आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) या दैनिक पंचांग ऐस्ट्रोकैंप की एक ऐसी पहल है जिसके माध्यम से हम अपने पाठकों को कथित दिन की हर छोटी-बड़ी और महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर ये जानकारी इतनी महत्वपूर्ण क्यों होती हैं तो जवाब आसान है, जिससे हम अपने हर दिन को सफल, यादगार और फलदायी बना सकें इसलिए यह जानकारी जानना बेहद आवश्यक हो जाता है।
तिथि | दशमी |
पक्ष | कृष्ण |
नक्षत्र | चित्रा |
योग | अतिगण्ड |
करण | वणिज |
एस्ट्रोकैंप पर पंचांग के माध्यम से आप आसानी से हर दिन के शुभ-अशुभ मुहूर्त, सूर्योदय-सूर्यास्त, चंद्रोदय-चंद्रास्त के सटीक समय के बारे में जान सकते हैं। इसके अलावा पंचांग में आज कौन-सी तिथि, कौन सा वार, और नक्षत्र तथा उनसे बनने वाले शुभ-अशुभ योगों की जानकारी भी आपको यहाँ प्रदान की जा रही है। ये जानकारी हर दिन को और भी ज़्यादा शुभ बनाने के लिए आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है।
आज से नहीं बल्कि हिन्दू पंचांग का महत्व प्राचीन काल से चला आ रहा है। इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र में भी इसका विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि पंचांग के अनुसार दिन शुरू करने से हमें कथित दिन में किए गए कार्यों का शुभ परिणाम मिलता है। इसके अलावा कोई भी नया काम शुरू करने के लिए, महत्वपूर्ण काम करने के लिए, शुभ यात्रा पर जाने के लिए, आदि के लिए शुभ मुहूर्त कि जानकारी भी हमें दैनिक पंचांग से बेहद ही आसानी से प्राप्त हो जाती है।
अब बात करें पंचांग के मुख्य अंगों की यानि जिनके मेल से इसे तैयार किया जाता है तो इसमें आते हैं : तिथि, वार, नक्षत्र, योग, शुभ-अशुभ मुहूर्त
तिथि एक माह में कुल 30 होती हैं। इन्हे दो प्रमुख हिस्सों या पक्षों में विभाजित किया जाता है, कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। इसमें अमावस्या कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है और अमावस्या शुक्ल पक्ष की समापन तिथि को कहा जाता है।
वार का अर्थ होता है दिन। यानि सप्ताह के सात दिन जैसे, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार
नक्षत्र की बात करें तो इनकी कुल संख्या 27 होती है। पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है हिन्दू माह का नाम उसी उसी नक्षत्र पर रख दिया जाता है।
योग- अलग-अलग गणना और पंचांग के अनुसार इनकी कुल संख्या यूं तो 300 करीब बताई गयी है लेकिन आमतौर पर इनकी कुल संख्या 27 मानी जाती है।
करण: तिथि के आधे हिस्से को करण कहा जाता है। ऐसे में एक माह में जहां तिथियाँ 30 होती है वहीं करण की संख्या 60 होती है। इनमें से सात चर करण: बाव, बलव, कौलव, तैतिल्य, गारा, वनिज, विष्टी होते हैं और चार स्थिर करण: शकुनि, चतुर्पाद, नाग, कितुघना होते हैं।
शुभ-अशुभ मुहूर्त: बहुत से लोग, या यूं कहिए अधिकतर लोग रोज़ सुबह दैनिक पंचांग कथित दिन का शुभ-अशुभ मुहूर्त देखने के लिए करते हैं। जहां शुभ मुहूर्त में किया गया काम फलित होता है और व्यक्ति को सफलता दिलाता है वहीं कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य अशुभ मुहूर्त में नहीं किए जाते हैं।
इन्ही सब विशेष जानकारी को नियमित रूप से प्राप्त करने के लिए पंचांग का विशेष महत्व बताया गया है। हमारे दैनिक और विशेष कामों के लिए भी आज का पंचांग बेहद मददगार साबित हो सकता है। सरल शब्दों में कहें तो दैनिक पंचांग की मदद से हम अपने हर दिन की शुरुआत योजनाबद्ध तरीके से कर सकते हैं और शुभ-अशुभ मुहूर्त के हिसाब से काम को पहले या बाद में करके उसके शुभ फल अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं।
आप भी अपने दिन की शुभ शुरुआत कर सकें और दिन का ज़्यादा से ज़्यादा लाभ उठा सकें इसके लिए ऐस्ट्रोकैंप का यह आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) विशेष पेज विषेशतौर पर आपके लिए और आपकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हमारे विद्वान और जानकार ज्योतिषियों द्वारा तैयार किया गया है।
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