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नामकरण मुहूर्त 2020 | Namkaran Muhurat 2020 Dates & Timings

Author: -- | Last Updated: Tue 24 Sep 2019 4:14:53 PM

यहाँ देखें नामकरण मुहूर्त 2020 और शुभ समय, तिथि, नक्षत्र एवं वार का चुनाव कर करें अपनी संतान का नामकरण संस्कार। नीचे दी गई नामकरण मुहूर्त 2020 की पूरी सूची वैदिक पंचांग की गणना पर आधारित है।

नामकरण मुहूर्त 2020

नामकरण मुहूर्त 2020

जनवरी नामकरण मुहूर्त 2020
दिनांक वार तिथि नक्षत्र महूर्त की समयावधि
2 जनवरी गुरुवार पौष शु. सप्तमी पूर्वाभाद्रपद 07:14-18:30
8 जनवरी बुधवार पौष शु. त्रयोदशी रोहिणी 07:15-18:06
15 जनवरी बुधवार माघ कृ. पंचमी उ.फाल्गुन 07:15-19:59
16 जनवरी गुरुवार माघ कृ. षष्ठी हस्त 07:15-09:42
17 जनवरी शुक्रवार माघ कृ. सप्तमी चित्रा 07:15-07:28
20 जनवरी सोमवार माघ कृ. एकादशी अनुराधा 07:15-15:39
27 जनवरी सोमवार माघ शु. तृतीया शतभिषा 07:15-19:12
29 जनवरी बुधवार माघ शु. चतुर्थी पूर्वाभाद्रपद 12:13-19:04
30 जनवरी गुरुवार माघ शु. पंचमी उत्तराभाद्रपद 07:11-19:00
31 जनवरी शुक्रवार माघ शु. षष्ठी रेवती 07:10-18:10
फरवरी नामकरण मुहूर्त 2020
दिनांक वार तिथि नक्षत्र महूर्त की समयावधि
7 फरवरी शुक्रवार माघ शु. त्रयोदशी पुनर्वसु 07:06-18:24
13 फरवरी गुरुवार फाल्गुन कृ. पंचमी हस्त 07:02-20:02
14 फरवरी शुक्रवार फाल्गुन कृ. षष्ठी स्वाति 07:01-18:21
21 फरवरी शुक्रवार फाल्गुन कृ. त्रयोदशी उत्तराषाढ़ा 07:08-17:21
24 फरवरी सोमवार फाल्गुन शु. प्रतिपदा शतभिषा 06:52-16:21
26 फरवरी बुधवार फाल्गुन शु. तृतीया उत्तराभाद्रपद 06:50-19:31
28 फरवरी शुक्रवार फाल्गुन शु. पंचमी अश्विनी 06:48-19:23
मार्च नामकरण मुहूर्त 2020
दिनांक वार तिथि नक्षत्र महूर्त की समयावधि
5 मार्च गुरुवार फाल्गुन शु. दशमी आर्द्रा 11:26-18:59
6 मार्च शुक्रवार फाल्गुन शु. एकादशी पुनर्वसु 11:47-18:56
11 मार्च बुधवार चैत्र कृ. द्वितीया हस्त 06:35-18:36
13 मार्च शुक्रवार चैत्र कृ. चतुर्थी स्वाति 08:51-13:59
19 मार्च गुरुवार चैत्र कृ. एकादशी उत्तराषाढ़ा 06:26-20:21
20 मार्च शुक्रवार चैत्र कृ. द्वादशी श्रवण 06:25-18:55
25 मार्च बुधवार चैत्र शु. प्रतिपदा रेवती 06:19-19:57
26 मार्च गुरुवार चैत्र शु. द्वितीया रेवती 06:18-16:28
30 मार्च सोमवार चैत्र शु. षष्ठी रोहिणी 06:13-19:37
अप्रैल नामकरण मुहूर्त 2020
दिनांक वार तिथि नक्षत्र महूर्त की समयावधि
3 अप्रैल शुक्रवार चैत्र शु. दशमी पुष्य 06:09-18:40
6 अप्रैल सोमवार चैत्र शु. त्रयोदशी पूर्वाफाल्गुनी 12:16-15:52
8 अप्रैल बुधवार पूर्णिमा हस्त 08:05-19:02
9 अप्रैल गुरुवार वैशाख कृ. द्वितीया स्वाति 06:02-18:58
16 अप्रैल गुरुवार वैशाख कृ. नवमी धनिष्ठा 18:12-20:50
