए शिशु का जन्‍म किसी त्‍योहार से कम नहीं होता है। शिशु के जन्‍म पर परिवार के प्रत्‍येक सदस्‍य को अत्‍यंत खुशी महसूस होती है। मां-बाप के लिए अपने बच्‍चे की हर एक चीज़ बहुत ख़ास होती है जैसे कि उसका पहला कदम, उसकी पहली हंसी और उसके मुंह से निकला पहला शब्‍द। इसी तरह अन्नप्राशन भी एक महत्‍वपूर्ण संस्‍कार है जिसमें शिशु को पहली बार ठोस आहार खिलाया जाता है।

स्‍तनपान करने के बाद जब शिशु पहली बार ठोस आहार खाना शुरू करते हैं, तो बच्‍चे की जिंदगी के इस महत्‍वपूर्ण चरण को यादगार बनाने के लिए अन्नप्राशन संस्‍कार किया जाता है। हिंदू संस्‍कृति के अनुसार, अन्नप्राशन के दौरान शिशु को सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ खिलाए जाते हैं और परिवार के सदस्‍य और माता-पिता बच्‍चे को आशीर्वाद देते हैं। अन्नप्राशन का अर्थ होता है 'पके हुए चावल खाना'। अपने बच्‍चे के इस महत्‍वपूर्ण संस्‍कार को आप घर या फिर किसी धार्मिक स्‍थल या मंदिर में भी कर सकते हैं।

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अन्नप्राशन संस्‍कार कब किया जाता है

शास्‍त्रों के अनुसार लड़कों का अन्नप्राशन संस्‍कार सम माह जैसे कि छठे, आठवें और दसवें महीने में किया जाता है। वहीं लड़कियों के लिए अन्नप्राशन का समय विषम माह जैसे कि सातवें, नौवें या ग्‍यारहवें महीने में आयोजित किया जाता है।

अन्नप्राशन संस्‍कार के लिए उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, अश्विनी, रोहिणी, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तराषाढ़ा, श्रावण, धनिष्ठा, चित्रा, स्वाति और अनुराधा नक्षत्र शुभ माने जाते हैं।

इसके अलावा सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन अन्नप्राशन संस्कार के लिए अनुकूल होते हैं।

अन्नप्राशन संस्‍कार की विधि

इस संस्‍कार के दिन बच्‍चे के सामने एक थाली रखी जाती है जिसमें पेन, किताबें, सोने के गहने, खाना और मिट्टी का एक टुकड़ा रखा जाता है। बच्‍चे को इस थाली में से कोई एक चीज उठाने के लिए कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि बच्‍चा थाली में से जिस चीज को भी उठाता है, उससे बच्‍चे की पसंद का पता चलता है। कहा जाता है कि बच्‍चा थाली में से जिस चीज को चुनता है, बड़े होने पर उसकी रुचि उसी चीज से जुड़े क्षेत्र में होती है।

उदाहरण के तौर पर, अगर बच्‍चे ने थाली में से किताब उठाई, तो इस बात की संभावना होती है कि बच्‍चा बड़ा होकर पढ़ाई में होशियार बने या फिर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करे। यह इस बात का भी संकेत देता है कि बच्‍चा बड़ा होकर ज्ञानी और दानी बनेगा और बाकी लोगों के लिए उसके मन में सहानुभूति का भाव रहेगा।

अन्नप्राशन संस्‍कार में क्‍या खिलाया जाता है

अन्नप्राशन अनुष्ठान में बच्‍चे को चावल से बनी कोई मीठी चीज़ खिलाने की प्रथा है। इस समय बच्‍चे को केवल पोषक तत्‍वों से युक्‍त और अच्‍छी तरह से पका हुआ खाना ही खिलाना चाहिए। बच्‍चे का पाचन तंत्र अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है या कमजोर होता है, इसलिए अधपका या गंदा खाना खाने से बच्‍चा बीमार पड़ सकता है।

अन्नप्राशन संस्‍कार में विशेष तौर पर खीर या पायसम खिलाने का रिवाज है। ये दोनों चीजें चावल से बनी होती हैं और अक्‍सर इन्‍हें शुभ अवसरों पर बनाया जाता है। अन्नप्राशन संस्‍कार के लिए बच्‍चे की दादी खीर पकाती है और खीर को चांदी के बर्तन में परोसकर देती हैं।

अन्नप्राशन संस्‍कार में इन बातों का रखें ध्‍यान

शिशु को पहली बार ठोस आहार खिलाने पर कुछ विशेष बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है, जैसे कि:

  • बच्‍चे को वही चीज खिलाएं, जो उसे पसंद हो। बेहतर होगा कि आप इस समय ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें जिन्‍हें बच्‍चा आसानी से पचा सके।
  • अन्नप्राशन संस्‍कार में साफ-सफाई का ख्‍याल रखना बहुत जरूरी है वरना भोजन में कीटाणु या बैक्टीरिया आने की वजह से बच्‍चा बीमार पड़ सकता है। छोटे बच्‍चों की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है और ये आसानी से बीमार पड़ जाते हैं इसलिए बच्‍चों के खाने में साफ-सफाई का पूरा ख्‍याल रखें।
  • आप बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें कि अभी आप बच्‍चे का अन्नप्राशन संस्‍कार करवा सकते हैं या नहीं।
  • खाना बनाने और बच्‍चे को खाना खिलाने से पहले हाथ जरूर धोएं। संस्कार से पहले बच्‍चे की नींद पूरी होनी चाहिए ताकि कार्यक्रम के दौरान वह सुस्त या चिड़चिड़ा ना रहे।

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसे ही और भी लेख के लिए बने रहिए एस्ट्रोकैंप के साथ। धन्यवाद !

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