17 अप्रैल शुक्रवार वैशाख कृ. दशमी उ.भाद्रपद 05:54-07:05
20 अप्रैल सोमवार वैशाख कृ. त्रयोदशी मूव 17:23-20:30
23 अप्रैल बुधवार वैशाख अमावस्या अश्विनी 07:56-16:05
27 अप्रैल सोमवार वैशाख शु. चतुर्थी मृगशिरा 14:30-20:07
29 अप्रैल बुधवार वैशाख शु. षष्ठी पुनर्वसु 05:42-19:58
30 अप्रैल गुरुवार वैशाख शु. सप्तमी पुष्य 05:41-14:39
मई नामकरण मुहूर्त 2020
दिनांक वार तिथि नक्षत्र महूर्त की समयावधि
4 मई सोमवार वैशाख शु. एकादशी उ.फाल्गुनी हस्त 06:13-19:19
8 मई शुक्रवार ज्येष्ठा कृ. प्रतिपदा विशाखा 08:38-12:55
13 मई बुधवार ज्येष्ठा कृ. षष्ठी श्रवण 05:32-19:04
14 मई गुरुवार ज्येष्ठा कृ. सप्तमी श्रवण 05:31-06:51
18 मई सोमवार ज्येष्ठ कृ. एकादशी उ.भाद्रपद रेवती 05:29-21:03
20 मई बुधवार ज्येष्ठ कृ. त्रयोदशी अश्विनी 05:28-19:43
25 मई सोमवार ज्येष्ठ शु. तृतीया रेवती 05:26-05:54
27 मई बुधवार ज्येष्ठ शु. पंचमी पुनर्वसु 05:25-20:58
28 मई गुरुवार ज्येष्ठ शु, षष्ठी पुष्य 05:25-07:27
जून नामकरण मुहूर्त 2020
दिनांक वार तिथि नक्षत्र महूर्त की समयावधि
1 जून सोमवार ज्येष्ठ शु, दशमी हस्त 05:24-13:16
3 जून बुधवार ज्येष्ठ शु, द्वादशी स्वाति 05:23-19:35
10 जून बुधवार आषाढ़ कृ. पचमी श्रावण 05:23-10:34
11 जून गुरुवार आषाढ़ कृ. षष्ठी धनिष्ठा 11:28-19:29
12 जून सोमवार आषाढ़ कृ. दशमी रेवती 09:58-18:48
15 जून बुधवार आषाढ़ कृ. एकादशी अश्विनी 05:23-16:31
17 जून बुधवार आषाढ़ कृ. एकादशी अश्विनी 05:23-06:04
19 जून गुरुवार आषाढ़ कृ. त्रयोदशी कृत्तिका 10:31-11:02
22 जून सोमवार आषाढ़ शु. प्रतिपदा आर्द्रा 13:31-20:49
24 जून बुधवार आषाढ़ शु. तृतीया पुष्य 05:25-10:14
जुलाई नामकरण मुहूर्त 2020
दिनांक वार तिथि नक्षत्र महूर्त की समयावधि
2 जुलाई गुरुवार आषाढ़ शु. द्वादशी अनुराधा 05:27-20:10
9 जुलाई गुरुवार श्रावण कृ. चतुर्थी शतभिषा 10:12-19:42
16 जुलाई गुरुवार श्रावण कृ. एकादशी कृत्तिका 18:53-20:57
17 जुलाई शुक्रवार श्रावण कृ. द्वादशी रोहिणी 05:34-20:27
27 जुलाई सोमवार श्रावण शु. सप्तमी चित्रा 05:40-07:10
29 जुलाई बुधवार श्रावण शु. दशमी विशाखा 08:33-20:06
30 जुलाई गुरुवार श्रावण शु. एकादशी अनुराधा 05:42-07:40
अगस्त नामकरण मुहूर्त 2020
दिनांक वार तिथि नक्षत्र महूर्त की समयावधि
5 अगस्त बुधवार भाद्रपद कृ. द्वितीया धनिष्ठा 05:45-19:39
6 अगस्त गुरुवार भाद्रपद कृ. तृतीया शतभिषा 07:31-11:18
10 अगस्त सोमवार भाद्रपद कृ. षष्ठी अश्विनी 05:48-06:43
13 अगस्त गुरुवार भाद्रपद कृ. नवमी रोहिणी 13:26-19:07
14 अगस्त शुक्रवार भाद्रपद कृ. दशमी मृगशिरा 14:02-19:03
17 अगस्त सोमवार भाद्रपद कृ. त्रयोदशी पुनर्वसु 05:52-05:58
21 अगस्त शुक्रवार भाद्रपद शु. तृतीया उत्तराफाल्गुनी 05:54-20:03
24 अगस्त सोमवार भाद्रपद शु. षष्ठी स्वाति 05:55-15:20
31 अगस्त सोमवार भाद्रपद शु. त्रयोदशी श्रवण 05:59-08:49
सितंबर नामकरण मुहूर्त 2020
दिनांक वार तिथि नक्षत्र महूर्त की समयावधि
2 सितंबर बुधवार भाद्रपद पूर्णिमा शतभिषा 10:52-18:33
4 सितंबर शुक्रवार आश्विन (अधिक) कृ. द्वितीया उत्तराषाढ़ा 06:01-19:08
9 सितंबर बुधवार आश्विन (अधिक) कृ. सप्तमी कृत्तिका 13:08-18:16
14 सितंबर सोमवार आश्विन (अधिक) कृ. द्वादशी पुष्य 06:06-15:52
17 सितंबर गुरुवार आश्विन (अधिक) अमावस्या पू. फाल्गुनी 16:30-19:42
18 सितंबर शुक्रवार आश्विन (अधिक) शु. प्रतिपदा उ.फाल्गुनी 06:08-19:38
28 सितंबर सोमवार आश्विन (अधिक) शु. द्वादशी धनिष्ठा 06:13-18:59
अक्टूबर नामकरण मुहूर्त 2020
दिनांक वार तिथि नक्षत्र महूर्त की समयावधि
2 अक्टूबर शुक्रवार आश्विन कृ. प्रतिपदा रेवती 06:15-18:43
8 अक्टूबर गुरुवार आश्विन कृ. षष्ठी मृगशिरा 06:18-16:37
15 अक्टूबर गुरुवार आश्विन कृ. त्रयोदशी उ. फाल्गुनी 06:22-08:33
19 अक्टूबर सोमवार आश्विन शु. तृतीया अनुराधा 06:25-14:08
23 अक्टूबर शुक्रवार आश्विन शु. सप्तमी उत्तराषाढ़ा 06:27-06:57
26 अक्टूबर सोमवार आश्विन शु. दशमी शतभिषा 06:29-18:44
28 अक्टूबर बुधवार आश्विन शु. द्वादशी पूर्वाषाढ़ा 09:11-18:36
29 अक्टूबर गुरुवार आश्विन शु. त्रयोदशी उत्तराभाद्रपद 06:31-15:16
नवंबर नामकरण मुहूर्त 2020
दिनांक वार तिथि नक्षत्र महूर्त की समयावधि
6 नवंबर शुक्रवार कार्तिक कृ. पंचमी आर्द्रा 06:45-18:01
12 नवंबर गुरुवार कार्तिक कृ. द्वादशी हस्त 06:42-17:37
13 नवंबर शुक्रवार कार्तिक कृ. त्रयोदशी चित्रा 06:43-17:33
16 नवंबर सोमवार कार्तिक शु. प्रतिपदा अनुराधा 06:45-14:36
19 नवंबर गुरुवार कार्तिक शु. पंचमी पूर्वषाढ़ा 09:38-09:05
20 नवंबर शुक्रवार कार्तिक शु. षष्ठी उत्तराषाढ़ा 06:48-19:01
25 नवंबर बुधवार कार्तिक शु. एकादशी उत्तराभाद्रपद 06:25-15:55
26 नवंबर गुरुवार कार्तिक शु. द्वादशी रेवती 06:53-07:34
27 नवंबर शुक्रवार कार्तिक शु. द्वादशी अश्विनी 08:28-18:34
30 नवंबर सोमवार कार्तिक पूर्णिमा रोहिणी 14:59-18:22
दिसंबर नामकरण मुहूर्त 2020
दिनांक वार तिथि नक्षत्र महूर्त की समयावधि
2 दिसंबर बुधवार मार्गशीर्ष कृ. द्वितीया मृगशिरा 06:58-10:37
9 दिसंबर बुधवार मार्गशीर्ष कृ. नवमी उ. फाल्गुनी 15:18-17:46
10 दिसंबर गुरुवार मार्गशीर्ष कृ. दशमी चित्रा 12:52-17:42
11 दिसंबर शुक्रवार मार्गशीर्ष कृ. एकादशी चित्रा 07:04-15:50
17 दिसंबर गुरुवार मार्गशीर्ष शु. तृतीया उत्तराषाढ़ा 07:08-15:18
18 दिसंबर शुक्रवार मार्गशीर्ष शु. चतुर्थी श्रवण 14:23-19:04
24 दिसंबर गुरुवार मार्गशीर्ष शु. दशमी अश्विनी 07:11-19:02
25 दिसंबर शुक्रवार मार्गशीर्ष शु. एकादशी अश्विनी 07:12-07:36
31 दिसंबर गुरुवार पौष कृ. प्रतिपदा पुनर्वसु 07:14-18:34

नामकरण मुहूर्त 2020 के माध्यम से हम आपको बताते हैं कि हिन्दू धर्म में नामकरण संस्कार 16 संस्कारों में से एक है। इस संस्कार के तहत बच्चों का नामकरण किया जाता है। नामकरण से तात्पर्य नाम रखने से है। नाम ही तो होता है जिसके ज़रिए व्यक्ति को जाना पहचाना जाता है। इसलिए हिन्दू धर्म में किसी बच्चे का नाम उसके नामकरण संस्कार से ही रखा जाता है। यह एक महत्वूर्ण और धार्मिक कर्मकांड हैं।

यह संस्कार सामान्य रूप से बच्चे के जन्म के 11 दिन बाद किया जाता है। लेकिन नियमानुसार यदि किसी बच्चे का जन्म गण्डमूल नक्षत्र में होता है। जन्म के 27 दिन बाद गण्डमूल शांति कराने के पश्चात नामकरण संस्कार किया जाना चाहिए। इसलिए हमेशा नामकरण संस्कार को किसी ज्योतिषी या पंडित के परामर्श के अनुसार ही करना चाहिए।

नामकरण मुहूर्त 2020: नामकरण संस्कार के लिए गंडमूल दोष का विचार

नामकरण मुहूर्त 2020 के अनुसार वैदिक ज्योतिष में कुछ नक्षत्रों को गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी में रखा है। दरअसल, इसका मुख्य कारण ये है कि गंडमूल नक्षत्रों का प्रभाव क्षेत्र अति संवेदनशील माना जाता है। इन्हीं नक्षत्रों के कारण गंडमूल दोष का निर्माण होता है।

नक्षत्र चक्र और राशि चक्र दोनों ही क्षेत्रों में इन गंडमूल नक्षत्रों पर संधि होती है। ये नक्षत्र केतु और बुध के होते हैं। जब केतु के नक्षत्र समाप्त होकर बुध के नक्षत्र शुरु होते हैं तो उस स्थिति में ये गंडमूल नक्षत्र कहलाते हैं। अतः नामकरण के समय गंडमूल नक्षत्रों का विचार किया जाता है।

नामकरण मुहूर्त 2020: नामकरण संस्कार के लिए मुहूर्त की आवश्यकता क्यों?

आइये नामकरण मुहूर्त 2020 के माध्यम से जानते हैं इस मुहूर्त की आवश्यकता। सनातनी परंपरा में प्रत्येक शुभ कार्य को एक शुभ समय में करने का विधान है। इसी शुभ समय को हम सामान्य भाषा में मुहूर्त के नाम से जानते हैं। चूँकि नामकरण संस्कार भी एक शुभ कर्म है। इसलिए इस कार्य को मुहूर्त में किया जाता है। नामकरण मुहूर्त के लिए बच्चे की कुंडली और वार, तिथि और नक्षत्र का विचार किया जाता है।

नामकरण मुहूर्त किसी भी दिन रखा जा सकता है। लेकिन तिथियो में चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी को नामकरण संस्कार नहीं किया जाता है। वहीं नक्षत्रों में मृगशिरा, रोहिणी, पुष्य, रेवती, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, श्रवण, अश्विनी, शतभिषा आदि में नामकरण मुहूर्त के लिए शुभ हैं। लेकिन जिस नक्षत्र में शिशु का जन्म हुआ है उसी नक्षत्र में नामकरण संस्कार करना शुभ होता है।

नामकरण मुहूर्त 2020: ऐसे करें बच्चे के नाम का चयन

आज कल बच्चे का नाम माता-पिता अपनी सुविधा के अनुसार रख देते हैं। किंतु शास्त्रों के अनुसार बच्चे का नाम उस नक्षत्र को ध्यान रखकर रखा जाता है जिसमें उस बच्चे का जन्म हुआ है। साथ ही इस प्रक्रिया में उस माह का भी विचार किया जाता है जिस महीने में बच्चे का जन्म हुआ हो। इसके अलावा बच्चे की जन्म राशि का भी विचार किया जाना चाहिए।

नामकरण मुहूर्त 2020 में विधिनुसार करें बच्चे का नामकरण संस्कार

नामकरण संस्कार एक धार्मिक कर्मकांड है इसलिए इस दौरान हवन, यज्ञ का आयोजन किया जाता है। मुख्य रूप से यह संस्कार पिता के द्वारा किया जाता है। इस दौरान अग्नि देव के सामने मंत्रों सहित पंच-भूतों और पूर्वजों का स्मरण किया जाता है। ज्योतिषी जन्म-विवरण के आधार पर बच्चे के नाम का पहला अक्षर बताता है। किंतु यदि बच्चे के पिता इस संस्कार में उपस्थित नहीं हैं तो यह संस्कार बच्चे के दादा या उसके ताऊ भी कर सकते हैं। इस अवसर पर सारे रिश्तेदार एवं परिजन बच्चे को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। नामकरण मुहूर्त 2020 के इस लेख के माध्यम से हमने नामकरण संस्कार की महत्वता उपयोगिता एवं अन्य जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी।

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